अब तक चांद पर ज़मीनें खरीदी गई हैं, आने वाले सालों में वहां इमारतें भी बनाई जाने लगेंगी. चीन जल्द से जल्द वहां ठिकाना बनाना चाहता है. वह वहां कंस्ट्रक्शन करने की योजना बना रहा है और इसके लिए उसने तैयारी भी शुरू कर दी है. चीन का प्लान है कि वह अगले 5 सालों में चांद की मिट्टी का इस्तेमाल करके, लूनर बेस (Lunar base) बनाएगा. (Photo: NASA)
चीन के स्थानीय मीडिया के मुताबिक, 100 से ज़्यादा चीनी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और स्पेस कॉन्ट्रैक्टरों ने हाल ही में, चीनी के वुहान में एक कॉन्फ्रेंस की, जिसमें आने वाले मिशनों के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही, चांद पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई. (Photo: Getty)
चांगजियांग डेली के मुताबिक, चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक विशेषज्ञ डिंग लियुन (Ding Lieyun)का कहना है कि एक टीम चांद की मिट्टी से ईंटें बनाने के लिए 'चाइनीज सुपर मेसन्स' (Chinese Super Masons) नाम का एक रोबोट डिजाइन कर रही है. (Photo: Getty)
रिपोर्ट के मुताबिक, डिंग मानते हैं कि इतने कम समय में इस लक्ष्य को पाने में मुश्किलें आएंगी, जैसे- वहां पानी का न होना, ग्रैविटी कम होना, चांद पर बार-बार भूकंप आना और भयंकर कॉस्मिक रेडिएशन होना. फिरभी उनका मानना है कि लंबे समय तक लूनर एक्सप्लोरेशन करने के लिए, चांद पर हैबिटेट ज़रूरी है और निश्चित रूप से भविष्य में इस बात का एहसास होगा. (Photo: Getty)
डिंग ने कहा कि चांद की मिट्टी से ईंट बनाने वाले रोबोट को 2028 के आसपास, चीन के Change-8 मिशन के दौरान लॉन्च किया जाएगा. उनका कहना है कि हम पहली ईंट चांद की असली मिट्टी से ही बनाएंगे और चांद पर ही बनाएंगे. (Photo: Andrew McCarthy and Connor Matherne)
इसके अलावा, चीन का लक्ष्य है कि वह 2025 के आसपास, एक मिशन के ज़रिए चांद के सबसे दुरगम हिस्से से मिट्टी का पहला सैंपल लेकर आए. मीडिया के मुताबिक, चीन इससे पहले 2020 में अपने Change-5 मिशन के दौरान चंद्रमा के नज़दीक हिस्से से मिट्टी के नमूने ला चुका है. इसके अगले साल यानी 2026 में, Change-7 मिशन लॉन्च किया जाएगा, जो दक्षिण ध्रुव के ऐटकेन बेसिन में उतरेगा और क्रेटर्स के तल पर पानी की बर्फ की तलाश करेगा. (Photo: Reuters)