दुनिया की सबसे गहराई में मौजूद जहाज की पहली बार HD तस्वीरें ली गई हैं. ये जहाज समुद्र के अंदर 6456 मीटर यानी 21,180 फीट नीचे हैं. ये इतनी गहराई है कि इसमें 8 बुर्ज खलीफा समा जाए. पहली बार इस जहाज के पास पहुंचने वाले दो खोजकर्ता अमेरिकी नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं. ये जहाज असल में अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत था, जो जापान के साथ युद्ध में ध्वस्त होकर समुद्र में समा गया था. (फोटोः AFP)
इस जहाज का नाम है यूएसएस जॉन्सटन (USS Johnston). द्वितीय विश्व युद्ध के समय 25 अक्टूबर 1944 को इस युद्धपोत को जापानी सैनिकों ने लीटे खाड़ी के युद्ध (Battle of Leyte Gulf) में मार गिराया था. तब से लेकर अब तक ये जहाज समुद्र के अंदर ही पड़ा है. यह युद्ध नौसैनिक इतिहास का सबसे लंबा चलने वाला युद्ध था. (फोटोः AFP)
अमेरिकी नेवी के डेस्ट्रॉयर यूएसएस जॉन्सटन (USS Johnston) को पहली बार साल 2019 में खोजा गया था. ये जहाज फिलीपींस सागर के समर आइलैंड के पास समुद्र में डूबा है. उस समय इसकी मौजूदगी को रिमोटली ऑ़परेटेड व्हीकल (ROV) से पुख्ता किया गया था. लेकिन इस तक कोई पहुंच नहीं पाया था. कोई पनडुब्बी भी नहीं. (फोटोः AFP)
The world's deepest shipwreck is like a time capsule from the moment it sank on Oct. 25, 1944. 🚢⚓️https://t.co/cKVZDnq4LT
— Live Science (@LiveScience) April 5, 2021
जापानी बमों का घाव लिए यूएसएस जॉन्सटन (USS Johnston) समुद्र में 21,180 फीट नीचे पड़ा है. इसे खोजने के लिए अमेरिकी नेवी कमांडर विक्टर वेसकोवो ने फंडिंग जुटाई. एक पनडुब्बी तैयार करवाई जो इतनी गहराई में जा सके. मिशन का नाम रखा गया DSV Limiting Factor. इस पनडुब्बी ने युद्धपोत तक दो बार यात्रा की. हर यात्रा में आने-जाने का कुल समय 8 घंटे लगता था. (फोटोः AFP)
ऐसा पहली बार हुआ जब दो इंसान और एक पनडुब्बी इतनी गहराई तक गए हैं. इस पनडुब्बी को इतनी गहराई तक ले जाने वाले लोग हैं- रिटायर्ड यूएस नेवी लेफ्टिनेंट कोमोडोर पार्क्स स्टीफेंसन और शेन ईगलर. शेन ईगलर नौसैनिक इतिहास के एक्सपर्ट और सीनियर सबमरीन टेक्नीशियन हैं. (फोटोः गेटी)
दोनों इतनी गहराई में जाने के बाद यूएसएस जॉन्सटन (USS Johnston) के अगले हिस्से, ब्रिज और बीच के हिस्से की तस्वीरें ले पाए. इस जहाज पर हल नंबर 557 आज भी लिखा है. ये नंबर युद्धपोत के दोनों तरफ लिखा हुआ है. इस युद्धपोत पर आज भी बंदूकों के टरेट्स, दो टॉरपीडो रैक्स और कई बंदूकें लगी हुई हैं. ये साफ-साफ दिखाई देती हैं. (फोटोः AFP)
Just completed the deepest wreck dive in history, to find the main wreckage of the destroyer USS Johnston. We located the front 2/3 of the ship, upright and intact, at a depth of 6456 meters. Three of us across two dives surveyed the vessel and gave respects to her brave crew. pic.twitter.com/N1AuzHIi0b
— Victor Vescovo (@VictorVescovo) April 1, 2021
दोनों खोजकर्ताओं को इस युद्धपोत पर एक भी इंसान के अवशेष या कपड़े नहीं मिले. पार्क्स स्टीफेंसन कहते हैं कि हमने जब युद्धपोत को देखा तो दंग रह गए. उसे देखकर लग रहा था कि उसपर दर्जनों बम और रॉकेट गिराए गए थे. इसके ऊपर अब तक बने सबसे बड़े जापानी युद्धपोत इंपीरियल जापानीज नेवी बैटलशिप यामातो (Yamato) से हमला किया गया था. (फोटोः गेटी)
यूएसएस जॉन्सटन (USS Johnston) की लंबाई 376 फीट और चौड़ाई 39 फीट थी. पार्क्स कहते हैं कि उस इस युद्धपोत ने यामातो से आखिरी दम तक संघर्ष किया था. इसके कमांडर अर्नेस्ट इवान्स और इसे युद्ध के बाद बहादुरी के लिए अवॉर्ड भी दिया गया था. इसलिए जब हमने युद्धपोत को देखने के बाद वापस लौटने का सोचा तो हमने वहां अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. (फोटोः गेटी)
पार्क्स ने बताया कि लीटे खाड़ी के युद्ध (Battle of Leyte Gulf) में तीन और युद्धपोत नष्ट होकर डूब गए थे. अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है. हम उन्हें भी खोजने का प्रयास कर रहे हैं. इससे संबंधित सोनार डेटा, तस्वीरें और फील्ड नोट्स अमेरिकी नौसेना ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किए हैं. जब सेना चाहेगी तो सार्वजनिक करेगी. (फोटोः गेटी)
It's been so wonderful to share the story of the USS Johnston with so many people. Her crew and Captain, Ernest Evans - the first Native American in the Navy to be awarded the Medal of Honor, were extraordinarily heroic. Here's video from the dive and the bridge they fought from. pic.twitter.com/rAfEh78VJv
— Victor Vescovo (@VictorVescovo) April 4, 2021
पार्क्स ने कहा कि हम उस जहाज से कुछ लेकर नहीं आए. लेकिन हमारी यात्रा से कई इतिहासकारों और नौसैनिक एक्सपर्ट्स को लाभ जरूर मिलेगा. नेवी कमांडर विक्टर वेसकोवो ने 2019 में सबसे ज्यादा गहराई में जाकर दुनिया की यात्रा की थी. उन्हें पांच समुद्रों की गहराई नापने का शौक है. इसलिए वो अपनी पनडुब्बी से ऐसे मिशन करते हैं. (फोटोः गेटी)