शूजित्सू... इस नस्ल के कुत्ते बड़े झबरीले, प्यारे और सक्रिय होते हैं. लेकिन इस नस्ल के किसी एक कुत्ते का मूड किसी वजह से खराब है. आपने उसे प्यार करना चाहा लेकिन उसने आपको दांत गड़ा दिए. या नाखून मार दिया. एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुत्ते की नस्ल यानी उसकी ब्रीड से आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि कुत्ते का व्यवहार कैसा होगा. क्योंकि ब्रीड के हिसाब से ही लोग यह धारणा बना लेते हैं कि कुत्ता हिंसक होगा, खतरनाक होगा या प्यारा होगा या आदेश मानने वाला होगा. (फोटोः पिक्साबे)
कुत्तों की नस्ल (Dogs Breed) हमेशा से अपने व्यवहार और आक्रामकता के लिए ही जानी गई है. आप किसी भी ब्रीड का नाम लीजिए...सामने वाला लगभग बता ही देता है कि कुत्ते का व्यवहार कैसा होगा. लेकिन एक नई जेनेटिक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्रीड को लेकर मान्य धारणा से आप किसी एक कुत्ते के व्यवहार का अंदाजा नहीं लगा सकते. ये भी जरूरी नहीं कि कुत्ता वैसा ही व्यवहार करे जैसी कि धारणा उसके ब्रीड को लेकर बनी है. (फोटोः पिक्साबे)
वैज्ञानिकों ने 2155 कुत्तों के जीनोम की स्टडी की. इसमें से 78 प्योर ब्रेड ब्रीड्स के थे. कुछ मिक्स ब्रीड के थे. वैज्ञानिकों ने कुत्तों के व्यवहार को समझने के लिए इससे जुड़े जीन्स की स्टडी की. जीन्स में पाए जाने वाले अंतर का अध्ययन किया. 18 हजार सर्वे किए गए. इसके बाद वैज्ञानिकों को कुल मिलाकर 11 ऐसे जेनेटिक स्पॉट्स मिले, जो सीधे तौर पर कुत्तों के व्यवहार से जुड़ते हैं. यह स्टडी Science जर्नल में प्रकाशित हुई है. (फोटोः पिक्साबे)
ये 11 जेनेटिक स्पॉट्स ये बताते हैं कि कुत्ता आपका निर्देश कितना मानता है. क्या वो दिए गए आदेशों का पालन करता है. कितना भौंकता है. लेकिन हर कुत्ते और ब्रीड में यह 11 जेनेटिक स्पॉट्स अलग-अलग थे. यहां तक कि एक ही ब्रीड के कुत्तों के अंदर इन 11 स्पॉट्स में बदलाव देखा गया. यानी जरूरी नहीं कि हर पिटबुल खतरनाक ही हो. या हर गोल्डेन रिट्रीवर गुस्सा ही न करता हो. (फोटोः पिक्साबे)
किसी कुत्ते की नस्ल उसके व्यवहार को सिर्फ 9 फीसदी ही बता सकती है. लेकिन यह प्रतिशत अलग-अलग कुत्तों में अलग-अलग होता है. असल में किसी कुत्ते के व्यवहार का सही अंदाजा उसकी उम्र और लिंग से पता चलता है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्युसेट्स में कंपेरेटिव जिनोमिक्स की शोधार्थी एलिनॉर कार्लसन ने कहा कि हमें लगता है कि कुत्ते तो भेड़ियों से जंगली कुत्ते और फिर पालतू कुत्ते में बदल गए. लेकिन उनका व्यवहार ज्यादा नहीं बदला. लेकिन ऐसा नहीं है. (फोटोः पिक्साबे)
एलिनॉर कहती हैं कि जो व्यवहार जीन्स की बदौलत आते हैं, वो टिके रहते हैं. लेकिन उनकी सक्रियता के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है. इस बारे में कुत्ते की उम्र और लिंग सही अंदाजा लगाने में मदद करती है. अगर आप इस समय किसी कुत्ते के पपी को लेने जाएं तो पता चलेगा कि वह पिछली एक या दो सदी पुराने जेनेटिक ट्रेट्स लेकर आ रहे हैं. इसी के आधार पर उनकी शारीरिक संरचना होती है और उनकी खूबसूरती आदि. (फोटोः पिक्साबे)
किसी कुत्ते के पपी को लेने जाते समय लोगों के मन में तीन सवाल आते हैं. पहला क्या ये शिकारी कुत्ता है? दूसरा क्या से रखवाली कर पाएगा? तीसरा क्या ये सिर्फ खेलने-कूदने के काम आएगा? व्यवहार एक ऐसी प्रक्रिया है, जो छोटे-छोटे जीन्स से मिलकर बनता है. इसमें साथ देता है आसपास का पर्यावरण. जो व्यवहार को बदलता है. या उसे संवारता है. पहले की तरह इंसानों के जीवन में उतना खाली समय नहीं है कि वह कुत्तों को वक्त दे सके. (फोटोः पिक्साबे)
नई जेनेटिक स्टडी में इस बात का खुलासा होता है कि कुत्ते का व्यवहार इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसके पूर्वज प्योर ब्रेड बीड से थे या फिर क्रॉस ब्रीड थे. या फिर मल्टीपल ब्रीड के जेनिटिक ट्रेट्स इनके अंदर आए थे. इसलिए उनके ब्रीड के हिसाब से उनके व्यवहार का अंदाजा लगा पाना मुश्किल था. एलिनॉर और उनकी टीम ने इस बात की जांच इंसानों द्वारा बताई गई दिशा का पालन करना था. (फोटोः पिक्साबे)
लैब्राडोर रिट्रीवर और इंसानों के सामाजिक व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखा गया. यानी लैब्राडोर हमेशा से इंसानों के करीबी रहे हैं. प्योर ब्रीड वाले लैब्राडोर के मालिकों का कहना है कि इनके व्यवहार में ही सामाजिकता शामिल है. एलिनॉर कहती हैं कि कुत्ता कैसे व्यवहार करेगा, यह उसके मूड पर निर्भर है. इसका ब्रीड से कोई लेना-देना नहीं है. वह आपके निर्देशों को मानेगा या नहीं. सोफे पर खेलेगा या नहीं, यह बता पाना मुश्किल है. कम से कम ब्रीड के नाम से तो नहीं. (फोटोः पिक्साबे)
Dog Breeds Don't Explain Their Behavior as Much as We Think, Scientists Say https://t.co/UmnYsbSsD0
— ScienceAlert (@ScienceAlert) April 28, 2022