scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

Pakistan Flood: पिघलते हिमालय से हमें क्यों डरना चाहिए? जवाब हैं NASA से आईं पाकिस्तान की ये तस्वीरें

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 1/9

इस साल मध्य जून से पाकिस्तान लगातार भीग रहा है. भयानक मॉनसूनी बारिश की वजह से. पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PNDMA) ने कहा कि 3.30 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. 10 लाख घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है. इस स्टोरी में हम आपको जो तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, वो आपको प्राकृतिक आपदा के डराने वाले चेहरे से वाकिफ कराएंगी. (फोटोः NASA)

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 2/9

केदारनाथ में हादसा हुआ दूसरे राज्यों को क्या मतलब. केरल में बाढ़ आई तो बाकी लोगों से क्या लेना-देना. नहीं जनाब... जब तूफानी नदी बारिश के मौसम में अपना रास्ता बनाना शुरू करती है, तब उसके सामने राज्य नहीं होते. सरकारें नहीं होती. जाति, समुदाय संप्रदाय नहीं होता. वह सिर्फ प्रलय लेकर आती है. ऊंचाई से निचले इलाकों की तरफ. यह हाल है पाकिस्तान का. गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वां से निकली नदियों का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पूरे देश का नक्शा हरे से नीला हो चुका है. (फोटोः NASA)

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 3/9

NASA की अर्थ ऑब्जरवेटरी (Earth Observatory) ने यह तस्वीरें जारी की हैं. जिनमें हर जोड़े की तस्वीर में एक ही जगह की दो फोटो हैं. पहली 4 अगस्त 2022 की, जिसमें संबंधित इलाका कम पानी या सूखा नजर आ रहा है. दूसरी तस्वीर 28 अगस्त 2022 की है, यानी तब वही इलाका पानी में डूबा हुआ है. ज्यादातर तस्वीरें सिंधु नदी (Indus River) की हैं, जो पंजाब, खैबर-पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध प्रांत से होकर गुजरती है. इस नदी में भयानक बाढ़ आई हुई है. (फोटोः NASA)

Advertisement
Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 4/9

सिंधु नदी हिमालय से ही निकल कर जाती है. पाकिस्तान के हिमालयी इलाकों में ही 7200 से ज्यादा ग्लेशियर हैं. दुनिया के बाकी ग्लेशियरों की तुलना में हिमालय के ग्लेशियर 10 गुना ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं. नतीजा ये कि इनके पिघलने की वजह से सिंधु समेत पाकिस्तान की कई नदियों में बारिश से आई बाढ़ में और बढ़ोतरी हुई है. जिससे पूरे पाकिस्तान में 150 से ज्यादा ब्रिज, 3500 किलोमीटर लंबी सड़कें इस बाढ़ में खराब हो गई हैं. (फोटोः NASA) 

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 5/9

नासा के NOAA-20 सैटेलाइट से ली गई इन तस्वीरों में विजिबल इंफ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सुईट लगा है. जिसने इन तस्वीरों को लिया है. पाकिस्तान में इतना पानी जमा हो गया है कि देश का एक तिहाई हिस्सा सैटेलाइट तस्वीरों में हरे-भूरे-पीले रंग से बदलकर नीला और हरा हो गया है. नदियों का स्तर बढ़ गया. बांध उफन कर टूट गए. सिंध प्रांत के कंबर और शिकारपुर की तो हालत आप इन तस्वीरों में समझ सकते हैं. यहां 500 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. (फोटोः NASA) 

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 6/9

ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. इससे भारत, नेपाल, चीन, बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान समेत कई देशों में पानी की किल्लत होने वाली है. क्योंकि इन देशों की ज्यादातर नदियां तो हिमालय के ग्लेशियर से निकलती हैं. ग्लेशियर पिछले दशकों में 10 गुना ज्यादा गति से पिघले हैं. जबकि, छोटा हिमयुग (Little Ice Age) यानी 400 से 700 साल पहले ग्लेशियरों के पिघलने की गति का औसत बेहद कम था. जबकि पिछले कुछ दशकों में यह बेहद तेजी से बढ़ा है. जिसकी मुख्य वजह ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज है. (फोटोः गेटी) 

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 7/9

वैज्ञानिकों ने छोटा हिमयुग के बाद  अब तक हिमालय के 14,798 ग्लेशियरों का अध्ययन किया. उनकी सतह, बर्फ का स्तर, मोटाई, चौड़ाई और पिघलने के दर की स्टडी की गई. वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में पाया कि इन ग्लेशियरों ने अपना 40% हिस्सा खो दिया है. ये 28 हजार वर्ग किमी से घटकर 19,600 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर आ गए हैं. इस दौरान इन ग्लेशियरों ने 390 क्यूबिक किलोमीटर से 590 क्यूबिक किमी बर्फ खोया है. इनके पिघलने की वजह से जो पानी निकला है, उससे पूरी दुनिया के समुद्री जलस्तर में 0.92 मिमी से 1.38 मिमी की बढ़ोतरी हुई है. (फोटोः Nature)

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 8/9

आर्कटिक और अंटार्कटिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा ग्लेशियर वाला बर्फ हिमालय पर है. जिस गति से हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं, उससे भविष्य में कई एशियाई देशों में पीने के पानी की किल्लत होगी. ग्लेशियर के रीकंस्ट्रक्शन और वर्तमान ग्लेशियर की तुलना जब की गई तब पता चला कि हिमालय के ग्लेशियर सबसे ज्यादा नेपाल में पिघल रहे हैं. पूर्वी नेपाल और भूटान के इलाके में इनके पिघलने की दर सबसे ज्यादा है. इसके पीछे बड़ी वजह है हिमालय के पहाड़ों के दो हिस्सों के वातावरण, वायुमंडल में अंतर और मौसम में बदलाव. (फोटोः Nature)

Pakistan Flood NASA Himalaya
  • 9/9

सिर्फ ऊंचाई पर ग्लेशियर नहीं पिघल रहे. बल्कि ये वहां भी खत्म हो रहे हैं, जहां पर ये झीलों का निर्माण करते हैं. क्योंकि लगातार बढ़ते तापमान की वजह से झीलों का पानी तेजी से भाप बन रहा है. एक और समस्या सामने आई है. हिमालय पर ग्लेशियरों के पिघलने की तेज गति की वजह से कई झीलों का निर्माण हो गया है. जो कि खतरनाक है. अगर इन झीलों की बाउंड्रीवॉल टूटती है तो वह केदारनाथ और रैणी गांव जैसा हादसा कर सकती हैं. इंसानों द्वारा किए जा रहे जलवायु परिवर्तन को रोकना होगा. नहीं ग्लेशियर अगर पिघल गए तो आप नदियों की प्रणाली को खो देंगे. उसके बाद एकसाथ कई देशों में पानी की किल्लत हो जाएगी. जिससे हाहाकार मच जाएगा. खेती नहीं हो पाएगी. उपज खत्म हो जाएगी. (फोटोः Nature) 

Advertisement
Advertisement
Advertisement