चीता और तेंदुआ भले ही देखने में एक जैसे दिखते हों. शायद अंधेरे या कम रोशनी में आप अंतर न कर पाएं. लेकिन दोनों में बहुत ज्यादा भेद होता है. इन विभिन्नताओं को समझने के लिए थोड़ी बारीक बातों पर ध्यान देना होगा. जैसे ही आप इस चीज को समझेंगे आपको दोनों ही जीवों में अंतर समझ आ जाएगा. यह अंतर इसलिए समझाया जा रहा है क्योंकि मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से चीते आ रहे हैं. चीतों और तेंदुओं के बीच बड़ी समानताएं होती हैं, जिससे लोग कन्फ्यूज़ होते हैं. इसलिए ये अंतर जानना जरूरी है. (सभी फोटो में बाएं चीता और दाहिने तेंदुआ है.)
शरीर का आकार और बनावटः चीता (Cheetah) लंबे होते हैं. वो तेंदुओं (Leopard) की तुलना में जमीन से ज्यादा ऊपर दिखते हैं. लेकिन तेंदुओं से पतले जीव होते हैं. यानी तेंदुओं की ऊंचाई कम और वजन ज्यादा होता है. चीता का औसत वजन करीब 72 किलोग्राम होता है. वजन कम इसलिए होता है क्योंकि उन्हें तेज दौड़ना होता है. चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जीव है. स्वस्थ चीता अधिकतम 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. चीते का शरीर ज्यादा पतला होता है. इनकी रीढ़ की हड्डी ज्यादा लचीली होती है, इसलिए ये काफी तेज गति में तेज घुमाव ले सकते हैं.
चीते का सिर छोटा और गोल होता है. छाती ऊंची और पेट पतला होता है. तेंदुए छोटी ऊंचाई की बड़ी बिल्ली होती है. ये चीता की तुलना में मोटे होते हैं. इनका वजन औसतन 100 किलोग्राम के आसपास होता है. इनके शरीर में मांसपेशियां ज्यादा होती हैं. इनके पास काफी ज्यादा मात्रा में ताकत होती है. ये घात लगाकर हमला करते हैं. आमतौर पर छिपकर शिकार करते हैं.
चीता और तेंदुए की खाल में अंतरः चीता (Cheetah) की खाल का रंग हल्का पीला या ऑफ व्हाइट हो सकता है. जबकि तेंदुए (Leopard) की खाल पीले रंग की होती है. चीता के फर पर गोल या अंडाकार आकार के काले धब्बे होते हैं. जबकि तेंदुए की खाल पर ये धब्बे काले तो होते हैं लेकिन उनका आकार फिक्स नहीं होता. तेंदुए के धब्बे समूहों में बने होते हैं. जबकि, चीते की खाल के धब्बे अकेले-अकेले दिखाई देते हैं.
चीते और तेंदुए की शक्ल में अंतरः अगर कभी चीता (Cheetah) और तेंदुए (Leopard) की शक्ल ध्यान से देखेंगे तो आपको दोनों में बड़ा अंतर पता चलेगा. क्योंकि उनके सिर आकार अलग होता है. चीता के सिर छोटा और गोल होता है. जबकि तेंदुए का सिर बड़ा होता है. तेंदुए के चेहरे पर वही धब्बे समूहों में फैले होते हैं जो उसके शरीर पर दिखते हैं. जबकि चीता की शक्ल पर आंखों के कोने से मुंह तक एक काली लाइन आती है, जैसे रोते समय किसी का काजल बहकर आ जाता है. दूसरा अंतर है इनकी आंखें. चीतों की आंखें हमेशा अंबर यानी थोड़ी पीली दिखती है. जबकि तेंदुए की आंख चमकीले नीले और हरे रंग की दिखेगी.
दोनों के पूंछ के आकार और लंबाई में अंतर: चीता (Cheetah) की पूंछ थोड़ी चपटी और चौड़ी होती है. शिकार के पीछे दौड़ते समय चीते अपनी पूंछ का उपयोग शरीर का संतुलन बनाने के लिए करते हैं. यह उन्हें दिशा बदलने में मदद करती है. जबकि, तेंदुए (Leopards) की पूंछ गोलाकार ट्यूब जैसी होती है. तेंदुए भी अपनी पूंछ का उपयोग शारीरिक संतुलन के लिए करते हैं लेकिन खास तौर से पेड़ों पर चढ़ने, चलने और शिकार को पेड़ों पर ले जाने के लिए करते हैं.
दोनों के पंजों और पैरों में अंतर: तेंदुओं (Leopards) के आगे के पैर पीछे के पैर की तुलना में ज्यादा बड़े होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें शिकार के शरीर के वजन को खींचकर पेड़ों पर ले जाना होता है. तेंदुए के पंजे सिकोड़ने लायक होते हैं. जैसे बाकी बड़ी बिल्लियों के होते हैं. इनका उपयोग शिकार करते समय, पेड़ों पर चढ़ते समय, लड़ते समय या फिर शिकार पर पंजा मारते समय किया जाता है. दूसरी तरफ चीता के पंजे और पैर तेज गति के हिसाब से बने हैं. उनका पिछला पैर ज्यादा बड़ा और ताकतवर होता है, ताकि गति मिल सके. चीते को दौड़ते समय तेजी से घूमना होता है, इसलिए उनके पंजे ज्यादा सिकुड़ते नहीं हैं.
चीता की आवाज और तेंदुए का गुर्रानाः यह एक बड़ी चर्चा का विषय है कि चीता बड़ी बिल्लियो में आता है या मीडिया साइज की बिल्लियों में. क्योंकि कुछ वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जगुआर, तेंदुए, शेर और बाघ गुर्राते हैं. ये लंबी गुर्राहट के साथ दहाड़ते भी है. लेकिन चीते की आवाज महीन होती है. वो पुर्र जैसी आवाज निकालता है. इसलिए इस विभिन्नता को लेकर विवाद है.
कहां रहते हैं चीते और तेंदुएः चीते और तेंदुए एकदूसरे की जगह पर जाकर रह सकते हैं. लेकिन आमतौर पर चीते ग्रासलैंड या सावाना में रहते हैं. चीता को खुली जगह चाहिए होती है. ताकि वह तेज गति में शिकार कर सके. वहीं तेंदुए घात लगाकर हमला करने में एक्सपर्ट होते हैं. ये छिपकर हमला करते हैं. इसलिए ये आमतौर पर पेड़ों के ऊपर, घने जंगल या झाड़ियों में रहते हैं. तेंदुए अपना ज्यादातर समय पेड़ों पर बिताते हैं. दिनभर सोते हैं. रात में शिकार पर निकलते हैं. चीता भी पेड़ों पर चढ़ सकते हैं लेकिन आमतौर पर गिरे हुए पेड़ों की ओट में रहते हैं. या उसपर लेटे हुए मिल जाते हैं.
तेंदुए के इलाके में चीता नहीं आताः अगर गलती से तेंदुए के इलाके में चीता आता है तो तेंदुआ उसे भगा देता है. क्योंकि तेंदुए की ताकत ज्यादा होती है. उसका एक पंजा चीते को बुरी तरह से जख्मी कर सकता है. इसलिए चीता हमेशा तेंदुए की पहुंच से दूर ही रहना पसंद करता है.
दोनों में ताकतवर कौन, कौन खतरनाकः तेंदुआ किसी भी वक्त चीते से ज्यादा ताकतवर होता है. चीता ज्यादा तेज दौड़ता है. चीता तेंदुए के शावक को मार सकता है. लेकिन बड़ा तेंदुआ अगर एक पंजा मार दे तो चीते की मौत तक हो सकती है. क्योंकि तेंदुए की ताकत बहुत ज्यादा होती है. चीता सिर्फ अपनी गति की बदौलत ही तेंदुए से बच सकता है. चीता समूह में रहते हैं, जबकि तेंदुए अकेले.