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साइंस न्यूज़

ये होगा भविष्य...वैक्सीन-दवा के नाम पर डॉक्टर आपको बताएंगे पौधों के नाम!

Eatable Vaccines from Plants
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इस साल दुनिया में अब तक करीब 250 करोड़ लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगा. यानी टीकाकरण किया गया. इन वैक्सीन को लेकर इंसानों ने दो चीजें सीखीं. पहली- ये ऐसा मेडिकल चमत्कार है जो करोड़ों लोगों का जीवन बचा सकता है. दूसरा - ये कि कोई भी वैक्सीन बनाना और उसे लगवाना आसान नहीं है. क्योंकि वैक्सीन लगते समय दर्द का डर होता है. जो चेहरे की रंगत बदल देता है. अब वैज्ञानिक ऐसी वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया खोज रहे हैं, जिसे आपको सिर्फ खाना होगा. यानी खाने लायक वैक्सीन (Eatable Vaccine). ये भी संभव है कि आपके फलों, सब्जियों और फसलों में वैक्सीन और दवाएं हों, जो आपको किसी खास बीमारी से बचा दें या ठीक कर दें.  (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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यानी आपको वैक्सीन की तय मात्रा खाने के लिए दे दी जाए. या वो आपके पसंदीदा खाने के साथ मिलाकर परोस दी जाए. इस तरह की तैयारियों पर चल रहे रिसर्च की एक रिपोर्ट हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें लिखा है कि भविष्य की वैक्सीन सुई से शरीर में नहीं डाली जाएगी. बल्कि ये खाने वाले पौधों, सब्जियों और फलों के जरिए आपके शरीर में पहुंचाई जाएंगी. यानी खाने योग्य पौधों, सब्जियों और फलों को वैक्सीनेट कर दिया जाएगा. क्या पता कुछ सालों बाद कोरोना होने पर डॉक्टर आपको कहे कि ये सब्जी अदरक मिलाकर खाइए. आपका कोरोना ठीक हो जाएगा. इस सब्जी में दुनिया की सबसे बेहतरीन वैक्सीन मिली हुई है. (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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भविष्य में यह संभव है क्योंकि इस तरह के प्रोजेक्ट का आइडिया 1986 में दिया गया था. इस स्टडी को करने वाले शोधकर्ताओं ने बताया है कि 1986 में मॉलीक्यूलर फार्मिंग (Molecular Farming) का आइडिया दिया था. जिसके तहत पौधों में इलाज करने लायक प्रोटीन्स की मात्रा बढ़ाई जाए. या फिर बीमारियों से बचाने वाले रसायन पौधों के विकास के साथ ही उसमें विकसित होते रहें. यानी भविष्य में आपको सिर दर्द होगा तो डॉक्टर कहेंगे कि उस सब्जी वाले के यहां से एक किलो पालक ले लीजिए... ठीक हो जाएगा सिर दर्द. या फिर वो फल खा लीजिए...उससे आपके शरीर के प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ेंगे. उसमें प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा मिली हुई है. (फोटोः गेटी)

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Eatable Vaccines from Plants
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यह कोई विचित्र बात नहीं है. ये संभव किया जा सकता है. इस तरह से पौधों की मदद लेकर कुछ दवाइयां विकसित की जा चुकी हैं. साल 2012 में FDA ने दुर्लभ गॉचर डिजीस (Gaucher's Disease) के इलाज के लिए गाजर की जड़ों की कोशिकाओं को खाने के लिए कहा था. ये वो गाजर की जड़ें थी जिन्हें मेडिकेट किया गया था. इसके अलावा तंबाकू, चावल, मक्का जैसे कई फसलों और पौधों में ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जिन्हें दवाओं से ट्रीट करके उन्हें एक सफल वैक्सीन या दवा बनाया जा सकता है. (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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हाल ही में पौधों पर विकसित किया गया फ्लू का वैक्सीन अपना फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर चुका है. जिसमें उसने काफी अच्छे परिणाम दिए हैं. इसके अलावा शोधकर्ता HIV, Ebola की भी ऐसी वैक्सीन तैयार करने की सोच रहे हैं, जिससे फसलों, सब्जियों और फलों के जरिए ही आपका इलाज हो जाए. वैज्ञानिक कोरोना के इलाज के लिए भी पौधों पर ही वैक्सीन विकसित करने का प्रयास भी कर रहे हैं. (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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शोधकर्ताओं ने बताया कि पारंपरिक वैक्सीन बनाने के तरीके से पौधों पर ही वैक्सीन को विकसित कर देना ज्यादा अत्याधुनिक, टिकाऊ और सस्ता माध्यम है. क्योंकि यहां पर कई चीजें आपको प्राकृतिक तौर पर मिल जाएंगी. एक बार आपने प्रयोगशाला में किसी खास पौधे पर अपनी वैक्सीन को विकसित कर लिया तो उसके बाद आपको बड़े पैमाने पर ऐसा करने में ज्यादा कीमत नहीं लगेगी. यह एकदम नया तरीका होगा इलाज का. साथ ही इससे ज्यादा रोजगार बढ़ेगा. (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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वैज्ञानिकों का मानना है कि पौधों पर विकसित की गई वैक्सीन तीन हफ्ते में ही लोगों तक पहुंच जाएगी. इसपर किसी भी जानवर के पैथोजन का असर नहीं होगा, क्योंकि यह पौधा है. साथ ही इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा. ऑक्सीजन बढ़ेगा. इसके बाद वैक्सीन को डोज के हिसाब से पैदा करने की जरूरत नहीं होगी. आप उसे वजन के हिसाब से बतौर फसल, सब्जी या फल की तरह उगा सकते हैं. (फोटोः गेटी)

Eatable Vaccines from Plants
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हर पौधे का एक अलग आंतरिक संरचना होती है. अलग-अलग तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं. आपको सिर्फ यह जानना है कि किस खाने लायक पौधे, सब्जी या फल की आंतरिक संरचना आपके वैक्सीन के साथ मिलती है. या आसानी से मिल सकती है. पौधों से मिलने वाली प्रतिरोधक क्षमता शरीर में ज्यादा दिनों तक टिकती है. साथ ही इससे पेट भी भरता है. यानी वैक्सीन को खाने की भविष्य की योजना पर तेजी से काम किया जा सकता है. (फोटोः गेटी)

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वैक्सीन को विकसित करने के लिए एड्जूवेंट्स (Adjuvants) नाम के रसायनों का उपयोग किया जाता है. यह आमतौर पर सभी वैक्सीन में होता है. इनकी वजह से साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. पौधों के साथ इसका साइड इफेक्ट खत्म हो जाता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि पौधों, फसलों और सब्जियों के जरिए शरीर में जाने वाली वैक्सीन का असर ज्यादा सकारात्मक होगा. साइड इफेक्ट्स न के बराबर होंगे. जबकि, नसों और मांसपेशियों में पड़ने वाली वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं. (फोटोः गेटी)

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Eatable Vaccines from Plants
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खाने लायक वैक्सीन (Eatable Vaccine) निकट भविष्य में संभव हैं. इससे दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक भी सहमत है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी काफी ज्यादा रिसर्च की जरूरत है. क्योंकि आपको हर बीमारी की खास दवा के लिए खास तरह के पौधे के साथ प्रयोग करना होगा. इसलिए हर बीमारी के लिए अलग पौधा वैक्सीनेट करना होगा. इस प्रक्रिया में कई साल लगेंगे, लेकिन एक बार अगर यह तकनीक विकसित हो गई तो यह पारंपरिक वैक्सीन बनाने, लगाने और रखने के मामले में कई गुना सस्ती और सहज होगी. (फोटोः गेटी)

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