अमेरिका में एक नया जानलेवा वायरस मिला है. यह वायरस वहां के खरगोशों को शिकार बना रहा है. इस वायरस का नाम है रैबिट हेमोरेजिक डिजीस वायरस 2 (RHDV2). इसकी पुष्टि ओरेगॉन वेटरिनरी डॉयग्नोस्टिक लेबोरेटरी ने भी की है. जिन्होंने क्रूक काउंटी के पावेल बुटे में काली पूंछ वाले जैकरैबिट (Jackrabbit) को इस वायरस से संक्रमित पाया था. इस खरगोश के अलावा कई और जंगली खरगोश इस बीमारी से जूझ रहे हैं. (फोटोः गेटी)
ओरेगॉन डिपार्टमेंट ऑफ फिश एंड वाइल्डलाइफ (ODFW) के मुताबिक अमेरिका में सर्दियों के मौसम खरगोशों का शिकार करने का चलन है. लोग शिकार करने निकलते हैं. लेकिन अब शिकारियों को कहा गया है कि वो अपनी आंखें खुली रखें. पहले तो शिकार करने से बचे. अगर करना भी है तो सावधानी बरतें. क्योंकि अगर वो संक्रमित खरगोश को घर ले गए तो उससे पालतू खरगोशों को भी यह वायरस मार सकता है. इससे दिक्कत और बढ़ जाएगी. (फोटोः गेटी)
रैबिट हेमोरेजिक डिजीस वायरस 2 (RHDV2) की वजह से खरगोशों की अचनाक से मौत हो सकती है. इस वायरस का खतरा सिर्फ खरगोशों को होता है. इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं है. लेकिन घरेलू खरगोशों के लिए यह खतरनाक हो सकता है. इसकी चपेट में घरेलू पालतू बिल्लियां भी आ सकती हैं. (फोटोः गेटी)
ओरेगॉन का कृषि विभाग और ODFW मिलकर इस नए वायरस को रोकने के प्रयास में लग गए हैं. इस वायरस को पिछली साल मार्च के मध्य में घरेलू खरगोशों में पहली बार खोजा गया था. लेकिन तब इसके मामले न के बराबर थे. ओरेगॉन के मालह्यूर काउंटी में अप्रैल में पहली बार एक काली पूंछ वाला जैकरैबिट इस वायरस की वजह से मारा गया था. दूसरा केस मई 2021 में ही क्रिसमस वैली के लेक काउंटी में मिला था. (फोटोः गेटी)
ताजा मामला क्रूक काउंटी से करीब 100 किलोमीटर दूर मिला है. रैबिट हेमोरेजिक डिजीस वायरस 2 (RHDV2) इतना खतरनाक है कि यह ज्यादा और कम तापमान दोनों में ही फैलता है. यह मरते हुए खरगोश के शरीर में काफी समय तक बना रहता है. अगर इस खरगोश के पास कोई बिल्ली या अन्य खरगोश आता है तो उन्हें सीधे तौर पर संक्रमण की आशंका बनी रहती है. (फोटोः गेटी)
रैबिट हेमोरेजिक डिजीस वायरस 2 (RHDV2) खरगोशों के मल, संक्रमित पानी या खाने, किसी वस्तु पर संक्रमित खरगोश के आने-जाने और कपड़े से भी फैलता है. संक्रमित होने के बाद खरगोश को सांस लेने में दिक्कत होती है या फिर उसका नर्वस सिस्टम खराब हो जाता है. नाक से खून निकलने लगता है और खरगोश मारा जाता है. इसके अलावा उसके शरीर पर कोई बाहरी लक्षण नहीं दिखाई देते. (फोटोः गेटी)
More detections of rabbit hemorrhagic disease virus 2 (RHDV2) have been confirmed by the Oregon Veterinary Diagnostic Laboratory: https://t.co/7JQH48yBjw
— AVMA (American Veterinary Medical Association) (@AVMAvets) January 6, 2022
रैबिट हेमोरेजिक डिजीस वायरस 2 (RHDV2) बेहद संक्रामक और जानलेवा होता है. इस बीमारी से मरने वाले खरगोशों को अन्य जानवर तुरंत खाने का प्रयास करते हैं. जिससे वायरस के अन्य जीवों में फैलने का डर बना रहता है. हालांकि अभी तक ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन ओरेगॉन के प्रशासन ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. (फोटोः गेटी)
प्रशासन ने कहा कि अगर कहीं कोई मरा हुआ खरगोश दिखे तो उसके पीछे अपने कुत्ते या पालतू बाज को शिकार के लिए न भेजिए. दिए गए नंबर पर कॉल करके सूचना दीजिए. खरगोश का शिकार करने से बचिए. अगर कहीं कोई गड़बड़ दिखाई दे तो राज्य की वाइल्डलाइफ एजेंसी को सूचित करिए. खरगोशों को छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज करिए. शरीर को पूरी तरह से ढंक कर रखिए. (फोटोः गेटी)
जंगली खरगोशों के साथ रहते समय खाए-पीएं नहीं. इससे उनके शरीर के वायरस आपको दिक्कत में डाल सकते हैं. इस वायरस से इंसानों को कोई नुकसान तो नहीं होता लेकिन वायरस के म्यूटेशन के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. क्योंकि इनकी वजह से टूलारेमिया (Tularemia) नाम की बीमारी इंसानों में फैल सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है. (फोटोः गेटी)