चीन का S-400 एयर डिफेंस प्रणाली भी भारत में बनी दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल BrahMos का कुछ नहीं बिगाड़ सकती. उसे रोक नहीं सकती. ये दावा किया है ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल दिनकर राणे ने. उन्होंने कहा कि एस-400 भले ही दुनिया की बेहतरीन हवाई सुरक्षा प्रणाली हो लेकिन वह ब्रह्मोस को रोक नहीं पाएगी. (सभी फोटोः डीआरडीओ/गेटी)
डिफेंस वेबसाइट idrw के मुताबिक असल में कहानी ये है कि ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. वह बैलिस्टिक मिसाइल से अलग है. S-400 डिफेंस सिस्टम खासतौर से बैलिस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा के लिए बनाई गई है. बैलिस्टिक मिसाइल अलग तरह से ऑपरेट होती है. अलग ट्रैजेक्टरी से टारगेट की ओर बढ़ती है.
ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार रफ्तार की वजह से इसे कोई गिरा नहीं सकता. किसी भी सतह से हवा में मार करने वाले सुरक्षा प्रणाली से ब्रह्मोस को गिराना आसान नहीं है. चाहे वह एस-400 एयर डिफेंस प्रणाली ही क्यों न हो. पहले यह समझते हैं कि क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल में क्या अंतर होता है?
क्रूज मिसाइल (Cruise Missile) जेट इंजन से उड़ान के लिए ऊर्जा हासिल करती हैं. यह सुपरसोनिक गति से ही अपनी उड़ान भरती है. वहीं, बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) रॉकेट इंजन से पावर हासिल करती हैं. लेकिन सिर्फ शुरुआती उड़ान के समय ही. बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च के बाद कुछ समय के लिए ही प्रोपेल किया जाता है. जबकि क्रूज मिसाइल सेल्फ प्रोपेल्ड होती है. वह टारगेट को हिट करने तक प्रोपेल होती रहती हैं.
बैलिस्टिक मिसाइल ज्यादा वजन के पेलोड यानी वॉरहेड ले जाने में सक्षम होते हैं. इनपर भारी परमाणु हथियार या कई वॉरहेड्स लगाए जा सकते हैं. लेकिन क्रूज मिसाइल में इकलौता वॉरहेड जाता है. यह पारंपरिक हथियार होता है, जिससे सटीकता के साथ सीधा निशाना लगाया जाता है.
क्रूज मिसाइलें तीन प्रकार की होती हैं. पहली सबसोनिक यानी 0.8 मैक की गति से चलने वाली. यानी ये 987 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ती है. दूसरी सुपरसोनिक यानी मैक 2 से मैक 3 तक. ये 2469 किलोमीटर प्रतिघंटा से 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. तीसरी होती हैं- हाइपरसोनिक यानी मैक 5 या उससे ऊपर. इनकी गति 6100 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे ज्यादा हो सकती हैं.
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.
ब्रह्मोस मिसाइल को मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल की तुलना में दोगुनी अधिक तेजी से वार करती है. यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है.
युद्धपोत से लॉन्च किए जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 200 किलोग्राम वॉरहेड ले जा सकती है. यह मिसाइल मैक 3.5 तक की अधिकतम गति हासिल कर सकती है. यानी 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है. पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड. दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन है. जो इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है. साथ ही ईंधन की खपत कम करता है.