मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है. ऐसी मान्यता है कि मंगलकारी राम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से शनि की टेढ़ी दृष्टि का प्रभाव कम होता है. पंडित विनोद मिश्र के अनुसार मंगलवार को महाबली हनुमान की पूजा और व्रत करने वाले जातकों पर किसी की बुरी नजर का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. यही नहीं, शनि की टेढ़ी दृष्टि का कुप्रभाव से भी वो बचे रहते हैं.
मंगलवार का व्रत कई उद्देश्यों की पूर्ति करता है. मंगलवार का व्रत ऐसे दंपतियों द्वारा किया जाता है, जो संतान होने की इच्छा करते है, परिवार में खुशी लाना चाहते हैं, मंगल ग्रह से जुड़े हानिकारक प्रभाव को कम करना और ग्रह शांति के लिए भी मंगलवार का व्रत रखा जाता है.
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व्रत की विधि:
यह व्रत कम से कम लगातार 21 मंगलवार तक किया जाना चाहिए. व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. उसके बाद घर के ईशान कोण में किसी एकांत में बैठकर हनुमानजी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इस दिन लाल कपड़े पहनें और हाथ में पानी ले कर व्रत का संकल्प करें. हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और भगवान पर फूल माला या फूल चढ़ाएं.
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फिर रुई में चमेली के तेल लेकर बजरंगबली के सामने रख दें या मूर्ति पर तेल के हलके छीटे दे दें. इसके बाद मंगलवार व्रत कथा पढ़ें. साथ ही हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें. फिर आरती करके सभी को व्रत का प्रसाद बांटकर, खुद भी लें. दिन में सिर्फ एक पहर का भोजन लें. लेकिन खाने में केवल गेहूं और गुड़ से बने किसी भी भोजन से मिलकर बने भोजन ही लें. अपने आचार-विचार शुद्ध रखें. शाम को हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर आरती करें.
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मंगलवार व्रत उद्यापन:
21 मंगलवार के व्रत होने के बाद 22वें मंगलवार को विधि-विधान से हनुमान जी का पूजन करके उन्हें चोला चढ़ाएं. फिर 21 ब्राह्मणों को बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और क्षमतानुसार दान–दक्षिणा दें.