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साइंस न्यूज़

वैज्ञानिकों ने नेपच्यून के आगे अनोखी कक्षाएं खोजी, जिसमें तैर रही हैं अजीबो-गरीब चीजें

Strange Orbits Beyond Neptune
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वैज्ञानिकों ने बताया है कि 14 सितंबर को सौर मंडल का आखिरी ग्रह यानी नेपच्यून धरती के नजदीक दिखाई देगा. यानी वो खिसककर हमारे पास नहीं आ रहा है, बस वह ऐसी स्थिति में आ रहा है जहां से उसकी धरती से दूरी कम हो जाएगी. वैसे यह ग्रह धरती से 4.52 अरब किलोमीटर दूर रहता है. लेकिन 14 सिंतबर 2021 यानी आज 4.30 अरब किलोमीटर पर आ जाएगा. लेकिन इस ग्रह के साथ एक नया खुलासा हुआ है. अब इस ग्रह के ठीक पीछे साइंटिस्ट को कुछ विचित्र कक्षाएं मिली हैं. इनमें 461 नई अंतरिक्षीय वस्तुएं मिली हैं. जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया. (फोटोः गेटी)

Strange Orbits Beyond Neptune
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नेपच्यून (Neptune) के पीछे विचित्र कक्षाएं हैं, जो कई 6 साल की रिसर्च के बाद मिले हैं. इन कक्षाओं में 461 नए अंतरिक्षीय वस्तुएं मिली है, जिन्हें वैज्ञानिकों ने पहले कभी नहीं देखा न ही नोटिस किया. इनमें से चार वस्तुएं ऐसी हैं जो सूरज से 230 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट दूर हैं. यानी 14.96 करोड़ किलोमीटर है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन वस्तुओं के अध्ययन से नेपच्यून के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल होगी. (फोटोः गेटी)
 

Strange Orbits Beyond Neptune
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वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे पता चलेगा कि गहरे अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की क्या प्रक्रिया है. यह कैसे बड़े ग्रहों के चारों तरफ काम करती है. क्योंकि ये सौर मंडल का आखिरी छोर है. यहां पर कोई बड़ा ग्रह अगर अपने चारों तरफ विचित्र तरह की कक्षाओं का निर्माण करता है और उसमें कुछ अजीबो-गरीब चीजें घूमती हैं, तो यह एक नई प्रक्रिया है जिसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. (फोटोः गेटी)

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Strange Orbits Beyond Neptune
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यह खुलासा हुआ है साल 2013 से शुरु हुए डार्क एनर्जी सर्वे (Dark Energy Survey) के जरिए. चिली के सेरो तोलोलो में स्थित ब्लैंको टेलिस्कोप के जरिए नेपच्यून के आसपास नजर रखी जा रही थी. तब 817 वस्तुएं खोजी गईं. इनमें से 461 वस्तुएं पूरी तरह से नई है. इन्हे पहली बार देखा गया है. इनके बारे में रिपोर्ट प्री-प्रिंट सर्वर arXiv में प्रकाशित किया गया है. (फोटोः गेटी)

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जो नई वस्तुएं खोजी गई हैं, इनमें से कई कम से कम 30 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट की दूरी पर हैं यानी काफी नजदीक लेकिन ये घोर अंधेरे में हैं और पूरी तरह से अकेले हैं. नेपच्यून (Neptune) नीला और बर्फीला ग्रह है. इस ग्रह के चारों तरफ 3000 ट्रांस नेपच्यूनियन ऑबजेक्ट्स (TNO's) हैं. इनपर भी नेपच्यून के बर्फीले मौसम का प्रभाव पड़ता है. इनमें कुछ ड्वार्फ प्लैनेट्स भी हैं, जैसे- प्लूटो और एरिस. इसके अलावा यहां पर छोटे कुईपर बेल्ट में स्थित वस्तु जैसे अरोकोठ (Arrokoth) है.  (फोटोः गेटी)

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अरोकोठ (Arrokoth) को न्यू होराइजन स्पेसक्राफ्ट ने 2019 में खोजा था. यह कुईपर बेल्ट में मौजूद बर्फीला पथरीला छोटा सा टुकड़ा है. जो नेपच्यून के आसपास घूम रहा है. 461 नए वस्तुओं में से 9 एक्ट्रीम ट्रांस-नेपच्यूनियन ऑबजेक्ट्स की कैटेगरी में रखे गए हैं. ये सूरज का चक्कर 150 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट की दूरी पर लगाते हैं. वहीं, चार ऑबजेक्ट्स 230 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट पर सूरज का चक्कर लगाते हैं. (फोटोः गेटी)

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इतनी दूरी पर होने के बावजूद जहां पर नेपच्यून (Neptune) की ग्रैविटी का असर कम हो जाता है, वहां पर ये इस ग्रह के चारों तरफ एक विचित्र प्रकार की कक्षा यानी ऑर्बिट में चक्कर लगा रहे हैं. ये चीज वैज्ञानिकों को समझ में नहीं आ रही है क्योंकि ऐसा हो सकता है कि सौर मंडल के बाहर से कोई ताकत इनपर वस्तुओं पर असर डाल रही है. जिसके बारे में किसी भी प्रकार की गणना या डेटा वैज्ञानिकों के पास नहीं है. न ही उन्हें ये समझ में आ रहा है कि ये ताकत क्या और कैसी है. (फोटोः गेटी)

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अगर एक बार वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया कि यह किस तरह की ताकत है तो हो सकता है कि वो भविष्य में गहरे अंतरिक्ष में मौजूद ग्रहों और अंतरिक्षीय वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण शक्ति जैसी ताकतों के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सके. वैज्ञानिकों को नेपच्यून (Neptune) के चार नए नेपच्यून ट्रोजन्स (Neptune Trojans) भी मिले हैं. ट्रोजन्स वो अंतरिक्षीय वस्तुएं होती हैं, जो किसी ग्रह या चंद्रमा की कक्षा को शेयर करते हैं. (फोटोः गेटी)

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नेपच्यून (Neptune) के मामले में ये ट्रोजन्स इस बर्फीले ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सूर्य का चक्कर लगा रहे हैं. 155 ऐसी नई वस्तुएं हैं जिन्हें अंतरिक्ष विज्ञानियों ने डिटैच्ड कहा है. यानी ये नेपच्यून से अलग होकर उसके चारों तरफ मौजूद हैं. लेकिन इनके बीच इतनी ज्यादा दूरी है कि इनपर नेपच्यून की ग्रैविटी का कोई असर नहीं है. ये हमारे सौर मंडल की किसी अनजान शक्ति से जुड़े हुए हैं. ये एक तश्तरीनुमा कक्षा में फैले हुए हैं. (फोटोः गेटी)

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शोधकर्ताओं ने लिखा है कि ये खुलासे बेहतरीन है. हम नई जानकारियों को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित हैं. हम लगातार ऐसे ट्रांस-नेपच्यूनियन ऑबजेक्ट्स की खोज कर रहे हैं. उनके बारे में जानकारियां जमा कर रहे हैं. फिलहाल हम सिर्फ 20 फीसदी TNO's के बारे में ही थोड़ी बहुत जानकारी हासिल कर पाए हैं. आगे के लिए कई तरह की स्टडीज चल रही हैं. (फोटोः गेटी)

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