भारत के रक्षा मंत्रालय ने दुनिया के सबसे घातक और चुपचाप हमला करने वाले ड्रोन को खरीदने की अनुमति दे चुका है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान डील हो सकती है. इस दौरान वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मिलेंगे. इस ड्रोन का नाम है एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन (MQ-9 Predator Drone). इसी ड्रोन से अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मारा गया था. इस ड्रोन की खासियत यही है कि उसके आने-जाने की खबर तक नहीं मिलती, जब तक वह हमला नहीं कर देता. (सभी फोटोः गेटी)
एमक्यू 9 प्रीडेटर दुश्मनों पर चुपके से नजर रखता है. जरुरत पड़ते ही मिसाइल से हमला कर देता है. अमेरिका इसे हंटर-किलर यूएवी कहता है. एमक्यू 9 प्रीडेटर लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है. जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है. इसमें लगे R9X Hellfire Missile से जवाहिरी के अड्डे पर हमला किया गया है.
एमक्यू 9 प्रीडेटर को रिमोट से उड़ाया जाता है. इसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स (General Atomics) बनाती है. यह किसी भी तरह के मिशन के लिए भेजा जा सकता है. जैसे- सर्विलांस, जासूसी, सूचना जमा करना या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करना.
एमक्यू 9 प्रीडेटर ज्यादा समय तक और ज्यादा ऊंचाई से निगरानी करने में सक्षम हैं. इसकी रेंज 1900 किलोमीटर है. यह अपने साथ 1700 किलोग्राम वजन का हथियार लेकर जा सकता है. इसे चलाने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स की जरूरत होती हैं, जो ग्राउंड स्टेशन पर बैठकर वीडियो गेम की तरह इसे चलाते हैं.
इस ड्रोन की लंबाई 36.1 फीट, विंगस्पैन 65.7 फीट, ऊंचाई 12.6 फीट होती है. ड्रोन का खाली वजन 2223 किलोग्राम होता है. जिसमें 1800 किलोग्राम ईंधन की क्षमता होती है. इसकी गति 482 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है. जो 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को देखकर उसपर मिसाइल से हमला कर सकता है. आमतौर पर 25 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जाता है.
एमक्यू 9 प्रीडेटर पर हथियारों के नाम पर मिसाइल लगाए जाते हैं. इसमें सात हार्ड प्वाइंट होते हैं, दो इनबोर्ड स्टेशन, दो मिडल स्टेशन एक आउटबोर्ड स्टेशन और सेंटर स्टेशन. इसमें 4 AGM-114 Hellfire मिसाइलें लगी होती हैं, ये हवा से जमीन पर सटीकता से हमला करती हैं.
इसके अलावा दो लेजर गाइडेड GBU-12 Paveway II बम भी लगाए जाते हैं. इन दोनों के बजाय आप इस ड्रोन पर अलग-अलग तरीके के हथियारों का उपयोग कर सकते हैं. जैसे- GBU-38, जो एक ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक एम्यूनिशन है. इसके अलावा ब्रिमस्टोन मिसाइल भी लगाए जा सकते हैं. सभी मिसाइलों और बमों का उपयोग जरुरत के मुताबिक होता है.
इस ड्रोन के अंदर खास तरह के राडार लगे हैं. पहला राडार है AN/DAS-1 MTS-B Multi-Spectral Targeting System जो किसी भी तरह के टारगेट को खोजकर उसपर हमला करने में मदद करता है. दूसरा है- AN/APY-8 Lynx II radar, यह निगरानी और जासूसी में मदद करता है. तीसरा है Raytheon SeaVue Marine Search Radar जिसके जरिए यह ड्रोन समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियों को भी खोज लेता है.