मिस्र (Egypt) के दक्षिणी शहर असवान (Aswan) में इन दिनों बिच्छुओं का आतंक फैला हुआ है. वजह था तेज तूफान और उसके बाद हुई भयावह बारिश. बिच्छुओं ने 500 से ज्यादा लोगों को काटा या डंक मारा. तीन लोगों की मौत हो चुकी है. तूफान, तेज बारिश और बाढ़ की वजह से बिच्छू जमीन के नीचे से निकल कर सड़कों, घरों, दफ्तरों, बाजारों और पर्यटन स्थलों पर फैल गए. वो प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए बाहर निकले, रास्ते में जो खतरा महसूस हुआ, उसे काट लिया. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
सरकारी अखबार अल-अहराम ने एक शनिवार को एक खबर छापी की बिच्छुओं के काटने से तीन लोगों की मौत हो गई है. जिसमें उसने स्वास्थ्य मंत्रालय के किसी अधिकारी का हवाला दिया है. लेकिन कुछ देर बाद ही असवान के गवर्नर मेजर जनरल अशरफ अतिया ने कहा कि ये खबर गलत है कि तीन लोगों की मौत हुई है. हालांकि उन्होंने माना कि बिच्छुओं के काटने से 500 से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
शुक्रवार यानी 12 नवंबर 2021 को असवान और आसपास के इलाकों में तेज तूफान आया था. ये इलाके लाल सागर पर्वतमाला के अगल-बगल स्थित हैं. यानी कुछ इलाका सूखा है, कुछ हरा-भरा और कुछ रेगिस्तान. बारिश और बाढ़ की वजह से जमीन के नीचे पानी गया तो बिच्छू बाहर निकल आए. असवान शहर और आसपास के इलाके में भारी तबाही मची है. पेड़ उखड़ गए. मिट्टी के ईंटों से बने घर गिर गए. टीवी, इंटरनेट और बिजली सप्लाई बाधित है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
#SevereWeather 📹 Major storm causes chaos in #Aswan, Egypt.
— Meteored | YourWeather (@MeteoredUK) November 14, 2021
In the last few hours hail, heavy rain and gusts of wind 💨 have caused numerous incidents in the city. pic.twitter.com/s4s1luLYUa
गर्वनर अशरफ अतिया ने बताया कि अब भी 80 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. बाकी इलाज के बाद घर भेज दिए गए. 3000 से ज्यादा एंटीवेनम दवाइयां अस्पतालों में भिजवाई गई हैं. बिच्छुओं का ज्यादातर हमला ग्रामीण इलाकों में हुआ है. दूसरा डर सांपों के काटने का भी है, हालांकि अभी तक सांपों के काटने का कोई मामला सामने नहीं आया है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
अशरफ ने बताया कि आमतौर पर बारिश के बाद बिच्छुओं के काटने का मामले आते हैं लेकिन इस बार ये मामले चार गुना ज्यादा आए हैं. ज्यादातर मामले उन ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं, जो लाल सागर पर्वतमाला के आसपास मौजूद हैं. क्योंकि पहाड़ों पर पानी का बहाव तेज होने पर बिच्छुओं के बिल में पानी भर जाता है. वो पानी के साथ बहते हुए रिहायशी इलाकों में चले आते हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
असवान की सड़कों पर तो जो पानी जमा हुआ था, उसे हटाने के लिए पंपिंग सेट लगाए गए हैं, ताकि पानी की मात्रा कम करके बिच्छुओं को देखा जा सके और उनके हमले को रोका जा सके. बिच्छुओं के इस सामूहिक हमले से अनजान लोग जब अस्पताल पहुंचने लगे तब प्रशासन की हालत खराब हो गई. स्थानीय पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में अचानक तूफान और बारिश होने लगी है. जबकि, यह सूखा इलाका है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
דרום מצרים, אסוואן, מכת עקרבים בעקבות גשמים עזים שהבריחו אותם לבתים. התוצאה - שלושה מתים ו-450 נפגעים מעקיצות עקרבים pic.twitter.com/XtqoP6uYxQ
— roi kais • روعي كايس • רועי קייס (@kaisos1987) November 13, 2021
एक्ट्रीम वेदर (Extreme Weather) की यह स्थिति क्लाइमेट चेंज की वजह से है. सरकार को इसे लेकर कुछ करना चाहिए. उधर, गवर्नर अशरफ अतिया ने असवान में लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. क्योंकि खराब मौसम की वजह से विजिबिलिटी भी कम है. साथ ही बिच्छुओं का हमला भी हुआ है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
लोगों के निर्देश दिया गया है कि खुली जगहों पर न जाएं. घरों में रहे. जंगली, पहाड़ी और हरे-भरे इलाकों में फिलहाल जाने से बचें. साथ ही हाइवे और राजमार्गों से भी दूर रहें. अगर बेहद जरूरी है तो मजबूत जूते या लॉन्ग बूट पहनकर निकले. ताकि बिच्छुओं के डंक से बच सकें. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
इस बीच मिस्र के मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ दिनों तक असवान, मिनया, असीउट, सोहाग और लक्सर, दक्षिणी सिनाई में तेज तूफान आ सकता है. या फिर मध्यम दर्जे की बारिश लंबे समय तक हो सकती है. इसलिए लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वो खुद को सुरक्षित रखने के लिए जो भी जरूरी काम हो सकता है वो करें. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
आपको बता दें कि बिच्छु ऐसे गर्म इलाकों में ज्यादा रहते हैं. मिस्र में तो बिच्छुओं की मात्रा सबसे ज्यादा है. हॉलीवुड फिल्म सीरीज द ममी (The Mummy) और स्कॉर्पियन किंग (Scorpion King) जैसी फिल्मों में बिच्छुओं के हमले के दृश्य कई बार दिखाए गए हैं. असवान इलाके में ही प्रसिद्ध फिले द्वीप है. जहां पर कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. इस इलाके में जुलाई के महीने में अधिकतम तापमान 51 डिग्री सेल्सियस तक जाता है और सर्दियों में माइनस 2.4 तक. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)