अब देश का कोई सा भी समुद्री किनारा क्यों न हो, भारत का अत्याधुनिक गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ बराक-8 मिसाइल से भी लैस हो चुका है. हाल ही में इस मिसाइल का युद्धपोत से सफल परीक्षण भी किया गया. पहले जानते हैं इस खतरनाक मिसाइल की ताकत को.
बराक-8 मिसाइल के बेसिकली दो वैरिएंट हैं. पहला लॉन्ग रेंज. दूसरा मीडियम रेंज. INS Mormugao पर मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल लगी है. यानी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल. यह मिसाइल आधा से 100 KM तक हमला कर सकती है.
बराक-8 का वजन 275 KG है. लंबाई 4.5 मीटर है. इसपर 60 KG का वॉरहेड लगा सकते हैं. डेटोनेशन सिस्टम हार्ड टू किल है. यानी गिरा तो दुश्मन पूरी तरह से बर्बाद. यह मिसाइल बिना धुएं के उड़ती है. इसलिए आकाश में दिखती नहीं. यह 3578 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. इसे आमतौर पर वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से दागते हैं.
अब जहां तक बात रही आईएनएस मोरमुगाओ की तो यह भारतीय नौसेना का दूसरा PB15 स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मिल गया है. इस विध्वंसक युद्धपोत में भारत की सबसे ताकतवर मिसाइलें ब्रह्मोस और बराक लगी हैं. यह युद्धपोत दुश्मन का जहाज देखते ही अपने डेक से एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लॉन्च कर सकता है.
आईएनएस मोरमुगाओ को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने बनाया है. इससे पहले भारतीय नौसेना को इस क्लास का आईएनएस विशाखापट्टनम मिला था. ये दोनों जंगी जहाज सिर्फ भारतीय नौसेना की ताकत ही नहीं बढ़ाएगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत को लेकर चलाए जा रहे मुहिम को भी आगे ले जाएगा.
मोरमुगाओ स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर को बनाने की शुरुआत 04 जून 2015 में हुई थी. 24 नवंबर 2022 में इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया. यह 7400 टन का जंगी जहाज है. 535 फीट लंबे इस युद्धपोत को ट्विवन जोर्या M36E गैस टर्बाइन प्लांट, बर्जेन केवीएम डीजल इंजन ताकत देते हैं.
आईएनएस मोरमुगाओ की अधिकतम गति 56 KM प्रतिघंटा है. अगर यह 26 KM प्रतिघंटा की स्पीड से चलता है तो इसकी रेंज 7400 KM है. इस पर 300 नौसैनिक रह सकते हैं. जिसमें से 50 ऑफिसर और 250 सेलर्स शामिल हैं. इसमें डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शक्ति ईडब्ल्यू सुइट और कवच चैफ सिस्टम लगा है.
इसके अलावा आईएनएस मोरमुगाओ पर एक 76 मिलीमीटर की OTO मेराला तोप, 4 AK-603 CIWS गन लगी है. जो दुश्मन के जहाज, मिसाइल या विमान को छलनी कर सकती हैं. इसमें 533 मिलिमीटर की 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं, इसके अलावा 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर लगे हैं. यानी जमीन, हवा और पानी तीनों से दुश्मन इस युद्धपोत पर हमला करने से पहले सोचेगा.
मोरमुगाओ पर दो वेस्टलैंड सी किंग या HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर ले जाए जा सकते हैं. इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का आसानी से पता कर सकते हैं. ये सेंसर्स ऐसे डेक में लगाए गए हैं, जिन्हें दुश्मन देख नहीं सकता. इसमें बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम्स लगाए गए हैं. यानी युद्ध के दौरान अगर जहाज के किसी हिस्से में नुकसान हो तो पूरा युद्धपोत काम करने बंद न करे.