scorecardresearch
 

नंद के घर आनंद भये, जय कन्हैया लाल की, दर्शन के लिए भक्तों का तांता

कहते हैं जन्माष्टमी के दिन विधि-विधान से व्रत रखकर कान्हा की पूजा-उपासना करने से सूनी गोद भी भर जाती है. जिन्हें संतान नहीं होती, उनकी गोद भी कान्हा खुशियों से भर देते हैं.

Advertisement
X
मंदिरों में उमड़े लोग
मंदिरों में उमड़े लोग

Advertisement

नंद के घर आनंद प्रकट हो गए हैं. मध्य रात्रि ठीक 12 बजे कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ. इस अवसर पर देशभर के मंदिरों में उत्सव मनाया गया. मंदिरों में लोगों का तांता लगा. दिल्ली का इस्कॉन मंदिर हो या वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर या दिल्ली का बिरला मंदिर, हर जगह भक्तों की भीड़ कान्हा के जन्म के इंतजार में उमड़ी. जन्माष्टमी के अवसर पर जगह-जगह सुंदर झाकियां सजाई गईं. मथुरा में जन्म के बाद कन्हैया को पंचामृत से स्नान कराया गया और उनका अभिषेक किया गया.

श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में लाखों कृष्ण भक्त पहुंचे, लीलामंच पर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ. इस शुभ अवसर परर खास तौर से 51 किलोग्राम की चांदी की गाय जयपुर से बनवाई गई. कृष्ण जन्म के बाद इस गाय में दूध भरकर उससे बाल कृष्ण का दुध से अभिषेक किया गया.

Advertisement

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने देश भर के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने परिवार के साथ भोपाल में घर पर जन्माष्टमी का त्योहार मनाया.

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतारों में एक हैं. पौराणिक मान्यतों के मुताबिक जब-जब धरती पर पाप बढ़ा, उसे खत्म करने के लिए धरती पर भगवान अवतरित हुए. द्वापर युग में कृष्ण का अवतार हुआ. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. मामा कंस से बचाने के लिए कृष्ण को जन्म की रात ही वृंदावन नंद के घर ले आया गया. नंद और यशोदा ने कृष्ण का पालन पोषण किया. बाद में भगवान कृष्ण ने कंस का नाश किया. महाभारत युद्ध में कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने ही अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्तों के मन में कान्हा जैसी संतान की कामना प्रबल हो जाती है. कान्हा जैसे निश्छल, आज्ञाकारी और योग्य पुत्र की कामना हर मां को होती है. जन्माष्टमी का पावन पर्व मां की इन्हीं कामनाओं को पूरा करने का शुभ संयोग लेकर आता है.

Advertisement

कैसे पाएं कृष्ण जैसी संतान

अगर आपको भी कान्हा से उत्तम संतान का वरदान चाहिए, तो आज ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा.

- भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें.

- इसके बाद उनके सामने घी का दीपक जलाएं.

- फिर संतान गोपाल मंत्र का यथाशक्ति जाप करें.

- मंत्र है- "ॐ क्लीं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गता"

जन्माष्टमी पर भर जाती है सूनी गोद

कहते हैं जन्माष्टमी के दिन विधि-विधान से व्रत रखकर कान्हा की पूजा-उपासना करने से सूनी गोद भी भर जाती है. जिन्हें संतान नहीं होती, उनकी गोद भी कान्हा खुशियों से भर देते हैं. यही नहीं इस दिन कान्हा के आशीर्वाद से संतान में श्रीकृष्ण जैसे गुण भी आ सकते हैं.

 

Live TV

Advertisement
Advertisement