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साइंस न्यूज़

दिल्ली के प्रदूषण पर यॉर्क यूनिवर्सिटी की स्टडी... लॉकडाउन में 'ओजोन' ने बिगाड़ा था खेल

Delhi Pollution Smog
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वो एवरेस्ट का दिखना, हिमालय की चोटियों का नजर आना, इंडिया गेट के सामने साफ हवा में सांस लेना, चमकते आसमान को देखना...पहले लॉकडाउन की ये सारे नजारे अच्छे जरूर लगे. माना जा रहा था कि पहले लॉकडाउन में प्रदूषण कम हुआ, जिसकी वजह से लोगों को बड़ा आनंद आया. लेकिन हाल ही में हुई एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली में पहले लॉकडाउन के दौरान जितनी उम्मीद की गई थी, उतना वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ. इसकी वजह ओजोन (Ozone - O3) था. (फोटोः इंडिया टुडे आर्काइव)

Delhi Pollution Smog
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कनाडा स्थित यॉर्क यूनिवर्सिटी  (York University) की स्टडी के मुताबिक पहले लॉकडाउन में प्रदूषणकारी तत्व तो कम हुए लेकिन ओजोन के स्तर (Ozone Level) में कोई कमी नहीं आई. बल्कि वो बढ़ा. यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने देखा कि भारत में पहले कोरोना लॉकडाउन में वायु प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई. क्योंकि गाड़ियां बंद थी. यातायात बेहद कम हो रहा था. आसमान साफ हो गया था. स्मोग (Smog) गायब था. लेकिन किसी को यह नहीं पता कि स्मोग एक जालसाज है. वह छिपकर हमला करता है. हो सकता है कि वह दिखे न लेकिन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा हो. (फोटोः पीटीआई)

Delhi Pollution Smog
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यही हुआ भी. यह स्टडी Environmental Science: Processes & Impacts जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें यह बताया गया है कि कुछ प्रदूषणकारी तत्वों के स्तर में तेजी से गिरावट हुई लेकिन ओजोन का स्तर काफी तेजी से बढ़ गया. हवा तो साफ थी, आसमान भी...जिसकी वजह से सूरज की रोशनी ज्यादा चमकदार दिख रही थी. इससे ओजोन के स्तर में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. (फोटोः गेटी)

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Delhi Pollution First Lockdown
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यॉर्क यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर ली क्रिली ने बताया कि हमारी स्टडी यह बताती है कि स्थानीय स्तर पर प्रदूषणकारी तत्वों का उत्सर्जन बेहद कम था. जिसकी वजह से लगा कि प्रदूषण कम हो रहा है. दिखाई भी यही दे रहा था. लेकिन अगर किसी ने ध्यान दिया हो तो पहले लॉकडाउन की गर्मी में आसमान ज्यादा साफ दिख रहा था. चमकदार रोशनी थी. हमें प्रदूषण, वायुमंडल, मौसम और वायुमंडलीय रसायन को एकसाथ समझने की जरूरत है. (फोटोः एपी)

Delhi Smog First Lockdown
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ली क्रिली ने बताया कि हमारी स्टडी में पूरा फोकस नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), फाइन पर्टिकुलेट मैटर (PM2.5) और O3 पर था. हमने भारत के दो शहरों का अध्ययन किया. पहला दिल्ली और दूसरा हैदराबाद. यह स्टडी पहले लॉकडाउन में 24 मार्च से 24 अप्रैल 2020 के डेटा पर आधारित है. यह बात पूरी दुनिया को पता है कि भारत में वायु प्रदूषण सेहत के लिए खराब स्तर पर ही रहता है. वैश्विक स्तर पर भी इस मामले में भारत का नाम खराब है. ली क्रिली ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक PM2.5 की वजह से साल 2017 में 12.70 लाख लोगों की आसामयिक मौत हुई. (फोटोः पीटीआई)

Delhi Air Quality Index
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रिसर्चर्स ने एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर PM2.5, NOx और O3 के हर घंटे का डेटा लिया. साथ ही मौसम और विजिबिलिटी का डेटा भी लिया. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने इन तत्वों पर आधारित डेटा को पिछले तीन साल के इसी समय के डेटा के साथ विश्लेषण किया. ताकि लॉकडाउन पीरियड में हवा में आए बदलाव को समझा जा सके. (फोटोः पीटीआई)

Delhi Air Quality Index
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जब वैज्ञानिकों ने दिल्ली और हैदराबाद के ऑब्जरवेशनल डेटा को ध्यान से देखा तो पता चला कि पहले लॉकडाउन में NOx में 57 फीसदी और PM2.5 के स्तर 75 फीसदी की गिरावट आई. लेकिन जब मौसम संबंधी आंकड़ों के हिसाब से देखा गया तो PM2.5 में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई. जबकि, NOx में 5 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. हैरानी की बात ये थी कि ओजोन (Ozone - O3) का स्तर बढ़ा हुआ था. (फोटोः पीटाआई)

Delhi Pollution First Lockdown
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यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के पता चला कि स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण जैसे गाड़ियों का कम चलना, जीवाश्म ईंधनों के कम उपयोग आदि से वायु प्रदूषण कम तो हुआ लेकिन उतना नहीं जितना उम्मीद की जा रही थी. जब बात क्षेत्रीय स्तर पर की जाती है तब उसमें इलाके के मौसम का भी ध्यान रखा जाता है. मौसम और वायुमंडल की रासायनिक प्रक्रिया वायु प्रदूषण में योगदान करती है. (फोटोः पीटाआई)

Delhi Pollution First Lockdown
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यॉर्क यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर कोरा यंग ने कहा कि हमने प्रदूषण के क्षेत्रीय स्रोतों पर भी ध्यान दिया. जैसे कृषि आधारित उत्सर्जन, ग्रामीण उत्सर्जन आदि. लेकिन लॉकडाउन लगाने से इनमें कोई कमी नहीं आई. ग्रामीण इलाकों से होने वाले प्रदूषण जारी थे. इनकी वजह से दिल्ली और हैदराबाद में PM2.5 के स्तर में ज्यादा कमी नहीं आ रही थी. शहरों में प्रदूषण बंद था लेकिन लॉकडाउन का असर गांवों में उतना नहीं था, इसलिए प्रदूषण का स्तर भी पूरी तरह से कम नहीं हो पा रहा था. (फोटोः पीटीआई)

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Delhi First Lockdown
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कोरा यंग कहती है कि इस स्टडी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि PM2.5 के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजनाएं बनानी होंगी. साथ ही स्थानीय स्तर पर भी इन्हें सख्ती से पालन कराना होगा. क्योंकि हमारी स्टडी उत्सर्जन, मौसम और वायु प्रदूषण के रसायन पर आधारित है. जब भी प्रदूषण संबंधी कोई नियम-कायदे बनाए जाएं तो इन तीनों का ध्यान रखा जाना चाहिए. दिल्ली में ओजोन (Ozone - O3) के स्तर में बढ़ोतरी की वजह वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOC) थे. इसलिए भविष्य में इसका भी ख्याल रखना होगा. (फोटोः एपी)

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