हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के बाद Delhi-NCR दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में नंबर एक पर है. दिवाली पर फूटे पटाखों की वजह से दिल्ली-एनसीआर के आसमान में Smog भर गया. प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के दो और शहर शामिल हो चुके हैं. (फोटोः एपी)
स्विस ग्रुप IQ Air के मुताबिक राजधानी दिवाली से पहले दिल्ली का AQI 420 के आसपास था, जो दिवाली के बाद बढ़कर 900 पार गया. यह बेहद खतरनाक स्थिति है. इसकी वजह से बहुत से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. लेकिन अपने देश में दो शहर और हैं, जो सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हैं. (फोटोः एपी)
दिल्ली के अलावा एक कोलकाता और दूसरा मुंबई. कोलकाता का AQI 196 जबकि मुंबई का 163 है. अगर AQI लेवल 400-500 के बीच है, तो उसका नुकसान हर इंसान भुगतता है. बीमारियां बढ़ जाती हैं. सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. 150 से 200 के बीच का AQI लोगों को दमा का मरीज बना देता है. फेफड़े और दिल की दिक्कत होती है. (फोटोः एपी)
अगर AQI लेवल 0-50 के बीच है, तो उसे अच्छा माना जाता है. दिवाली की मध्यरात्रि के बाद AQI बढ़कर 680 हो गया था. सुबह तक ये 900 पार. हर साल दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन पटाखों पर प्रतिबंध लगाती है. लेकिन पटाखे आ जाते हैं. फूटते भी हैं. धमाकों की आवाज से पूरा दिल्ली-एनसीआर दहलता रहता है. (फोटोः एपी)
दिवाली से ठीक पहले पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में स्मोग फैल जाता है. इस बार भी फैला था. लेकिन एक बारिश ने उसे धुल दिया. फिर दिवाली के पटाखों ने आसमान में Smog फैला दिया. गाड़ियों के चलाने पर भी दिल्ली सरकार बैन लगाने वाली थी लेकिन ऐसा कर नहीं पाई. (फोटोः एपी)
अब स्थानीय प्रशासन दिवाली के बाद फिर फैसला लेगी. सोमवार सुबह 7 बजे शादीपुर में AQI 315, आयानगर में 311, लोधी रोड पर 308, पूसा में 355 और जहांगीरपुरी में 333 था. ये स्मोग है, जो PM2.5 की वजह से फैला हुआ है. ये हमारे सांस के रास्ते फेफड़ों तक चले जाते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का कोई असर नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद भी स्थानीय प्रशासन पटाखे फोड़ने से लोगों को रोक नहीं पाई. राजधानी के 40 मॉनिटरिंग स्टेशन पर 500 के लेवल पर औसत 220 AQI था. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की लिमिट से 20 गुना ज्यादा था. (फोटोः रॉयटर्स)
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सीनियर डॉक्टर देश दीपक ने कहा कि मैं इस धुएं की वजह से अपने मरीजों को परेशान होता देख रहा हूं. हमारा समाज साफ हवा का मतलब न जानता है. न ही जानना चाहता है. लोग आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की समस्या लेकर आ रहे हैं. सर्दियों में अभी यह समस्या और बढ़ने वाली है. (फोटोः रॉयटर्स)
दिल्ली एनसीआर में पटाखे ज्यादा फूटे नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में. लोग अपनी सोसाइटी के बाहर, पार्कों में और खुले मैदानों में पटाखे फोड़ते नजर आए. सोशल मीडिया पर ऐसी हजारों फोटो और वीडियो देखने को मिल जाएंगे. (फोटोः रॉयटर्स)