अंतरिक्ष में सुदूर एक प्राचीन ब्लैक होल दिखा है. सिर्फ ब्लैक होल दिखता तो कोई बात नहीं थी, अक्सर इनकी खोज होती है. लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बार जो देखा वो हैरतअंगेज था. इस ब्लैक होल के बीच में भंवर का तूफान उठ रहा था. यह तूफान बेहद प्राचीन समय से लगातार चल ही रहा है. वैज्ञानिक इस ब्लैक होल की स्टडी कर रहे हैं. उनको उम्मीद है कि इससे उन्हें आकाशगंगाओं के मिलन और ब्लैक होल के मध्य भाग की गतिविधियों की जानकारी मिलेगी. (फोटोःALMA)
ज्यादातर आकाशगंगाओं में बड़े ब्लैक होल्स होते हैं. आमतौर पर यह आकाशगंगा के बीचों-बीच मिलते हैं. हमारी अपनी आकाशगंगा मिल्की-वे में एक ब्लैक होल है. जिसे सैगिटैरियस ए* (Saggittarius A*) कहा जाता है. यह इतना बड़ा है कि इसमें 43 लाख सूरज समा जाएं. अब आप ही सोचिए कि इतने बड़े ब्लैक होल के केंद्र में अगर भंवर जैसा तूफान उठे जो करोड़ों सालों तक चलता रहे तो वह कितनी बड़ी तबाही लेकर आएगा. (फोटोःNASA)
आकाशगंगाओं और ब्लैक होल्स के बीच बड़ा मजबूत रिश्ता होता है. क्योंकि इन दोनों की उत्पत्ति एकसाथ ही होती है. आकाशगंगाओं के बीच में चलने वाली हवा की वजह से ब्लैक होल मध्य में केंद्रित हो जाता है. वह वहीं से धूल और गैसों को खाता और निगलता रहता है. ऐसे में जब तेज हवा चलती है तो ब्लैक होल के बीच भंवर जैसा तूफान बनता है, जो अत्यधिक खतरनाक होता है. (फोटोःगेटी)
वैज्ञानिकों ने अभी जिस ब्लैक होल की खोज की है वह करीब 13 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है. इसमें 1300 करोड़ सालों से तूफान लगातार चलता जा रहा है. हालांकि फिलहाल यह एक अनुमान है. सटीकता के लिए अभी और जांच करनी बाकी है. नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी ऑफ जापान (NAOJ) के रिसर्चर ताकूमा इजुमी ने कहा कि सवाल ये है कि ये गैलेक्टिक हवाएं कहां से आईं? इनकी उत्पत्ति ब्रह्मांड में कब से हुई. (फोटोःगेटी)
ताकूमा इजुमी ने कहा कि यह एक जरूरी सवाल है. क्योंकि इन हवाओं की वजह से आकाशगंगाओं और ब्लैक होल्स की उत्पत्ति और संबंध का पता चलेगा. इसकी जांच करने के लिए ताकूमी ने अपने साथियों के साथ हवाई स्थित सुबारू टेलिस्कोप से ब्लैक होल्स का अध्ययन शुरू किया. उन्होंने देखा कि धरती से करीब 1300 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर 100 ब्लैक होल्स है. जिनकी उत्पत्ति करीब इतने ही साल पहले हुई होगी. (फोटोःगेटी)
इतने प्राचीन ब्लैक होल्स को देख कर लगता है कि ये उस समय के है जब हमारी आकाशगंगा का निर्माण हुआ होगा. जबकि बिगबैंग 1383 करोड़ साल पहले हुआ था. यानी ब्रह्मांड की रचना के कुछ ही सालों बाद इन ब्लैक होल्स का निर्माण हुआ. अब अध्ययन इस बात का करना था कि आकाशगंगाओं और ब्लैक होल्स के बीच घूमने वाली गैसों का. इसके लिए ताकूमी ने अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर एरे (ALMA) टेलिस्कोप की मदद ली. वे इसके लिए चिली गए. (फोटोःगेटी)
इस टेलिस्कोप से देखने के बाद उन्हें एक आकाशगंगा HSC J124353.93+010038.5 मिला. जिसमें हवा की गति करीब 18 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा है. ये इतनी ज्यादा है कि इससे बड़े-बड़े ग्रह उड़ जाएं. इंसान और इंसानों की रचना का तो अता-पता नहीं चले. यह आकाशगंगा धरती से 1300 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. यह इंसानों द्वारा खोजी जाने वाली अब तक की सबसे प्राचीन गैलेक्सी है. (फोटोःगेटी)
ताकूमा इजुमी की स्टडी के रिपोर्ट हाल ही में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. जिसमें आकाशगंगाओं और ब्लैक होल्स के बीच बेहद मजबूत संबंध को बताया गया है. यह संबंध बेहद पुराना और सख्त है. ताकूमी कहते हैं कि हमनें गैलेक्सी के डेटा को ब्लैक होल्स के डेटा के साथ मिलाकर सिमुलेशन तैयार किया, जिससे यह पता चलता है कि ये तूफान कभी नहीं रुकेगा. इसे रुकने के लिए किसी बड़ा कारण की जरूरत पड़ेगी. (फोटोःगेटी)