जल्द ही भारत से प्राइवेट रॉकेट अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे. ये सैटेलाइट्स को लेकर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेंगे. ये ठीक वैसा ही होगा जैसे अभी एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर कर रही है. देश के जाने-माने उद्योपति आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक ऐसी ही भारतीय कंपनी को फंडिंग की है, जो लॉन्च व्हीकल बनाएगी यानी रॉकेट बनाएगी. इस कंपनी का नाम है अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos). इनके रॉकेट का नाम है अग्निबाण (Agnibaan). अग्निकुल एक स्टार्टअप है जिसे कुछ युवाओं ने मिलकर बनाया है. आइए जानते हैं इस नए रॉकेट, इसके निर्माता और आनंद महिंद्रा की फंडिंग की कहानी... (फोटोः AgniKul Cosmos)
आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) के अग्ननिबाण रॉकेट प्रोजेक्ट के लिए 11 मिलियन डॉलर्स यानी 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है. इस फंडिंग की निगरानी मेफील्ड इंडिया नाम की वेंचर कैपिटल कंपनी करेगी. इस प्रोजेक्ट में आनंद महिंद्रा के अलावा पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी निवेश किया है. इसके अलावा बीनेक्स्ट, ग्लोब इनवेस्टर, लॉयनरॉक कैपिटल, नितिन कामथ, बालाजी श्रीनिवासन, नवल रजनीकांथ, अभिषेक सिंघानिया, आरती रामामूर्ति और श्रीराम कृष्णन ने भी पहले सीरीज के रॉकेट्स के लिए इन्वेस्ट किया है. (फोटोः AgniKul Cosmos)
अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) ने फंड्स प्राप्त करने के बाद ट्वीट किया है कि वो अपने सीरीज-ए राउंड की शुरुआत के लिए फंड्स मिलने से मेफील्डफंड्स के आभारी है. हम अपने सभी निवेशकों के भरोसे और एंजेल्स के विश्वास पर खरा उतरकर दिखाएंगे. इन लोगों के विश्वास और साथ का धन्यवाद. साथ ही इसरो के इन-स्पेस इनिशिएटिव को भी शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हमारे मेहनती क्रू को सपोर्ट किया. (फोटोः AgniKul Cosmos)
Humbled to announce our Series A round led by @MayfieldFund. Grateful to our existing investors for their continued trust & to the angels for their belief in our vision. A big thanks to @isro’s IN-SPACe initiative & our very hardworking crew. DeltaV boost!https://t.co/j0Fw3D82Gv
— AgniKul Cosmos (@AgnikulCosmos) May 20, 2021
अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) की शुरुआत साल 2017 में हुई थी. इसे चेन्नई में स्थापित किया गया. इसे श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने मिलकर शुरू किया था. अब तीनों मिलकर इस फंड से अग्निकुल कॉसमॉस के लिए ढांचागत विकास, टेक्नोलॉजी और ग्राउंड टेस्टिंग जैस सुविधाएं बढ़ाएंगे. साथ ही टीम को बढ़ाकर 25 से 30 करेंगे. ताकि तेजी से काम किया जा सके. (फोटोः AgniKul Cosmos)
अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) ने मार्च 2020 में प्री-सीरीज A के लिए 3.1 मिलियन डॉलर्स यानी 25.59 करोड़ रुपए का फंड जुटाया था. मेफील्ड इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर विक्रम गोडसे जल्द ही अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) के बोर्ड में शामिल होंगे. अग्निकुल इस समय एक छोटा प्राइवेट रॉकेट बना रहा है. इस रॉकेट का नाम है अग्निबाण (Agnibaan). ये लॉन्च व्हीकल 100 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है. इसमें प्लग-एंड-प्ले इंजन कन्फीग्यूरेशन है. (फोटोः AgniKul Cosmos)
अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) ने अपने ग्राउंड टेस्टिंग को बीच में कुछ समय के लिए रोक दिया था क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लोगों को ऑक्सीजन की कमी हो रही थी. रॉकेट में भी लिक्विड ऑक्सीजन की जरूरत बतौर ईंधन की जाती है. इस बीच, हैदराबाद में मौजूद निजी स्पेस लॉन्च व्हीकल स्टार्टअप कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने भी ग्रीनको ग्रुप के फाउंडर अनिल चलामालाशेट्टी और महेश कोल्ली से 11 मिलियन डॉलर्स की फंडिंग जुटाई है. यानी अग्निकुल को कॉम्पिटीशन देने के लिए एक और कंपनी बाजार में उतर भी चुकी है और उसने भी फंड्स की व्यवस्था कर ली है. (फोटोः गेटी)
We are temporarily pausing all our liquid oxygen based testing until oxygen supplies stabilise across hospitals in our country. In the meantime, happy to help Covid patients in anyway we can. We are all in this together. #COVIDEmergency2021 #COVIDSecondWaveInIndia #OxygenShortage
— AgniKul Cosmos (@AgnikulCosmos) April 21, 2021