आखिरकार यह खुलासा हो ही गया कि कोरोना का पहला केस कहां मिला था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) की जांच में पता चला है कि चीन के वुहान (Wuhan) के एनिमल मार्केट में एक वेंडर कोविड-19 से संक्रमित हुआ था. यह वेंडर एक महिला थी, जो थोक बाजार में काम करती थी. इस स्टडी से इस बात का खुलासा हो गया है कि शुरुआत में कोरोना के पहले केस को लेकर जो बातें कही जा रही थीं, वह गलत थीं. (फोटोः गेटी)
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है कि कोरोना से संक्रमित महिला वेंडर चीन के मध्य में स्थित वुहान शहर के हुआनान में जिंदा जानवरों के बाजार में काम करती थी. यहीं से साल 2019 के अंत में कोरोना के मामले तेजी से फैलने शुरु हुए थे. इससे पहले एक एकाउंटेंट को कोरोना का पहला केस बताया जा रहा था. 16 दिसंबर 2019 को इस एकाउंटेंट को कोविड-19 के शुरुआती लक्षण देखने को मिले थे. (फोटोः गेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में इकोलॉजी और इवोल्यूशनरी बायोलॉजी विभाग के प्रमुख माइकल वोरोबी ने कहा कि इस स्टडी में यह बात स्पष्ट हो गई है कि एकाउंटेंट पहला केस नहीं था. बल्कि, वुहान के एनिमल मार्केट में काम करने वाली महिला थी. एकाउंटेंट के लक्षण तब सामने आए थे, जब पहले से कोरोना के कई केस मौजूद थे लेकिन दर्ज नहीं हुए थे. इस महिला वेंडर को कोरोना ने अपनी चपेट में 11 दिसंबर को लिया था. यह स्टडी हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है. (फोटोः गेटी)
माइकल वोरोबी ने बताया कि महिला वेंडर हुनान सीफूड होलसेल मार्केट में भी काम करती थी. साथ ही यह कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने का पहला मामला था. इस स्टडी से यह बात पुख्ता होती है कि वुहान से ही कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी. 1.10 करोड़ आबादी वाले वुहान में शुरुआती कोरोना केस जिस इलाके से आए वह एक फुटबॉल फील्ड के बराबर का इलाका था. हालांकि, महामारी के फैलने के पैटर्न को सामान्य भाषा में समझाना आज भी बेहद जटिल है. (फोटोः गेटी)
माइकल वोरोबी WHO के एक्सपर्ट पैनल में शामिल हैं. उनके साथ दुनिया के कई और एक्सपर्ट भी हैं, जो कोरोना महामारी के फैलने की शुरुआत की स्टडी के लिए चीन की यात्रा कर चुके हैं. उनकी टीम में शामिल अन्य एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कोरोना का पहला केस यानी महिला वेंडर एक सीफूड विक्रेता थी. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स अब भी इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं है. वो ये मानते हैं कि कोरोना केस वुहान से शुरु हुआ. ये महिला पहला केस हो सकती है, लेकिन सीफूड से कोरोना फैला, यह अब भी जांच का विषय है. (फोटोः गेटी)
The first known Covid patient was a vendor at a Wuhan market, a new report claims. The finding may revive debate over how the pandemic began.https://t.co/PciEScD1cq
— The New York Times (@nytimes) November 19, 2021
जनवरी में WHO द्वारा चुने गए एक्सपर्ट्स की टीम चीन गई. उन्होंने कथित तौर पर पहले कोरोना केस यानी एकाउंटेंट का इंटरव्यू किया. जिसके बारे में कहा जा रहा था कि उसे 8 दिसंबर 2019 को कोरोना के लक्षण दिखे थे. लेकिन बाद यह बात पुख्ता हुई कि उसे 8 नहीं बल्कि 16 दिसंबर को कोरोना के लक्षण मिले थे. इस बात से डिजीस इकोलॉजिस्ट पीटर डैसजैक भी सहमत हुए. पीटर ने कहा कि WHO की स्टडी सही है, मैं उस समय गलत था. 8 दिसंबर की तारीख गलत साबित हुई है. क्योंकि सही मामले के दस्तावेज मौजूद हैं. (फोटोः गेटी)
पीटर ने कहा कि शुरुआत में किसी ने भी एकाउंटेंट से यह नहीं पूछा कि किस तारीख को उसे कोरोना के लक्षण दिखे थे. लोग हुबेई जिन्हुआ अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बताए गए डेट के हिसाब से चल रहे थे. क्योंकि उन्होंने शुरुआती मामलों की जांच की थी. लेकिन सच्चाई ये है एकाउंटेंट को पहले सिम्प्टोमैटिक लक्षण 16 दिसंबर को दिखे थे. जबकि महिला वेंडर को 11 दिसंबर को. एकाउंटेंट का एनिमल मार्केट से कोई लेना-देना नहीं है. न ही वह कहीं बाहर आता-जाता है. वह ज्यादातर समय इंटरनेट और जॉगिंग में बिताता है. (फोटोः गेटी)
पीटर और उनकी टीम ने वुहान एनिमल मार्केट में जाकर महिला वेंडर के काम करने के स्थान पर काफी सवाल पूछे. लोगों से जानकारी हासिल की. यह भी पता किया कि उसका सीफूड कहां से आता है. तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. आपको बता दें कि दिसंबर 2019 के अंत में वुहान के अस्पतालों में रहस्यमयी निमोनिया के केस सामने आने लगे थे. हुनानान सीफूड होलसेल मार्केट के कई लोग बीमार होकर अस्पतालों में इलाज के लिए जा रहे थे. यह बाजार बेहद तंग इलाके में है. यहां पर हवा भी साफ नहीं रहती. यहां सीफूड, पोल्ट्री, मीट और जंगली जीव मिलते हैं. (फोटोः गेटी)
30 दिसंबर 2019 को चीन के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पतालों को निर्देश दिया कि जैसे ही इस तरह का कोई नया केस आए, उन्हें सूचना दी जाए. क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं साल 2002 में फैले SARS महामारी ने फिर से पनपना शुरु तो नहीं कर दिया. चीन के अधिकारियों ने तत्काल हुआनान मार्केट को बंद कराने का आदेश दिया. 1 जनवरी 2020 को मार्केट बंद कर दिया गया. इसके बाद भी वुहान में सैकड़ों केस हर रोज आ रहे थे. (फोटोः गेटी)
वुहान प्रशासन ने 11 जनवरी 2020 को कहा कि कोरोना के मामले 8 दिसंबर से शुरु हुए थे. फरवरी में एकाउंटेंट को पहला केस बता दिया गया. जिसका वुहान एनिमल मार्केट से कोई लेना-देना नहीं था. चीन के अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स को इस बात कर संदेह हुआ. उन्होंने देखा कि ज्यादातर शुरुआती मामले तो हुआनान एनिमल मार्केट से आए थे. जबकि, एकाउंटेंट का इस मार्केट से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था. (फोटोः गेटी)
पिछले महीने WHO ने प्रस्ताव दिया था कि वह नए एक्सपर्ट्स का पैनल पहले कोरोना केस की जांच करेगा. लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. चीन ने कहा कि यह फैसला उनके लोगों के खिलाफ गलत नजरिए से लिया जा रहा है. इससे चीन के लोगों के सम्मान में कमी आएगी. इसलिए हम दोबारा जांच की अनुमति नहीं देंगे. (फोटोः गेटी)