अगले हफ्ते धरती के बगल से एक एस्टेरॉयड गुजरने वाला है. यह करीब 1 किलोमीटर यानी 3280 फीट लंबा है. इतनी लंबाई में एंपायर स्टेट इमारत ढाई बार खड़ी हो जाए. वैज्ञानिकों ने इसे संभावित खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में डाला है. यह इस श्रेणी में इसलिए डाला गया है क्योंकि एक तो इसकी लंबाई और दूसरा इसका धरती के काफी करीब से गुजरने की रास्ता. (फोटोः गेटी)
हालांकि वैज्ञानिकों ने भरोसा दिलाया है कि इस एस्टेरॉयड से धरती को किसी तरह का खतरा नहीं है. यह धरती से करीब 19.3 लाख किलोमीटर दूर से निकल जाएगा. यानी धरती से चांद की दूरी से पांच गुना ज्यादा अंतर. इस गणना में सिर्फ गलतियों की संभावना सिर्फ 133 किलोमीटर की है. इसलिए इससे धरती को कोई खतरा नहीं है. (फोटोः सोरमानो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी)
अंतरिक्ष से आ रही इस आफत का नाम है एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1. अगर आसमान साफ रहा तो आप इसे 19 जनवरी की अलसुबह 3.21 मिनट पर आसमान में जाते हुए देख सकते हैं. लेकिन 6 इंच टेलिस्कोप के जरिए. इसे खुली आंखों या दूरबीन से देखना मुश्किल होगा. इस एस्टेरॉयड को पहली बार 1994 ऑस्ट्रेलिया के सिडिंग स्प्रिंग ऑब्जरवेटरी से एस्ट्रोनॉमर रॉबर्ट मैक्नॉट ने खोजा था. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1 धरती के सबसे करीब 89 साल पहले 17 जनवरी 1933 में आया था. तब यह 11 लाख किलोमीटर की दूरी से निकला था. यह 18 जनवरी 2105 में फिर लगभग इतने ही करीब से धरती के बगल से गुजरेगा. किसी अंतरिक्षीय वस्तु के करीब आने से वैज्ञानिकों को उसकी स्टडी करने का मौका मिलता है. यह एक पथरीला एस टाइप एस्टेरॉयड है, जो अपोलो एस्टेरॉयड समूह से नाता रखता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
अपोलो एस्टेरॉयड समूह सबसे सामान्य क्षुद्रग्रहों का समूह है. इसमें मौजूद पत्थर एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1 की तरह ही चक्कर लगाते हैं. यह एस्टेरॉयड सूरज के चारों तरफ 1 साल सात महीने में एक चक्कर लगाता है. चक्कर लगाते समय सूरज से इसकी दूरी धरती की दूरी का 0.9 से 1.8 गुना ज्यादा होती है. (फोटोः सोरमानो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी)
एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1 धरती के बगल से 19.56 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से गुजरेगा. यानी 70,415 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से. यानी यह आसमान में तेजी से चलते समय भी किसी तारे की तरह ही दिखाई देगा. लेकिन यह पूरी रात आसमान में दिखाई देगा. बस इसकी पोजिशन लगातार बदलती रहेगी. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
A Giant Asteroid Bigger Than The Empire State Building Is About to Zip Past Earth https://t.co/rThOgAimyf
— ScienceAlert (@ScienceAlert) January 5, 2022
इस आकार के एस्टेरॉयड की धरती से टकराने की संभावना 6 लाख साल में एक बार होती है. किस्मत की बात ये है कि नासा ने हाल ही में DART मिशन लॉन्च किया है. इसमें एक स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा और गति बदलने का प्रयास किया जाएगा. अगर यह मिशन सफल होता है तो भविष्य में धरती को एस्टेरॉयड के हमलों से बचाया जा सकेगा. (फोटोः NASA/SpaceX)
एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1 के साथ कोई खतरा नहीं है. इसलिए अगर आपके पास 6 इंच का टेलिस्कोप है, तो आप इसे रात में गुजरते हुए देखने का आनंद लीजिए. क्योंकि यह बताता है कि आप अंतरिक्ष में कितने छोटे हैं. इतने बड़े ब्रह्मांड में आपकी, आपके देश और धरती की बहुत ज्यादा वैल्यू नहीं है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)