प्राचीन गैंडे किसी बड़े पेड़ के बराबर होते थे. ये अभी के गैंडों की तरह छोटे नहीं थे. ये इतने बड़े थे कि आम के बड़े पेड़ की ऊपरी टहनी का पत्ता आराम से खा लेते. पुरातत्व जीव विज्ञानियों ने चीन में ऐसे ही प्राचीन जायंट गैंडे (Giant Rhino) की खोज की है. विशालकाय गैंडे के अवशेषों को चीन के गांसू प्रांत के लिनजिया बेसिन में खोजा गया है. इसके अवशेष करीब 2.65 करोड़ साल पुरानी हैं. ऐसा माना जाता है कि ये विशालयकाय गैंडे तिब्बत के पठारों पर करोड़ों साल पहले राज करते थे. (फोटोः CAS)
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (Chinese Academy of Sciences) के पुरातत्व जीव विज्ञानी ताओ डेंग और उनकी टीम ने इस ऐतिहासिक जीव को खोजा है. इस जीव को इंड्रीकोथर्रस (Indricotheres) भी कहते हैं. इसके अलावा इस प्राचीन गैंडे की नई प्रजाति को पैरासेराथेरियम लिनजियानीज (Paraceratherium Linxiaense) नाम दिया गया है. (फोटोःगेटी)
ताओ डेंग इस जीव की खोज साल 1980 से कर रहे हैं. उन्हें अब जाकर यह सफलता मिली है. ताओ डेंग ने बताया कि जो अवशेष मिले हैं, उनसे लगता है कि इस जीव की सींग आजकल के गैंडों की तरह नहीं थी. यह कई मामलों में घोड़े जैसा दिखता था. इसकी खोपड़ी काफी पतली थी. ये खुले जंगलों में पाए जाते थे. ये ऊंचे पेड़ों की ऊपरी टहनियों पर मौजूद पत्तों और फलों को खाते थे. जैसे आजकल के जिराफ खाते हैं. (फोटोःगेटी)
ताओ को इस विशालकाय गैंडे की खोपड़ी और जबड़े की एकदम सुरक्षित हड्डियां मिली हैं. ये करीब 2.65 करोड़ साल पुरानी हैं. ताओ के मुताबिक इसकी ऊंचाई करीब 7 मीटर यानी करीब 23 फीट थी. इसका वजन 21 टन के आसपास रहा होगा. जो कि आज के चार अफ्रीकन हाथियों के बराबर है. यह उस समय धरती पर मौजूद किसी भी स्तनधारी जीवों में सबसे बड़े रहे होंगे. (फोटोःCAS)
Giant rhino unearthed in China was one of largest mammals ever to live https://t.co/ZkJkJZ76Md pic.twitter.com/Y0uL8xy4ol
— New Scientist (@newscientist) June 17, 2021
न्यूजर्सी स्थित रोवन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ल्यूक होलब्रूक कहते हैं कि अगर ये आज धरती पर मौजूद होते तो ये इस समय पृथ्वी पर मौजूद किसी भी स्तनधारी जीवों में सबसे बड़े होते. ये तो हाथियों के पूर्वज मैमथ (Mammoth) से भी बड़े दिखाई देते. (फोटोःगेटी)
ल्यूक कहते हैं कि ऐसे जीवों के वजन और आकार का अंदाजा उनके अवशेषों के आधार पर किया जाता है. एकदम सटीक बता पाना तो मुश्किल होता है, लेकिन कंप्यूटर मॉडल से हम उनकी आकृति और वजन का अंदाजा लगा सकते हैं. हैरानी की बात ये है कि ये विशालकाय गैंडे ज्यादातर एशिया में ही पाए जाते थे. ये चीन, मंगोलिया, पाकिस्तान में ही ज्यादा दिखते थे. लेकिन कुछ दुर्लभ विशालकाय गैंडों की प्रजातियां पूर्वी यूरोप में भी पाई गई थीं. (फोटोःगेटी)
तिब्बत के पठारों पर कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर ऊंचाई 2000 मीटर है. ऐसी ऊंचाई पर इतने बड़े गैंड़ों का होना ये बताता है कि उस समय यहां किस तरह की इकोलॉजी और पर्यावरण था. विशालकाय गैंडों की 6 जेनेरा थे, जो उत्तर-पश्चिम चीन से लेकर दक्षिण-पश्चिम चीन तक मिलते थे. (फोटोःगेटी)
ये जायंट गैंडे जिसकाल में थे, उसे ओलिगोसीन (Oligocene) कहते हैं. उस समय चीन का ये इलाका अत्यधिक हरियाली से भरा था. यहां पर कई प्रकार के जीवों का घर था. चीन से सटे कजाकिस्तान, मंगोलिया और निनजिया में भी ये विशालकाय गैंडे मिलते थे. इस खोज की रिपोर्ट नेचर मैगजीन में प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)