Yogini Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. आज योगिनी एकादशी मनाई जा रही है. योगिनी एकादशी में भक्त पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. यह एकादशी देह की समस्त आधि-व्याधियों को नष्ट करने के साथ गुण और यश को बढ़ाती है.
योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त- योगिनी एकादशी 23 जून रात्रि 9 बजकर 41 मिनट से शुरू हो चुकी है. 24 जून रात्रि 11 बजकर 12 मिनट पर ये समाप्त होगी. व्रत के पारण का समय 25 जून सुबह 05 बजकर 51 से 08 बजकर 31 मिनट तक है. आज योगिनी एकादशी के दिन सवार्थ योग और सिद्धि योग भी बना है. इसके प्रभाव से शुभ मुहूर्त में की गई पूजा बेहद लाभकारी सिद्ध होगी.
योगिनी एकादशी का महत्व- पुराणों के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत करने से मृत्यु के बाद नरक लोक के कष्टों को नहीं भोगना पड़ता, जो भक्त योगिनी एकादशी के व्रत रखते हैं उनको मृत्यु के बाद यमदूत नहीं देवदूत लेने आते हैं. ऐसे व्यक्ति की आत्मा को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है. योगिनी एकादशी में व्रत के पुण्य और भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. जो भक्त योगिनी एकादशी का व्रत रखते हैं उसे 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पूर्ण लाभ भी प्राप्त होता है.
योगिनी एकादशी पूजा विधि- प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद कलश स्थापना करें. कलश के ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा रख कर पूजा की जाती है. भगवान को फल फूल अर्पित करें और श्रद्धा के साथ उनकी आरती पूजन करें. गुड़-चना का भी प्रसाद चढ़ाएं. इस पूजा से भगवान विष्णु आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करेंगे. वहीं, माता लक्ष्मी आपके धन के भंडार को भी भरेंगी.
व्रत में रखें इन बातों का ध्यान- व्रत की रात्रि में जागरण करना चाहिए. योगिनी एकादशी व्रत रखने वाले को कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए. इस दिन जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. व्रत ना भी रख रहे हों तो आज के दिन सात्विक भोजन ही करें. इस व्रत को करते समय व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और जमीन पर आराम करना चाहिए योगिनी एकादशी का व्रत करने वाले को पारण ना हो जाने तक अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.