चीन पहली बार अपने स्पेस स्टेशन पर महिला एस्ट्रोनॉट को भेज रहा है. उसका रॉकेट लॉन्च पैड पर तैनात कर दिया गया है. जिसके ऊपर मैन्ड मिशन के लिए जरूरी कैप्सूल लगाया जा चुका है. चीन यह लॉन्च उत्तर-पश्चिम चीन के गांसू प्रांत में स्थित जियुकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से करेगा. इसके चारों तरफ गोबी रेगिस्तान है. इस मिशन का नाम है शेनझोऊ-13 मैन्ड मिशन (Shenzhou-13). इसमें जाने वाली महिला एस्ट्रोनॉट का नाम है वांग यापिंग (Wang Yaping). (फोटोः गेटी)
चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (CMSA) ने बताया कि लॉन्ग मार्च-2 एफवाई-13 रॉकेट के जरिए शेनझोऊ-13 मैन्ड मिशन कैप्सूल को चीन के स्पेस स्टेशन तियानगॉन्ग (Tiangong) तक पहुंचाया जाएगा. लॉन्चिंग शनिवार की रात 0.23 बजे से लेकर सुबह के बीच होगी. यह इस रॉकेट का लॉन्च विंडो है. यानी वह समय जिसमें रॉकेट को लॉन्च किया जा सकता है. ताकि स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में ज्यादा समय न लगे. (फोटोः गेटी)
चीन अंतरिक्ष में अपना अलग स्पेस स्टेशन बना रहा है. इसका नाम तियानगॉन्ग (Tiangong) है. फिलहाल यह स्पेस स्टेशन निर्माण की प्रक्रिया में है. अगर यह मिशन सफल रहा तो स्पेस स्टेशन को बनाने का यह आखिरी लॉन्च होगा. इसके बाद के मिशन स्पेस स्टेशन के टेक्नोलॉजी वेरिफिकेशन के लिए किए जाएंगे. इस मैन्ड मिशन में (फोटो में बाएं से दाएं) यी गुआंगफू, झाई झिंगांग और महिला एस्ट्रोनॉट वांग यापिंग जा रहे हैं. (फोटोः CMSA)
चीन की सरकार अपने एस्ट्रोनॉट्स को ताइकोनॉट्स (Taikonauts) कहती है. तियानगॉन्ग स्पेस स्टेशन के मुख्य मॉड्यूल तियानहे पर ये तीनो ताइकोनॉट्स करीब छह महीने रहेंगे. इस बीच ये दो स्पेसवॉक भी करेंगे. स्पेसवॉक यानी अंतरिक्ष में चहलकदमी करने के लिए महिला ताइकोनॉट वांग यापिंग भी जाएंगी. आपके बता दें कि झाई झिंगांग पहले चीनी ताइकोनॉट हैं, जिन्हों शेनझोऊ-7 मिशन के दौरान साल 2008 में अंतरिक्ष में कदम रखे थे. (फोटोः गेटी)
55 वर्षीय झाई झिंगांग उत्तर-पूर्व चीन के हीलॉन्गजियांग प्रांत में पैदा हुए हैं. उन्हें चीन में स्पेसफ्लाइट हीरो की उपाधि मिली हुई है. उनसे पहले नी हाईशेंग चीन के स्पेस स्टेशन के कोर केबिन में तीन महीने बिताकर लौटे थे. तब स्पेस स्टेशन का शुरुआती निर्माण हो रहा था. (फोटोः गेटी)
China on Thursday unveiled the official logo for the upcoming #Shenzhou13 manned space mission, which is set to be launched Saturday. https://t.co/YURtRGGnW6 pic.twitter.com/swH5glvvK7
— Global Times (@globaltimesnews) October 14, 2021
वांग यापिंग चीन के स्पेस स्टेशन में जाने वाली पहली ताइकोनॉट होंगी. 1080 में पूर्वी चीन के शैंडोंग प्रांत के यानताई में जन्मीं वांग यापिंग को शेनझोउ मिशन के लिए साल 2013 में चुना गया था. उन्हें भी चीन में हीरो एस्ट्रोनॉट की उपाधि मिली हुई है. साथ ही उन्होंने तियानगॉन्ग-1 स्पेस लैब मॉड्यूल से पहली बार चीन के 6 करोड़ बच्चों के लिए साइंस का लेक्चर दिया था. (फोटोः गेटी)
वांग सिर्फ चीनी स्पेस स्टेशन पर जाने वाली पहली महिला ताइकोनॉट ही नहीं होंगी बल्कि अंतरिक्ष में चहलकदमी करने वाली पहली महिला भी होंगी. 41 वर्षीय यी गुआंगफू भी पहली बार स्पेस स्टेशन पर जा रहे हैं. यूरेपियन स्पेस एजेंसी के केव ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. वो यह ट्रेनिंग हासिल करने वाले चीन के दूसरे बैच के एस्ट्रोनॉट थे. उन्हें पहली बार चीन की जनता ने साल 2016 में देखा. (फोटोः गेटी)
CMSA ने बताया कि छह महीने स्पेस स्टेशन में रहना, तीनों ताइकोनॉट्स के लिए मुश्किल भरा होगा. क्योंकि ये उनका पहला अनुभव होगा. उन्हें एक रूम में तेज कंपन, आवाज और गुरुत्वाकर्षण मुक्त स्थान में रहने की आदत डालनी होगी. इससे उनके सामान्य जीवन और काम पर भी असर पड़ेगा. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ेगा. (फोटोः गेटी)
अगर ये लोग सुरक्षित छह महीने अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताते हैं तो उन्हें नींद संबंधी दिक्कतें, थकान, पेट संबंधी समस्याएं और दिल संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. साथ ही ये मानसिक रूप से भी बीमार पड़ सकते हैं. हालांकि इन्हें इन सभी विपरीत परिस्थितियों के लिए ट्रेनिंग दी गई है. इन्होंने कई तरह की चुनौतियों का सामना किया है. इस मिशन के दौरान ग्राउंड और कंट्रोल सपोर्ट टीम्स इनसे लगातार बात करती रहेगी. ताकि ये बोर न हों. (फोटोः गेटी)
बीजिंग में रहने वाले स्पेस एक्सपर्ट पांग झीहाओ ने कहा कि ताइकोनॉट्स को अंतरिक्ष में रहते समय तनाव और बीमारियों से बचने के लिए संगीत सुनना चाहिए. टीवी देखना चाहिए. बातचीत करते रहना चाहिए. इससे उनकी मानसिक सेहत बनी रहेगी. साथ ही व्यायाम करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि शारीरिक दिक्कतों से मुक्ति मिल सके. थोड़ी बहुत समस्याएं तो आएंगी लेकिन वो जमीन पर आने के बाद सही हो जाएंगी. (फोटोः गेटी)