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साइंस न्यूज़

IS पर बारूद की जगह सुपरब्लेड से वार, जानें कैसी है अमेरिकी Hellfire Missiles

Hellfire Missile R9X
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काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों से नाराज अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के ठिकाने पर मिसाइल गिराई. इस मिसाइल में बारूद तो था ही लेकिन बेहद कम मात्रा में. इसमें सबसे ज्यादा भरे हुए थे ब्लेड्स. यहां पर ब्लेड्स का मतलब शेविंग करने वाले ब्लेड से नहीं है. इसमें धातु के बारीक, तेज और नुकीले ब्लेड्स होते हैं, जो मिसाइल के फटने के बाद भगवान कृष्ण के हथियार चक्र की तरह घूमते हुए टारगेट को चीर-फाड़ डालते हैं. आइए जानते हैं अमेरिका के इस रहस्यमयी हथियार के बारे में... (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों ने बताया कि एक रीपर (Reaper) ड्रोन को पर्सियन गल्फ इलाके से उड़ाया गया था. उसने इस्लामिक स्टेट के दो आतंकियों को अफगानिस्तान में हेलफायर मिसाइल से मार गिराया, एक आतंकी घायल हुआ है. पेंटागन ने आतंकियों की पहचान उजागर करने से मना कर दिया है. हाल ही में इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट धमाकों की जिम्मेदारी ली थी. इसमें 13 अमेरिकी सैनिक और करीब 200 आम नागरिकों की मौत हुई थी.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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अमेरिका ने जिस हेलफायर मिसाइल का उपयोग किया है. उसे R9X कहते हैं. इसमें बारूद की मात्रा बेहद कम होती है. इसमें तेज धार वाले धातु के ब्लेड्स होते हैं. जो अलग-अलग लेयर में लगाए जाते हैं. बारूद का विस्फोट इन्हें सिर्फ तेजी से आगे बढ़ने की ताकत देता है. फटने पर छह ब्लेड्स का एक सेट निकलता हैं. इनके सामने आने वाला कोई भी इंसान कई टुकड़ों में कट जाता है. इससे सिर्फ उसी टारगेट को नुकसान पहुंचता है, जिसे निशाना बनाया जाता है. आसपास नुकसान कम होता है.  (फोटोः गेटी)

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Hellfire Missile R9X
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हेलफायर मिसाइल के कई वैरिएंट्स है. उनमें से एक है R9X वैरिएंट. यह वैरिएंट 45 किलोग्राम का होता है. इस मिसाइल को निंजा बॉम्ब (Ninja Bomb) और फ्लाइंग गिंसू (Flying Ginsu) भी कहते हैं. निंजा इसलिए क्योंकि निंजा मार्शल आर्टिस्ट ज्यादातर तेजधार हथियारों का उपयोग करते हैं. फ्लाइंग गिंसू यानी उड़ने वाला चाकू. इस मिसाइल से कोलैटरल डैमेज यानी आसपास ज्यादा नुकसान नहीं होता. यह मिसाइल किसी एक-दो इंसान को मारने के लिए दागी जाती है.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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अमेरिका ने R9X हेलफायर मिसाइल का उपयोग रहस्यमयी तरीके से 2017 में शुरु कर दिया था. लेकिन इसकी जानकारी 2019 में दुनिया के सामने आ गई. अमेरिका ने इसी मिसाइल का उपयोग करके साल 2000 में यूएसएस कोले बमबारी में मुख्य आरोपी जमाल अहम मोहम्मद अल बदावी और अलकायदा के प्रमुख आतंकी अबु खार अल-मसरी को मारा था. यह मिसाइल का उपयोग सीरिया और अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ भी किया जा चुका है.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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अमेरिका के मुताबिक साल 2020 में R9X हेलफायर मिसाइल का उपयोग दो बार किया गया था. सीरिया में अलकायदा के कमांडर्स को मारने के लिए. वहीं, सितंबर 2020 में युद्ध के दौरान छह बार इसका उपयोग किया गया. इस मिसाइल की खास बात ये है कि अमेरिका में मौजूद 8 प्रकार के हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जा सकती है. यह 7 अलग-अलग तरह के विमानों, पेट्रोल बोट या हमवी (Humvee) से भी लॉन्च की जा सकती है. यानी इसे कहीं से भी दागा जा सकता है.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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R9X हेलफायर मिसाइल दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है. इसे ड्रोन में भी सेट करके दागते हैं. जैसा पिछले शनिवार को अफगानिस्तान में हुआ. इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि मजबूत से मजबूत बंकर, बख्तरबंद गाड़ियों, टैंक और काफी मोटी कॉन्क्रीट की दीवार को फोड़कर विस्फोट करने में सक्षम होती है. आमतौर पर इसके वैरिएंट्स का वजन 45 से 49 किलोग्राम होता है.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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हेलफायर मिसाइलों का वैरिएंट की लंबाई अधिकतम 64 इंच यानी 1.6 मीटर होती है. इनका व्यास 7 इंच होता है. इस मिसाइल में पांच तरीके के वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं. एंटी-टैंक हाई एक्सप्लोसिव, शेप्ड चार्ज, टैंडम एंटी-टेरर, मेटल ऑगमेंटेड चार्ज (R9X) और ब्लास्ट प्रैगमेंटेशन. इसके पंख 13 इंच के होते हैं.  (फोटोः गेटी)

Hellfire Missile R9X
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इस मिसाइल की रेंज 499 मीटर से लेकर 11.01 किलोमीटर तक होती है. रेंज इस मिसाइल के वैरिएंट पर निर्भर करता है. इस मिसाइल की अधिकतम गति 1601 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह लेजर और राडार सीकर टेक्नोलॉजी पर उड़ती है. यानी आप इसे राडार के माध्यम से लेजर के जरिए दोनों तरीके से ऑपरेट करके टारगेट पर निशाना लगा सकते हैं.  (फोटोः गेटी)

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Hellfire Missile R9X
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फिलहाल, भारत भी इस तैयारी में है कि वो अमेरिका रीपर ड्रोन और हेलफायर मिसाइलों को खरीद कर अपनी सेनाओं में तैनात कर सके. इसकी योजना काफी दिनों से बन रही है. भारत अमेरिका से MQ-9 रीपर ड्रोन और साथ में हेलफायर मिसाइल खरीदने की तैयारी में है. रीपर ड्रोन बेहद शांति से निगरानी करते हुए आसमान में उड़ता रहता है. उसमें लगे हेलफायर मिसाइल दुश्मन के किसी भी टारगेट को नष्ट कर सकते हैं.  (फोटोः गेटी)

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