Navratri 2021: नवरात्रि में देवी मां के 9 स्वरूपों की पूजा, व्रत से घर में सुख समृद्धि आती है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता आती है. जिस तरह हवन के धुएं से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कीटाणु भी मर जाते हैं, उसी तरह नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योति से घर का माहौल भक्तिमय, शांत और शुद्ध रहता है. शास्त्रों में देवी मां की पूजन के लिए कुछ विशेष नियम भी हैं, यदि इनका पालन न किया जाए, तो देवी मां रुष्ट हो जाती हैं और घर में दरिद्रता आती है.
हर पूजा के दौरान अपनायें ये नियम
शारदीय नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूप का पूजन किया जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान भी रखना चाहिए. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं, नवरात्रि के पावन दिनों में पूजन के कुछ विशेष नियम, जिन्हें नवरात्रि के दौरान ही नहीं, बल्कि आपको हर प्रकार के पूजन के दौरान ध्यान में रखना है.
पूजा के नियम
1. किसी भी पूजा के दौरान चावल का विशेष महत्व है. इस दौरान ध्यान रखें कि चावल खंडित नहीं होने चाहिए, यानि चावल टूटे न हों. चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला करना बहुत शुभ माना गया है.
2. पूजा के दौरान कभी भी बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए. ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है.
3. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए.
4. पूजा के दौरान जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए. आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए.
5. किसी भी प्रकार के पूजन में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना भी आवश्यक है. इन सभी का पूजन भी करना चाहिए.
6. प्रतिदिन घी का एक दीपक घर में जलाने से घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.
7. सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए. प्रतिदिन पूजन करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना जरूरी है. इससे लक्ष्मी कृपा और समृद्धि प्राप्त होती है.
8. दीपक हमेशा देवी या भगवान की मूर्ति के ठीक सामने लगाना चाहिए. साथ ही घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग किया जाना चाहिए.
9. पूजन में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए. धार्मिक कार्यों में खंडित सामग्री शुभ नहीं मानी जाती है.
10.घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए.
11. चमड़े का बेल्ट या पर्स अपने पास रखकर पूजा न करें. पूजन स्थल पर कचरा इत्यादि न जमा हो पाए.