वैज्ञानिक पिछले कई दशकों से लगातार अपने सौर मंडल से बाहर नजर गड़ाकर बैठे थे कि शायद कोई एलियन या अंतरिक्ष के दूसरी तरफ से कोई मेहमान दिख जाए. इसके लिए दर्जनों ताकतवर टेलिस्कोप, राडार और रेडियो टेलिस्कोप तैनात किए गए. फिर एकसाथ अंतरिक्ष के दूसरे कोने से 3 एलियन मेहमान आए. इन मेहमानों की स्टडी करके वैज्ञानिक हैरान और कन्फ्यूज हैं. साथ ही ये भी उम्मीद लगा रहे हैं कि ऐसे मेहमान और आ सकते हैं. आइए जानते हैं कि इन एलियन मेहमानों के बारे में...(फोटोःगेटी)
हवाई स्थित हैलिएकाला ऑब्जरवेटरी की दूरबीन में अक्टूबर 2017 को छोटी सी चमक दिखाई दी. जांच किया गया तो पता चला कि यह चमक वाली वस्तु 90 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हमारे सौर मंडल की तरफ आ रही है. ये जिस दिशा से रही है उधर एलियन स्टार वेगा (Alien Star Vega) स्थित है. ये कोई 237 ट्रिलियन किलोमीटर स्थित है. सौर मंडल में आने वाली ये वस्तु सिगार के आकार की थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है ये कोई अति-अत्याधुनिक एलियन शिप हो जो पत्थर जैसा दिखता है. (फोटोःगेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के अंतरिक्ष विज्ञानी रॉबर्ट वेरिक ने कहा कि हमने इसका नाम ओउमुआमुआ (Oumuamua) रखा है. हवाइयन भाषा में इसका मतलब होता है सुदूर इलाके से आने वाला पहला संदेशवाहक. रॉबर्ट वेरिक ने ही इस एलियन पत्थर को सबसे पहले देखा था. रॉबर्ट ने बताया कि यह कोई आम धूमकेतु या एस्टेरॉयड नहीं है. यह सुदूर अंतरिक्ष से आया है. हमारे सौर मंडल के लिए ये अनजान है. इससे पहले ऐसी कोई चीज नहीं देखी गई है. (फोटोःगेटी)
रॉबर्ट ने बताया कि वैज्ञानिकों ने इसके बारे में दो विचित्र चीजें देखीं. पहली तो ये कि ये सूरज से विपरीत दिशा में जा रहा था. क्योंकि सौर मंडल में आने के बाद कोई वस्तु सूरज से विपरीत दिशा में नहीं जाती. दूसरी विचित्र बात इसका आकार है. यह अपनी चौड़ाई से 3 गुना ज्यादा लंबा है. ओउमुआमुआ अब तक खोजा गया सबसे लंबा अंतरिक्षीय वस्तु है. आमतौर पर धूमकेतुओं और एस्टेरॉयड्स ऐसे नहीं होते. (फोटोःगेटी)
रॉबर्ट ने कहा कि इसे साइंटिफिक जर्नल्स और ग्लोबल मीडिया में न जाने क्या-क्या कहकर बुलाया गया. इसे सॉलिड हाइड्रोजन का ब्लॉक बुलाया गया. किसी ने इसे कॉस्मिक डस्ट बनी कहा. डस्ट बनी का मतलब जिसमें ढेर सारे बाल और कचरा भरा पड़ा हो. जबकि, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध अंतरिक्ष विज्ञानि एवी लोएब ने कहा कि ये किसी अन्य इंटेलिजेंट सभ्यता द्वारा बनाया गया आर्टिफिशियल ढांचा है, जिसे सौर मंडल में भेजा गया है. (फोटोःगेटी)
Astronomers spent decades looking for objects from outside our own solar system. Then two arrived at once. https://t.co/wmy6dsnFN6
— BBC Future (@BBC_Future) May 23, 2021
रॉबर्ट ने बताया कि दक्षिणी ध्रुव पर स्थित स्नो-बैटर्ड टेलिस्कोप और चिली के एंडीज पर्वतों पर मौजूद अल्टाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (Alma) जैसे ताकतवर दूरबीन भी ऐसी वस्तुओं को खोज नहीं पाई हैं. इसी बीच एक दिन अचानक से ओउमुआमुआ दिखाई पड़ा. ऐसी ही दूसरी खोज हुई 30 अगस्त 2019 को. क्रीमिया के नाउची में रहने वाले इंजीनियर और एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर गेनाडी बोरिसोव ने अंतरिक्ष में अपने निजी ऑब्जरवेटरी में लगे दूरबीन से एक अनजान चीज देखी. यह सौर मंडल में घूमने वाले धूमकेतुओं और एस्टोरॉयड्स से विपरीत दिशा में जा रहा था. (फोटोःगेटी)
उन्होंने इसके बारे में दुनिया के अन्य वैज्ञानिकों को बताया. इसके बाद इस अनजान वस्तु को 21/Borisov नाम दिया गया. वैज्ञानिक अब भी इस विचित्र से दिखने वाले वस्तु की जांच कर रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि 21/Borisov का किसी ग्रह से कोई संबंध नहीं है. जबकि, आमतौर पर हमारी धरती की तरफ आने वाले धूमकेतु या एस्टेरॉयड्स का संबंध मंगल या बृहस्पति ग्रह से होता है. ठीक इसी तरह ओउमुआमुआ के बारे में अब तक यह तय नहीं हो पाया कि यह धूमकेतु या एस्टेरॉयड है. या फिर ये एलियन स्पेसक्राफ्ट है. (फोटोःगेटी)
रॉबर्ट वेरिक ने कहा कि अंतरिक्ष के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले इन वस्तुओं में से हो सकता है कि कुछ कई सौ सालों से सौर मंडल में आ रहे हों. या फिर धरती का चक्कर लगाकर चले जा रहे हों. लेकिन सौर मंडल में आने वाली वस्तुएं सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुसार चलती हैं. जबकि ओउमुआमुआ और 21/Borisov विपरीत दिशा में यात्रा कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)
ओउमुआमुआ ने तो वैज्ञानिकों को तब हैरान कर दिया जब वह सूरज से 0.26 AU की दूरी यानी धरती से सूरज की दूरी के एक चौथाई डिस्टेंस से दूर चला गया. ये देखकर रॉबर्ट और उनकी टीम के लोग सर पकड़ कर बैठ गए. क्योंकि सूरज के इतने नजदीक जाकर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विपरीत चले जाना आसना काम नहीं है. ये पूरी तरह से हैरान करने वाली घटना थी. हार्वर्ड के साइंटिस्ट एवी लोएब ने दावा किया था कि ऐसा ही एक वस्तु 2020-SO भी ओउमुआमुआ की तरह सूरज से दूर निकला था. ये घटना सितंबर 2020 की थी. (फोटोःगेटी)
21/Borisov धरती की तरफ आने वाला सबसे बोरिंग धूमकेतु है. असल में यह सुदूर अंतरिक्ष से आया हुआ धूमकेतु है. यानी कॉमेट है. ये पहली बार हुआ है जब किसी अलग दुनिया से कोई धूमकेतु हमारे सौर मंडल में आया हो. 21/Borisov पानी, धूल, कीचड़ और कार्बन मोनोऑक्साइड से बना है. इसके पीछे देखने योग्य चमकती हुई पूंछ है. लेकिन ये ओउमुआमुआ की तुलना में आसानी से समझा जा सकता है. इसमें ज्यादा रोचकता नहीं है. इसलिए वैज्ञानिक इसे बोरिंग कॉमेट कहते हैं. (फोटोःगेटी)