scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

NASA का खुलासाः मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के सबूतों को मिटाया गया

Past Life Mars Curiosity
  • 1/10

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के सबूत खोजे हैं. साथ ही ये भी पता किया है कि इन सबूतों और संकेतों को लाल ग्रह से मिटा दिया गया है. मंगल ग्रह पर जीवन संबंधी सबूतों का रिकॉर्ड नासा के क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover) के यंत्रों में दर्ज है. साथ ही यह भी दर्ज है कि इन सबूतों के साथ मंगल ग्रह पर छेड़छाड़ हुई है. चाहे वह वहां के मौसम द्वारा की गई हो या फिर समय के द्वारा. (फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 2/10

नासा की नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि मंगल ग्रह के कुछ हिस्सों से प्राचीन जीवन (Past Life) के सबूतों को मिटाया या घिसा गया है. यह हैरतअंगेज खोज क्यूरियोसिटी रोवर ने क्ले (Clay) से भरे पत्थरों के जांच के दौरान खोजी. क्यूरियोसिटी रोवर इस समय गेल क्रेटर (Gale Crater) में है. यह मंगल ग्रह की पुरानी झील है जो इस समय सूखी हुई है. यह झील 360 करोड़ साल पहले एस्टेरॉयड के टकराने से बनी थी. (फोटोःगेटी)

Past Life Mars Curiosity
  • 3/10

क्ले का मिलना मतलब जीवन की संभावनाओं का होना बताया जाता है. क्योंकि क्ले तब बनता है जब पत्थर के मिनरल्स अलग होते हैं और पानी के साथ मिलकर सड़ते हैं. यह जीवन की शुरुआती आधार माने जाते हैं. यह माइक्रोबियल जीवाश्म को सदियों तक संभालकर रखने के लिए उपयुक्त पदार्थ होते हैं. (फोटोः NASA)

Advertisement
Past Life Mars Curiosity
  • 4/10

क्यूरियोसिटी रोवर ने प्राचीन मडस्टोन के दो सैंपल लिए. एक सेडिमेंट्री रॉक जिसमें क्ले भरा था. ये पत्थर झील के सूखे हुए हिस्से में पड़ा था. यह करीब 350 करोड़ साल पुराना पत्थर है. इसके अंदर क्ले के जो हिस्से मिले हैं वो उम्मीद से आधे थे. लेकिन इसके अंदर आयरन ऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा थी, जिसकी वजह से मंगल ग्रह को लाल रंग मिलता है.(फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 5/10

इन क्ले का पत्थरों से मिट जाना यानी प्राचीन जीवन का सबूत मिट जाना एक बड़ी घटना है. माना जाता है कि मंगल ग्रह पर पुराने समय में मौजूद नमकीन पानी के बहाव की वजह से ये क्ले पत्थरों से गायब हो गए. कई स्थानों पर मौजूद क्ले की मात्रा समय के साथ कम होती चली गई. अब वहां बेहद ही सूक्ष्म स्तर पर क्ले के रूप में प्राचीन जीवन के सबूत बचे हैं. (फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 6/10

नासा के कैलिफोर्निया स्थित अमेस रिसर्च सेंटर के शोधकर्ता और इस स्टडी के प्रमुख लेकर टॉम ब्रिस्टॉ ने कहा कि मिनरल्स से भरे ये क्ले की परत सदियों में खत्म हुई हैं. ये गेल क्रेटर के नीचे अब भी पत्थरों में जमी होंगी. जिनमें करोड़ों साल पहले के जीवन के सबूत मिल सकते हैं. ऊपर पत्थरों में जमा क्ले की परतें पानी के बहाव के साथ खत्म हुई होंगी. या फिर तेज हवा या एस्टेरॉयड्टस की टक्कर की वजह से पैदा हुए शॉकवेव से. (फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 7/10

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के पत्थर को ड्रिल करके उसमें से ये डेटा निकाला था. इस ड्रिलिंग को करने वाले यंत्र का नाम है केमिस्ट्री एंड मिनरेलॉजी इंस्ट्रूमेंट (CheMin). यही पत्थरों की जांच करके बताता है कि वहां पहले कभी जीवन था. टॉम ब्रिस्टॉ ने कहा कि सेडिमेंट्स के रासायनिक परिवर्तन को डाईजेनेसिस (Diagenesis) कहते हैं. इसकी वजह से मंगल ग्रह नए जीवन की शुरुआत हुई होगी और पुराने जीवन का खात्मा हुआ होगा. उनके सबूत को मिटा दिया गया होगा. (फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 8/10

डाईजेनेसिस के बावजूद कई पुराने पत्थरों में अब भी प्राचीन जीवन के सबूत हैं. लेकिन यह बात तो पुष्ट हो चुकी है कि गेल क्रेटर नमकीन पानी के बहाव की वजह से इन सबूतों का विनाश हुआ होगा. इस स्टडी के सह-लेखक और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में जियोलॉजी के प्रोफेसर जॉन ग्रॉजिंगर ने कहा कि गेल क्रेटर जैसी जगहों पर ही जीवन के सबूतों को खोजा जा सकता है. वहीं पर पुराने जीवन के अंश मिलेंगे. (फोटोः NASA)

Past Life Mars Curiosity
  • 9/10

प्रोफेसर जॉन ग्रॉजिंगर ने कहा कि हो सकता है कि डाईजेनेसिस की वजह से गेल क्रेटर की झील से जीवन के सबूत मिट गए हैं. लेकिन अब भी सतह के नीचे प्राचीन जीवन के अंश और सबूत भरपूर मात्रा में मौजूद होंगे. हमें इस बात की खुशी है कि क्यूरियोसिटी रोवर ने यह खूबसूरत खोज की है. (फोटोः NASA)

Advertisement
Past Life Mars Curiosity
  • 10/10

क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover) ने मंगल ग्रह पर 9 साल पहले अपनी खोजबीन शुरु की थी. तब से लेकर अब तक वह लगातार लाल ग्रह पर नए-नए खुलासे कर रहा है. वह मंगल ग्रह के प्राचीन जीवन की खोज में अपना समय निकाल रहा है. अलग-अलग स्थानों पर घूम रहा है. पत्थरों में ड्रिलिंग कर रहा है. अब इसके काम में परसिवरेंस रोवर मदद करेगा, जिसने फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर लैंड किया है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Advertisement