अपोलो-11 मिशन के पायलट और एस्ट्रोनॉट माइकल कॉलिंस का 28 अप्रैल 20201 यानी आज निधन हो गया है. 90 वर्षीय माइकल कॉलिंस को दुनिया इसी बात के लिए जानती है कि उन्होंने ही Apollo-11 मिशन को चांद पर सफलतापूर्वक उतारा था. वहीं नील आर्मस्ट्रॉंन्ग ने चांद पर पहला कदम रखा था. उसके बाद बज एल्ड्रिन ने अपने पैर चांद की सतह पर रखे थे. (फोटोःगेटी)
माइकल कॉलिंस (फोटोः बीच में) का एकमात्र उद्देशय यह था कि वो अपोलो-11 (Apollo-11) को सही और सुरक्षित तरीके से चांद की सतह पर उतारें. इसके बाद नील और बज को लेकर वापस धरती की ओर आ सके. अपोलो-11 अंतरिक्ष यान को 1969 में अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से सुबह 08:32 बजे लॉन्च किया गया था. (फोटोःगेटी)
अपोलो-11 से निकलकर चांद तक जिस मॉड्यूल में ये नील और बज गए थे, उसका नाम द ईगल था. इन तीनों एस्ट्रोनॉट्स के लिए चांद की यात्रा आसान नहीं थी. यात्रा की शुरुआत हुई थी कि धरती से रेडियो संपर्क टूट गया था. इसके बाद यान के कंप्यूटर में ग्लिच आया था. द ईगल में ईंधन की कमी भी थी. (फोटोःगेटी)
We mourn the passing of Apollo 11 astronaut Michael Collins, who piloted humanity’s first voyage to the surface of another world. An advocate for exploration, @AstroMCollins inspired generations and his legacy propels us further into the cosmos: https://t.co/47by569R56 pic.twitter.com/rKMxdTIYYm
— NASA (@NASA) April 28, 2021
नील, बज और माइकल की टीम चांद की यात्रा पूरी करने के बाद 24 जुलाई 1969 को वापस धरती पर लौटी थी. इनके लैंडिंग कैप्सूल का स्पैल्श डाउन प्रशांत महासागर में हुआ था. अपोलो-11 मिशन को पूरा करने के लिए दुनियाभर के 40 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी मेहनत और समय का योगदान दिया था. (फोटोःगेटी)
माइकल कॉलिंस के निधन पर नासा के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर स्टीव जुरसिक ने कहा कि अमेरिका और दुनिया ने आज सच्चा एस्ट्रोनॉट खो दिया है. माइकल कॉलिंस हमेशा से अंतरिक्ष में खोज के लिए तैयार रहते थे. माइकल को इतिहास का सबसे अकेला इंसान भी कहा जाता था, क्योंकि इनके साथियों ने तो चांद पर चहलकदमी की, लेकिन ये यान के साथ चांद का चक्कर लगा रहे थे. (फोटोःगेटी)
स्टीव ने कहा कि माइकल कॉलिंस की वजह से ही नील और बज चांद की सतह तक पहुंच पाए थे. अगर माइकल न होते तो यह सब बेहद मुश्किल होता. एयरफोर्स पायलट से लेकर चांद की यात्रा तक माइकल कॉलिंस ने कई कीर्तिमान स्थापित किए थे. माइकल की चांद की यात्रा की यादें उनकी हस्तलिखित डायरी में नेशनल एयर एंड स्पेस म्यूजियम में रखी है. (फोटोःगेटी)
"About the flight itself, the thing I remember most is the view of planet Earth … bright, beautiful, serene, and fragile."
— NASA Goddard (@NASAGoddard) April 28, 2021
—Michael Collins, command module pilot of Apollo 11, 1st mission to land humans on the Moon.
Collins died today at age 90. https://t.co/gZQP8YO4Fe pic.twitter.com/2jVwoV6Pks
माइकल कॉलिंस ने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, टेस्ट पायल्टस और अंतरिक्ष यात्रियों की कई पीढ़ियों का हौसला बढ़ाया है. माइकल कॉलिंस के पोते की तरफ से बयान आया है कि उसके दादाजी ने कैंसर से बहादुरी से संघर्ष किया लेकिन अंत में हार गए. हालांकि उन्होंने बेहद शांति से अपनी अंतिम यात्रा चुनी. हमें खुशी है कि हम दुनिया के इतिहास में अपना नाम करने वाले के वंशज हैं. (फोटोःगेटी)
नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने अक्सर माइकल कॉलिंस के बारे में यह कहा करते थे कि माइकल ने चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए हमलोगों का खूब मनोरंजन किया. हमारा हौसला बढ़ाया. साथ ही ये भी कहते रहते थे कि टेंशन मत लेना मैं ऊपर से सब देख रहा हूं. माइकल के पास हमारे बचाव और मुसीबतों को टालने के लिए 117 पेज की एक डायरी तैयार की थी. (फोटोःगेटी)
बज एल्ड्रिन ने कहा था कि ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई इंसान पहली बार अपने घर से करीब 25 लाख किलोमीटर दूर गया हो. माइकल कॉलिंस वो पहले इंसान थे जिनकी बदौलत हमने ये यात्रा पूरी की थी. वो मेरे-नील और धरती के बीच कम्यूनिकेशन सेंटर का काम करते थे. (फोटोःगेटी)
We are deeply saddened to share that @NASA astronaut Michael Collins (@AstroMCollins) has passed away.
— NASA's Kennedy Space Center (@NASAKennedy) April 28, 2021
As pilot of the Apollo 11 command module, his legacy will always be as one of the leaders who took America's first steps into the cosmos: https://t.co/yFyroDvGET pic.twitter.com/PvNOxlAktD
माइकल कॉलिंस ने अपने 1974 के मेमोयर कैरींग द फायर में लिखा था कि मेरा सबसे बड़ा डर था कि मैं नील और बज को चांद पर छोड़कर धरती की तरफ लौट रहा हूं. वह भी अकेले. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमने एक साथ यात्रा पूरी की. हम एक साथ गए. एकसाथ लौटे. इसके बाद इन तीनों एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम दिया गया था. (फोटोःगेटी)