Sawan somwar 2024: ज्योतिष में सूर्य के बाद ज्योतिष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है. ज्योतिष में चन्द्रमा के बिना कोई गणना नहीं की जा सकती है. इसलिए ज्योतिष में चंद्रमा का एक प्रमुख स्थान है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण शक्ति और सारी पृथ्वी के जल तत्त्व को नियंत्रित करता है. मानव का मन और भावनाएं चन्द्रमा का ही क्षेत्र है. अगर चन्द्रमा कमजोर हो तो मन की समस्याएं व्यक्ति को काफी परेशान करती हैं. अगर चन्द्रमा को नियंत्रित किया जा सके तो निश्चित रूप से मानसिक दशा से अपार मजबूती पाई जा सकती है.
आज सावन माह का चौथा सोमवार है. कहते हैं कि सावन के किसी भी सोमवार भगवान शिव की विधिवत उपासना से मनचाहे फल की प्राप्ति की जा सकती है. आइए आज सावन के चौथे सोमवार आपको बताते हैं कि भगवान शिव का कौन सा ज्योतिर्लिंग चंद्रमा से संबंध रखता है और आप घर में इसकी उपासना कैसे कर सकते हैं.
कौन सा ज्योतिर्लिंग चन्द्रमा से संबंध रखता है?
भगवान शिव जागृत रूप में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के रूप में विद्यमान हैं. इन ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ का है. यह गुजरात के काठियावाड़ के प्रभास क्षेत्र में स्थित है. चन्द्रमा (सोम) के द्वारा इसकी स्थापना करने के कारण इसे सोमनाथ कहा जाता है. चन्द्रमा ने अपने शाप को दूर करने के लिए इस शिवलिंग की स्थापना करके विधिवत आराधना की थी. कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग और आस पास के स्थान पर चन्द्रमा को प्रभावित करने वाली उर्जा विद्यमान रहती है
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा से लाभ
जिन लोगों को भी अत्यधिक तनाव या चिंता रहती है, उन्हें सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की उपासना जरूर करनी चाहिए. मानसिक रोगियों और अवसाद की समस्या वालों के लिए भी इनकी पूजा विशेष फलदायी होती है. अगर कुंडली में ग्रहण योग हो तो भी सोमनाथ की उपासना शुभ होती है. अगर चन्द्रमा नीच राशि में हो या अस्त हो तो सोमनाथ जी की उपासना जरूर करनी चाहिए. अगर माता की आयु या जीवन की समस्या हो तो भी सोमनाथ जी की पूजा करनी चाहिए. जीवन में एक बार भी सोमनाथ में रुद्राभिषेक करने से चन्द्रमा की समस्या नहीं होती है.
घर पर कैसे करें सोमनाथ जी की उपासना?
घर में पूजा स्थान पर सोमनाथ जी का चित्र स्थापित करें. सफेद वस्त्र धारण करके प्रातः या प्रदोष काल में इनकी उपासना करें. इन्हें सफेद वस्तुएं अर्पित करें और सफेद वस्तु का ही भोग लगाएं. शिव सहस्त्रनाम, या शिव पंचाक्षर का पाठ करें. श्री सोमनाथ के मंत्र "ॐ नमो भगवते सोमनाथाय" का जाप करें. ये उपासना सोमवार को अवश्य करें.