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Shani dev Aarti: शनिवार के दिन करें शनिदेव की आरती, जीवन की सभी समस्याएं हो जाएंगी दूर

Shani dev Aarti: मान्यता है कि किसी भी काम में अड़चन आ रही हो तो शनिदेव की आराधना करनी चाहिए. शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता मिलती है. शनिदेव मनुष्य के कर्म और फल से संबंध रखते हैं.

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शनिदेव की आरती
शनिदेव की आरती

Shani dev Aarti: शनिदेव को कर्मों का देवता कहा जाता है. सभी ग्रहों में शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है. शनि का प्रभाव इतना व्यापक है कि शनि की पीड़ा से लोगं में भय पैदा हो जाता है. शनि अगर नाराज हों जिंदगी में भूचाल सा आ जाता है इसलिए शनि को अनुकूल बनाना बेहद जरूरी है. तो आइए पढ़ते हैं शनिदेव की आरती.

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शनिदेव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। 
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव ।।

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी। 
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव ।।

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। 
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव ।।

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। 
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव ।।

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। 
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनिदेव की पूजन विधि

शनिवार को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद शनि की पूजा अर्चना से विशेष लाभ होता है. उसके बाद काले या नीले आसन पर बैठकर तिल के तेल का दीपक जलाएं. फिर पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करें और शनिदेव को प्रणाम करें. अब लगातार 7 बार शनिस्तोत्र का पाठ करें ऐसा सुबह और शाम लगातार 27 दिन करें.

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