आम जीवन में और धार्मिक कार्यों में सिन्दूर का बड़ा महत्व है. सिन्दूर मुख्यतः नारंगी रंग का होता है, महिलाएं इसे सौभाग्य और श्रृंगार के लिए प्रयोग करती हैं. बिना सिन्दूर के विवाह की कल्पना नहीं की जा सकती है. सिंदूर को मंगल ग्रह से भी जोड़कर देखा जाता है, इसीलिए ये मंगलकारी भी होता है.
हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित करना और लेपन करना अत्यंत शुभ माना जाता है. हनुमान जी ने एक बार सीता माता से प्रेरित होकर सिन्दूर लगा लिया था. तबसे उन्हें सिन्दूर अर्पित करना शुभ माना जाता है.
हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित करने के नियम क्या हैं ?
- हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को सिन्दूर अर्पित करना चाहिए.
- अगर मंगल बाधा दे रहा हो या कोई विशेष संकट हो तो हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर अर्पित करना चाहिए.
- पुरुष हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित भी कर सकते हैं और लेपन भी.
- परन्तु महिलाओं को सिन्दूर अर्पित नहीं करना चाहिए.
अगर बार बार नौकरी छूट जाती हो या बदलनी पड़ती हो, तो सिन्दूर का कैसे करें प्रयोग ?
- किसी भी मंगलवार को हनुमान जी के चरणों का सिन्दूर लायें
- एक सफ़ेद कागज़ पर उस सिन्दूर से स्वस्तिक बनाये
- इस कागज़ को अपने पास रक्खें
- आपकी नौकरी की हर समस्या दूर होगी.
कर्ज से मुक्ति के लिए सिन्दूर का प्रयोग
- चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाएं
- जितनी आपकी उम्र है , उतने पीपल के पत्ते ले लें
- हर पत्ते पर "राम" लिखें
- मंगलवार को हनुमान जी को अर्पित करें
- आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी
दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिए सिन्दूर का प्रयोग
- नित्य प्रातः स्नान के बाद माँ गौरी को सिन्दूर अर्पित करें
- फिर स्वयं को सिन्दूर लगायें
- सुखद दाम्पत्य के लिए प्रार्थना करें
- ये प्रयोग केवल महिलाएं करेंगी