भारत की शक्तिशाली और तीव्र गति से हमला करने वाली आकाश मिसाइल के नए संस्करण 'आकाश प्राइम' का सफल परीक्षण किया गया. यह मिसाइल ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से 27 सितंबर 2021 की शाम साढ़े चार बजे दागी गई. इसने मानवरहित हवाई टारगेट को ट्रैक करके उसे हवा में ही ध्वस्त कर दिया. आकाश प्राइम पहले से मौजूद आकाश सिस्टम से कई मायनों में आधुनिक और बेहतर है. (फोटोः डीआरडीओ)
आकाश प्राइम (Akash Prime) मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है, जो दुश्मन के टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. इसके अलावा इसमें अत्यधिक ऊंचाई पर जाने के बाद तापमान नियंत्रण के यंत्र को अपग्रेड किया गया है. ग्राउंड सिस्टम को अपग्रेड किया गया है. इसके अलावा रडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है. (फोटोः डीआरडीओ)
इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली सार्वजनिक कंपनियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आकाश प्राइम मिसाइल से देश की सुरक्षा और बढे़गी. डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने आकाश प्राइम मिसाइल को विकसित करने वाली टीम को बधाई दी. डीआरडीओ ने इस मिसाइल को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन 21 जुलाई 2021 को आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. (फोटोः गेटी)
आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल. आकाश-एनजी जमीन से हवा में मार करना वाली मिसाइल है. इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है. आकाश-एनजी (Akash-NG यानी Akash New Generation) मिसाइल को बनाने की अनुमति साल 2016 में मिली थी. इस मिसाइल में डुअल पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर है, जो इसकी गति को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार (MFR) लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. (फोटोः गेटी)
25 जनवरी को DRDO ने आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के मोबाइल प्लेटफॉर्म से किया गया. इसे एक इलेक्ट्रॉनिक टार्गेट की तरफ लॉन्च किया गया था, जिसको इसने सटीकता से भेद दिया. आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल का कुल वजन 720 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 किलोग्राम वजन का हथियार ले जा सकता है. (फोटोः पीटीआई)
#WATCH | A new version of Akash Missile – ‘Akash Prime’ successfully tested from Integrated Test Range (ITR), Chandipur, Odisha today. It intercepted & destroyed an unmanned aerial target mimicking enemy aircrafts, in its maiden flight test after improvements
— ANI (@ANI) September 27, 2021
Video source: DRDO pic.twitter.com/Mx1RPBIKla
फिलहाल भारत में इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके.2 - इसकी रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी - इसकी रेंज 80KM है. आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है. सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. ये दुश्मन को बचने की तैयारी का मौका नहीं देता. इसकी गति 3.5 मैक यानी 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेंकेंड में सवा किलोमीटर की दूरी तय करता है. (फोटोः पीटीआई)
आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल के पुराने संस्करण साल 2009 से भारतीय सेनाओं को अपनी सेवा दे रहे हैं. आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल को T-72 या BMP चेसिस या टाटा मोटर्स के हैवी मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से दागा जा सकता है. इस मिसाइल के मोबाइल लॉन्च सिस्टम के लिए गाड़िया टाटा मोटर्स और BEML-Tatra कंपनियां बनाती हैं. (फोटोः पीटीआई)
आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है. (फोटोः पीटीआई)
कुछ समय पहले ऐसी खबरें भी आईं थी कि फिलिपींस, बेलारूस, मलेशिया, थाईलैंड, यूएई और वियतनाम जैसे देश आकाश मिसाइलों को भारत से खरीदना चाहते हैं. 30 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक में इन मिसाइलों के निर्यात करने का फैसला लिया था. यानी अब इस मिसाइल को दुनिया के बाकी देश भी खरीद सकते हैं. (फोटोः पीटीआई)