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साइंस न्यूज़

Australian Wildfire: ऑस्ट्रेलिया की आग ने कम कर दी Ozone परत, नई स्टडी

Australia Wild Fire Ozone Layer
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आपको याद ही होगा कि दो साल पहले कैसे ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने आफत ला दी थी. करोड़ों जीव मारे गए. एकड़ों में फैले जंगल राख हो गए. लेकिन इसका असर सिर्फ जमीन पर ही नहीं हुआ. वायुमंडल और उसके ऊपर नीचे भी देखने को मिला है. ऑस्ट्रेलियाई जंगलों की आग से निकले धुएं ने ओजोन परत (Ozone Layer) तक को नहीं बख्शा. उसे भी अपने जहर से पतला कर दिया.  (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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वैज्ञानिकों ने दो साल तक स्टडी करने के बाद बताया है कि ऑस्ट्रिलयाई जंगलों की आग से निकले धुएं और प्रदूषण ने ओजोन परत को 1 फीसदी कम किया था. यह इतना बड़ा दुष्प्रभाव है, जिसे रिकवर होने में दस साल लग जाएंगे. यानी ओजोन परत में 1 फीसदी नुकसान की भरपाई होने में पूरा 10 साल लग जाएगा. सोचिए यह कितना बड़ा नुकसान है. (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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यह स्टडी हाल ही में प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है. जिसमें यह बताया गया है कि अगर इसी तरह जंगलों में आग लगती रहेगी तो जलवायु संकट खत्म नहीं होगा. साथ ही ओजोन परत की रिकवरी का समय बढ़ जाएगा. ओजोन लेयर धरती के वायुमंडल की दूसरी परत यानी स्ट्रैटोस्फेयर (Stratosphere) का हिस्सा है.  (फोटोः गेटी)

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ओजोन परत (Ozone Layer) सूरज से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से बचाता है. जिसके अंदर काफी ज्यादा ओजोन कणों का घनत्व होता है. वैज्ञानिकों ने जब ऑस्ट्रेलियाई जंगली आग की सैटेलाइट स्टडी को तो पता चला कि धुएं के एयरोसोल ने स्ट्रैटोस्फेयर में मौजूद नाइट्रोजन से रिएक्ट किया. इसकी वजह से जो रासायनिक प्रक्रिया हुई, उससे ओजोन परत (Ozone Layer) में कमी आई.  (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के पर्यावरणविद और इस स्टडी के सह-लेखक डॉ. केन स्टोन ने कहा कि ओजोन परत (Ozone Layer) में मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक कमी आई थी. जैसे-जैसे जंगली आग के  एयरोसोल स्ट्रैटोस्फेयर को छोड़कर धीरे-धीरे धरती की ओर आने लगे, ओजोन लेयर में आ रही कमी फिर से ठीक होने लगी. वह परत पतली होने से रुकने लगी. लेकिन यह कम समय का घटाव था, जो भविष्य में खतरनाक हो सकता है.  (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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डॉ. केन स्टोन ने कहा कि ओजोन परत (Ozone Layer) हर दशक में एक फीसदी रिकवर होता है. हमारे वायुमंडल में ओजोन लेयर ट्रॉपिक्स के ऊपर लगातार भरता है. क्योंकि वहां पर सूरज की रोशनी ऑक्सीजन से रिएक्ट करके ओजोन का निर्माण करती है. लागातर ओजोन के निर्माण के बावजूद इसकी परत कमजोर और पतली होती जा रही है. इसकी वजह है क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (CFC), जिन्हें 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.  (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की आग से निकले धुएं ने पूरी धरती के चारों तरफ अपना फैलाव किया. दक्षिणी गोलार्ध के बड़े हिस्से में तो अंधकार ही छा गया था. उस समय जो बादल दक्षिणी गोलार्ध पर बने थे, वो सामान्य बादलों की तुलना में तीन गुना ज्यादा बड़े थे. ये बादल धुएं के थे. इसमें आमतौर पर धुएं के कण थे जो कई किलोमीटर ऊपर स्ट्रैटोस्फेयर तक पहुंच गए थे. (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के ऊपर मौजूद ओजोन परत (Ozone Layer) पर ऑस्ट्रेलियाई जंगली आग के धुएं के असर की स्टडी नहीं की. लेकिन आशंका है कि वहां भी नुकसान हुआ ही होगा. यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगॉन्ग में सेंटर फॉर एटमॉस्फियरिक केमिस्ट्री की डायरेक्टर प्रो. क्लेयर मर्फी ने कहा कि भविष्य में ज्यादा बुरी आग लग सकती हैं. यानी उनसे ज्यादा धुआं निकलेगा. जो वायुमंडल तक जाएगा. इससे ओजोन परत (Ozone Layer) को संभालना मुश्किल ही होगा. (फोटोः गेटी)

Australia Wild Fire Ozone Layer
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प्रो. क्लेयर मर्फी ने बताया कि स्ट्रैटोस्फेयर में दबाव कम होता है. इसलिए वहां पर किसी भी तरह का रासायनिक प्रक्रिया बेहद धीमी होती है. अगर आप धुएं को वहां पर किसी तरह की सतह मुहैया करा दें तो रासायनिक प्रक्रिया इतनी तेज हो जाएगी, जिसकी आप उम्मीद ही नहीं कर सकते.  (फोटोः गेटी)

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प्रो. मर्फी ने कहा कि अंटार्कटिक के ऊपर ओजोन परत (Ozone Layer) को सही करने में इंसानों ने मिलकर सही कदम उठाया. लोगों ने उसे माना. तब जाकर अंटार्कटिक की ओजोन परत का छेद खत्म हुआ है. अगर इंसान मिलकर कुछ करने का फैसला कर ले, तो वह बड़ा काम कर सकता है. (फोटोः गेटी)

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