अफ्रीका के पूर्वी तट पर समुद्र के अंदर एक ज्वालामुखी जन्म ले रहा है. इसने पिछले तीन साल में बहुत बड़ा रूप धर लिया है. साल 2018 में यह ज्वालामुखी पहली बार देखा गया था. उसके बाद से यह लगातार बढ़ रहा है. साथ ही अंदर ही अंदर विस्फोट भी कर रहा है. हाल ही में इस ज्वालामुखी के बारे में एक रिपोर्ट नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित हुई है. (फोटोः नेचर जियोसाइंस)
इस ज्वालामुखी के बारे में वैज्ञानिक कह रहे हैं कि समुद्र के अंदर इसने अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट किया है. फ्रांस के कुछ वैज्ञानिक संस्थानों के साइंटिस्ट मिलकर इसकी स्टडी कर रहे हैं. उन्होंने इसकी तस्वीरें लीं. कई तरह के वैज्ञानिक नक्शे बनाए, जिनसे इसकी गतिविधियों का पता चल सके. क्योंकि यह साल 2018 से समुद्र के नीचे गुर्रा रहा है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
यह ज्वालामुखी अफ्रीका के मलावी (Malawi) और मैडागास्कर (Madagascar) के बीच स्थित समुद्र के बीच में मौजूद है. जहां पर यह ज्वालामुखी पनप रहा है, वहां पर फ्रांसीसी द्वीप मेयोटे (French Island of Mayotte) हैं. वैज्ञानिकों ने इस पनपते हुए ज्वालामुखी की स्टडी के लिए कई सीस्मोमीटर यानी ऐसा यंत्र जो भूंकपीय तरंगों को नापता है का उपयोग किया. साथ ही इस इलाके का नक्शा बनाने के लिए सोनार तकनीक का उपयोग किया गया. (फोटोः नेचर जियोसाइंस)
वैज्ञानिकों ने देखा कि इस उभरते ज्वालामुखी के 20 से 50 किलोमीटर नीचे से कंपन आ रही है. ये कंपन साल 2018 से अब तक हजारों बार दर्ज की जा चुकी है. वैज्ञानिक हैरान इस बात से हैं कि कंपन धरती के इतने नीचे से आ रही है, जिसे पहले कभी नहीं रिकॉर्ड किया गया है. (फोटोः नेचर जियोसाइंस)
सीस्मोमीटर और सोनार यंत्रों से मिले डेटा का जब विश्लेषण किया तब पता चला कि यह ज्वालामुखी तेजी से ऊपर आ रहा है. यह अपने आकार को बढ़ा रहा है. यह समुद्री की तलहटी में खुद को फैला रहा है. साथ ही इसकी गुर्राहट से भूंकप आ रहे हैं और यह लावा भी फेंक रहा है. वैज्ञानिकों ने देखा कि इस ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से के ठीक नीचे इसके मेंटल में लाखों-करोड़ों टन मैग्मा यानी लावा भरा हुआ है. जो धीरे-धीरे बाहर आ रहा है. यह किसी दिन तेजी से बड़े विस्फोट के रूप में भी आ सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
ज्वालामुखी के बढ़ने और मैग्मा के ऊपर की तरफ आ रहे बहाव की वजह से टेक्टोनिक प्लेट्स टूट गई हैं. समुद्री के नीचे पत्थरों की परत बिखर चुकी है. हर गुर्राहट के साथ इस ज्वालामुखी के आसपास के इलाके में हल्के से मध्यम दर्जे के भूकंप रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. शुरुआत में भूकंप काफी आए. फिर लावा बहना शुरु हो गया. यह विस्फोट काफी बड़ा था. वैज्ञानिक इसे किसी समुद्र के अंदर होने वाला सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट बता रहे हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
यह ज्वालामुखी तीन साल में 820 मीटर यानी 2690 फीट ऊंचा हो चुका है. अब तक इसने करीब 5 क्यूबिक किलोमीटर लावा फेंका है. जो कि किसी भी समुद्र में फटने वाले ज्वालामुखी द्वारा उगला गया सबसे ज्यादा लावा है. वैज्ञानिकों को अंदेशा है कि निकट भविष्य में यह ज्वालामुखी फिर से विस्फोट कर सकता है. इसलिए सभी वैज्ञानिक इस ज्वालामुखी की गतिविधियों और आसपास के समुद्री इलाकों पर नजर रख रहे हैं. (फोटोः नेटर जियोसाइंस/SHOM)
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर यह ज्वालामुखी और नहीं बढ़ेगा तो यहां पर नए ज्वालामुखी भी बन सकते हैं. क्योंकि धरती के अंदर से लावा का बहाव कई दिशाओं में जारी हैं. क्योंकि इस ज्वालामुखी के बनने से टेक्टोनिक प्लेटों और पत्थरों की परत में जो दरारें आई हैं, वो लावा से भरी हुई हैं. इनमें से कोई भी दरार भारी दबाव में नए ज्वालामुखी का रूप ले सकती हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)