हर साल दुनिया में कई तूफान आते हैं. बिजलियां गिरती हैं. कई बार इन बिजलियों के गिरने से जानवर मारे जाते हैं. पिछले महीने 14 मई को असम में हाथियों के एक समूह पर बिजली गिरी थी, जिससे 18 हाथियों की मौत हो गई थी. लेकिन अगर बिजली गिरने का खतरा किसी जीव को सबसे ज्यादा है तो वह जिराफ को होता है. इसकी वजह है उसकी ऊंचाई और उसके सिर के सींग. पिछली साल दक्षिण अफ्रीका के रॉकवुड वाइल्डलाइफ रिजर्व में बिजली गिरने से दो जिराफों की मौत हो गई थी. (फोटोःगेटी)
हुआ यूं था कि भयानक तूफान आया. तेज बारिश हुई. बिजलियां गिरती रहीं. जब यह सब खत्म हुआ तब रिजर्व के स्टाफ ने दो मादा जिराफों को 23 फीट की दूरी पर मरा पाया. ये दोनों चार और पांच साल के थे. इनके शरीर से अमोनिया जैसी बद्बू आ रही थी. जो यह बता रही थी कि ये बिजली गिरने से मरे हैं. अफ्रीकन जर्नल ऑफ इकोलॉजी में इसकी रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थी. आज इस बात को करने का क्या मतलब? पहली बात तो ये कि 21 जून के वर्ल्ड जिराफ डे था. दूसरा मॉनसून है, बिजलियां भी गिरती है. एक महीने पहले भारत में ऐसी घटना घट चुकी है. लेकिन जिराफ अपनी ऊंचाई की वजह से बिजलियों की चपेट में आते हैं. (फोटोःगेटी)
मारे गए दो जिराफ में से एक के सिर पर बिजली गिरी थी. जिससे उसके सिर में फ्रैक्टर हो गया था. उसके दोनों सींग के बीच में गहरा छेद था. जबकि, दूसरा जिराफ सीधे गिरती हुई बिजली की चपेट में नहीं आया. उसे जमीन या किसी अन्य जगह से तेज झटका लगा था. (फोटोःगेटी)
आमतौर पर वयस्क जिराफ 15 से 19 फीट ऊंचे होते हैं. ये अफ्रीका के 12 देशों के सवाना जंगलों में रहते हैं. सामान्य विज्ञान ये कहता है कि जो भी चीज सबसे ऊंची होती है, उस पर बिजली गिरती है. जिराफों की ऊंचाई बाकी जानवरों से ज्यादा होती है, इसलिए इनपर बिजली गिरने का खतरा ज्यादा होता है. (फोटोःगेटी)
रॉकवुड कंजरवेशन फंड के कंजरवेशनिस्ट सिस्का पीजे शिजेन ने कहा कि जब जिराफों की मौत हुई तो मैंने बिजली गिरने से संबंधित मामलों की जांच की तो पता चला कि जिराफों पर बिजली गिरने को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं किया गया है. जहां भी इनकी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, वो नॉन-साइंटिफिक जर्नल थे. (फोटोःगेटी)
Common wisdom tells us that lightning strikes the tallest thing in an open area—so are giraffes at a greater risk of lightning strikes than other animals? #WorldGiraffeDay https://t.co/EuRA0WKvnB
— Smithsonian Magazine (@SmithsonianMag) June 21, 2021
नेशनल ओशियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक 2003 और 2019 में बिजली गिरने से जिराफों की मौत हुई थी. अमेरिका में टांपा और ऑरलैंडो के बीच सबसे ज्यादा बिजलियां गिरती हैं. साल 2010 में साउथ अफ्रीकन गेम रिजर्व में एक जिराफ बिजली गिरने से मारा गया था. (फोटोःगेटी)
नामीबिया की कंजरवेशनिस्ट जुलियन फेनेसी कहती हैं कि अगर आप गलत समय गलत जगह खड़े हो तो बिजली गिरने का खतरा तो रहता है. जिराफ कोई लाइटिनिंग रॉड्स तो होते नहीं हैं. ऐसे मामले देखने में कम आए हैं कि जिराफों की मौत बिजली गिरने से हुई हो. लेकिन इन्हें खतरा बना रहता है. आमतौर पर ये ऐसे मौसम में पेड़ों के सहारे या उसके आसपास खड़े होते हैं. ताकि सुरक्षित महसूस कर सकें. लेकिन बिजली पेड़ पर गिरती तो मरने का खतरा बना रहता है. लेकिन जिराफों का बिजली गिरने से मरने का मामला कम होता है. ये लगभग दुर्लभ ही होता है. (फोटोःगेटी)
जुलियन फेनेसी कहती हैं कि बिजली के सीधे गिरने से ही मौत नहीं होती. इसके तीन और तरीके हैं. पहला- साइड फ्लैश यानी जब बिजली किसी जानवरों को अगल-बगल से हिट करे वह भी किसी और चीज से टकराने के बाद. दूसरा टच पोटेंशियल यानी जब बिजली कहीं गिरे और उससे फैलने वाले करंट से मौत हो जाए. तीसरा स्टेप पोटेंशियल यानी बिजली गिरने से जमीन पर चारों तरफ करंट फैल जाए और उससे जानवर की मौत हो जाए. (फोटोःगेटी)
साल 2016 में नॉर्वे में बिजली गिरने और उससे फैलने वाले करंट से 300 से ज्यादा रेंडियर (Reindeer) की मौत हो गई थी. फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नेलॉजी के फिजिसिस्ट हामिद रसूल कहते हैं कि आसमान से धरती पर गिरने वाली 27 फीसदी बिजली से कम ऊंचाई वाली चीजें हिट होती है. क्योंकि पेड़ों, लाइटनिंग रॉड, जानवरों के ऊपर एक पॉजिटिव चार्ज होता है जो बिजली को अपनी ओर खींचता है. (फोटोःगेटी)