ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना गया है. ऐसा कहते हैं कि शनि की टेढ़ी नजर एक बार किसी इंसान पर पड़ जाए तो उसका पूरा जीवन दुखों से भर जाता है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या किसी का भी जीवन बर्बाद कर सकती है. इसलिए शनि देव को मनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. कोई शनिवार के दिल उन्हें सरसों का तेल चढ़ाता है तो कोई दीपक जलाता है. आइए आज आपको शनि की टेढ़ी दृष्टि का रहस्य और तेल चढ़ाने या दीपक जलाने का महत्व बताते हैं.
शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि का रहस्य
पौराणिक मान्यता है के अनुसार, शनि की पत्नी परम तेजस्विनी थी. एक रात वह पुत्र प्राप्ति की इच्छा से इनके पास पहुंचीं. शनि देव भगवान विष्णु के ध्यान में मग्न थे. इस प्रकार पत्नी प्रतीक्षा करके थक गईं. पत्नी ने क्रोध में आकर शनि देव को शाप दे दिया. शनि देव की पत्नी ने कहा कि उनकी नजर जिस पर भी पड़ेगी, वो नष्ट हो जाएगा, वो जिसे भी देखें वो नष्ट हो जाएगा. इसलिए शनि देव की दृष्टि से बचाव की सलाह दी जाती है.
शनि को तेल क्यों चढ़ाते हैं?
एक बार सूर्य देव के कहने पर हनुमान जी शनि को समझाने गए. शनि नहीं माने और युद्ध पर उतर आए. युद्ध में हनुमान जी ने शनि को हरा दिया. इस युद्ध में शनि बुरी तरह घायल हो गए. शनि के घावों को कम करने के लिए हनुमान जी ने उन्हें तेल दिया. तब शनि ने कहा कि जो कोई भी मुझे तेल अर्पित करेगा. मैं उसे पीड़ा नहीं दूंगा और उसके कष्टों को कम करूंगा. तब से शनि को तेल चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है.
शनिवार को दीपक क्यों जलाते हैं?
शनि अंधकार के प्रतीक हैं और सूर्यास्त के बाद बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं. शनि खराब हों तो जीवन में भी अंधकार छा जाता है. ज्योतिष के मुताबिक, शनिवार शाम को दीपक जलाने से जीवन का अंधकार दूर हो जाता है. इसलिए लोग शनि देव की पूजा में उन्हें सरसों के तेल का दीपक जरूर अर्पित करते हैं. यह दीपक शनिवार की शाम को ही जलाना चाहिए.
शनि का रंग काला क्यों है?
शनि देव सूर्य के पुत्र हैं. शनि का जन्म छाया और सूर्य के संयोग से हुआ है. ज्योतिष के मुताबिक, गर्भ में रहने के दौरान शनि देव सूर्य का तेज सहन नहीं कर पाए और उनका रंग काला पड़ गया. शनि के रंग को देखकर सूर्य ने इन्हें अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया. शनि से यह बात सहन नहीं हुई. तभी से शनि और सूर्य में शत्रुता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो शनि के रहस्यों के बारे में जानने वाले व्यक्ति की उपासना और भी शक्तिशाली होती है.