नौ ग्रहों में एक शनि ही हैं, जिनकी जयंती मनाई जाती है. हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. जानकार बताते हैं कि इस दिन भगवान शनि
का जन्म हुआ था, जिसके कारण इस दिन को शनि जयंति के रूप में मनाया जाता है.
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इस बार शनि जयंती 25 मई को आ रही है. 25 मई को गुरुवार है. ऐसे में इस बार अलग-अलग राशियों पर शनि का प्रभाव भी अलग-अलग देखने को मिलेगा.
जानकारों की मानें तो इस बार की शनि जयंती शुभ नहीं है. क्यों शुभ नहीं मानी जा रही है इस बार की शनि जयंती...
जानिए शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि का रहस्य
पंडित विनोद मिश्र के अनुसार गुरुवार के दिन कृतिका नक्षत्र पड़ने के कारण यमघंटक योग बन रहा है, जिसे शुभ नहीं माना जाता. यह योग सुबह 5:26 बजे से 12:01 बजे तक रहेगा. लिहाजा इस दौरान कोई भी नये काम या महत्वपूर्ण काम करने से बचना चाहिए.
इस योग के दौरान सिद्ध योग भी शुरू होगा, जो सुबह 5:26 बजे से शुरू होकर अगले दिन रात 1:14 बजे तक रहेगा. सिद्ध योग जैसे शुभ योग होने की वजह से यमघंटक योग
का असर थोड़ा कम हो जाएगा.
शनि जयंती के दिन महाकालेश्वर की नगरी में द्वादश लिंगों, महाकाल लिंग जिसे शनिदेव की उच्च राशि तुला का ज्योतिर्लिंग माना जाता है, की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.