scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

Ice Volcanoes on Pluto: प्लूटो पर मिले 'बर्फीले ज्वालामुखी', ये आग नहीं... बर्फ उगलते हैं

Ice Volcanoes On Pluto
  • 1/10

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स (New Horizons Spacecraft) ने प्लूटो पर एक साथ कई ज्वालामुखियों की खोज की है. ये धरती पर मौजूद ज्वालामुखियों की तरह नहीं है. ये हैं बर्फीले ज्वालामुखी (Ice Volcanoes). नासा के मुताबिक करीब 10 ऐसे ज्वालामुखी मिले हैं, जिनकी ऊंचाई 1 किलोमीटर से 7 किलोमीटर तक हो सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

 

Ice Volcanoes On Pluto
  • 2/10

नासा ने बताया कि गुंबद के आकार के ये  बर्फीले ज्वालामुखी (Ice Volcanoes) अभी तक सिर्फ प्लूटो पर देखे गए हैं. ऐसे ज्वालामुखी न तो किसी अन्य ग्रह पर मिले हैं, न ही हैं. लेकिन चांद पर हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि धरती के ज्वालामुखी की तरह ये गर्म गैस या पिघले हुए पत्थरों का लावा नहीं उगलते. ये उगलते हैं, भारी मात्रा में बर्फ. बर्फीले ज्वालामुखी (Ice Volcanoes) सिर्फ और सिर्फ बर्फ की उलटियां करता है. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 3/10

वैज्ञानिकों ने बर्फीले ज्वालामुखी (Ice Volcanoes) को नया नाम दिया है. इसे क्रायोज्वालामुखी (Cryovolcanoes) भी बुलाया जा रहा है. यह टूथपेस्ट की तरह अपने मुहाने से लगातार बर्फ उगल रहा है. जिसमें आमतौर पर जमा हुआ पानी है. प्लूटो की तरह ही एस्टेरॉयड बेल्ट में मौजूद ड्वार्फ प्लैनेट सेरेस (Ceres), शनि ग्रह के चांद इंसीलेडस (Enceladus) और टाइटन (Titan), बृहस्पति ग्रह के चांद यूरोपा (Europa) और नेपच्यून ग्रह के चांद ट्राइटन (Triton) पर भी क्रायोज्वालामुखी के होने की उम्मीद है. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
Ice Volcanoes On Pluto
  • 4/10

हैरानी की बात ये है कि प्लूटो की तुलना में बाकी ड्वार्फ प्लैनेट और चंद्रमाओं पर जो क्रायोज्वालामुखी हैं, वो अलग-अलग परिस्थितियों में हैं. वो विभिन्न तापमान और वायुमंडली दबाव में हैं. इसलिए उनसे निकलने वाले बर्फीले पदार्थ का मिश्रण भी अलग है. साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट इन बोल्डर, कोलोराडो की प्रमुख प्लैनेटरी साइंटिस्ट केल्सी सिंगर ने कहा कि इन ज्वालमुखियों के मिलने का मतलब ये नहीं है कि प्लूटो ज्यादा एक्टिव है. या फिर भौगोलिक स्तर पर जीवित है. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 5/10

केल्सी सिंगर की यह स्टडी Nature Communications जर्नल में प्रकाशित हुई है. केल्सी सिंगर कहती हैं कि इतने बड़े पैमाने पर बर्फ उगलने की प्रक्रिया का मतलब ये है कि प्लूटो के अंदर अब भी अंदरूनी गर्मी मौजूद है. लेकिन जब उसे सौर मंडल से बाहर निकाल दिया गया है, उसके बाद यह इस तरह की हैरान करने वाली गतिविधियों को अंजाम देगा तो अचंभा तो होगा ही. इसके बर्फीले ज्वालामुखी किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 6/10

प्लूटो (Pluto) धरती के चांद से छोटा है. इसका व्यास (Diameter) 2380 किलोमीटर है. यह सूरज से 580 करोड़ किलोमीटर दूर की कक्षा में चक्कर लगाता है. यानी धरती से सूरज की जो दूरी है, उससे करीब 40 गुना ज्यादा दूरी पर प्लूटो मौजूद है. इसकी सतह पर मैदान हैं, पहाड़ हैं. गड्ढे हैं और घाटियां भी. अभी जो स्टडी की गई है, उसका डेटा अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स (New Horizons Spacecraft) ने साल 2015 में भेजा था. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 7/10

साउसवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्लैनेटरी साइंटिस्ट एलन स्टर्न ने कहा कि इस स्टडी से यह पता चलता है कि अंतरिक्ष में कई ऐसे स्थान हो सकते हैं जहां पर बर्फीले ज्वालामुखी (Ice Volcanoes) हो सकते हैं. यानी क्रायोज्वालामुखी (Cryovolcanism) की प्रक्रिया होती है. साधारण भाषा में बर्फ उगलने वाले ज्वालमुखी भी मौजूद हैं. प्लूटो की सबसे खास बात ये है कि वह बेहद जटिल है. धरती और मंगल ग्रह की तरह जटिल. ये ज्वालामुखी हैरानी करने वाली खोज हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 8/10

प्लूटो (Pluto) से न्यू होराइजन्स (New Horizons) ने जिस इलाके की जांच की है, वो है स्पुतनिक प्लैनिशिया (Sputnik Planitia). यह प्लूटो के दक्षिण-पश्चिम में स्थित दिल के आकार की घाटी है. जिसके अंदर ये गुंबर के आकार के ज्वालामुखी करीब 30 से 100 किलोमीटर लंबे इलाके में मिले हैं. इनमें से कई गुंबद इतने बड़े इलाके के बराबर भी हैं. यानी 30 से 100 किलोमीटर लंबे गुंबद. यह एक बेहद जटिल सरंचना है. (फोटोः रॉयटर्स)

Ice Volcanoes On Pluto
  • 9/10

प्लूटो पर एक बहुत बड़ी सरंचना है, जिसे राइट मोन्स (Wright Mons) कहते हैं. माना जाता है कि यह कई गुंबदों जैसी आकृतियों के मिलने से बना है. यह आकार में हवाई द्वीप पर मौजूद ज्वालामुखी मॉउना लोआ (Mauna Loa) के बराबर है. धरती और हमारे सौर मंडल की तरह ही प्लूटो भी 450 करोड़ वर्ष पहले बना था. पहले इसके गड्ढों को इम्पैक्ट क्रेटर माना जाता था. लेकिन बाद में ये क्रायोज्वालामुखी में बदलते चले गए. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
Ice Volcanoes On Pluto
  • 10/10

केल्सी सिंगर ने कहा कि प्लूटो के अंदर नाइट्रोजन आइस ग्लेशियर्स हैं, जो बहते हैं. नाइट्रोजन से बनी बर्फ दिन में भाप बनती हैं. रात में फिर सख्त होने लगती है. इसकी वजह से प्लूटो की सतह का रंग दिन और रात में अलग अलग दिखता है. प्लूटो एक भौगोलिक वंडरलैंड हैं. प्लूटो का हर हिस्सा दूसरे से अलग है. हर जगह एक नई पहेली है सुलझाने के लिए. (फोटोः रॉयटर्स)

Advertisement
Advertisement