मंगल ग्रह लाल रंग का है ये सबको पता है. वहां की मिट्टी भी लाल ही है. पत्थरों का रंग भी लाल रंग से ही मिलता-जुलता है. अचानक वहां पर एक हरे रंग का चमकदार पत्थर (Green Rock) देख कर NASA के वैज्ञानिक हैरान हैं. उन्हें समझ में ये नहीं आ रहा है कि आखिर लाल ग्रह पर हरे रंग का पत्थर आया कहां से. नासा के मार्स पर्सिवरेंस रोवर को यह पत्थर तब दिखा जब वह इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को सतह पर उतारने के बाद आगे बढ़ रहा था. (फोटो:NASA)
इस रहस्यमयी हरे रंग के पत्थर की असलियत का खुलासा अभी नहीं हुआ है. ये कहां से आया है. ये किस चीज से बना है. लेकिन इसमें छोटे-छोटे गड्ढे हैं और बीच-बीच में चमकदार हरे रंग के क्रिस्टल जैसी वस्तु. यह रोशनी पड़ने पर तेजी से चमक जाती है. (फोटो:NASA)
NASA पर्सिवरेंस रोवर ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है कि इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को मंगल की सतह पर उतारने के बाद हमारी टीम ने इस हरे पत्थर (Martian Green Rock) को देखा. इसी तस्वीरें रोवर पर लगे अलग-अलग कैमरों से ली गई. फिलहाल हमारे पास इसे लेकर सिर्फ हाइपोथीसिस है. जब तक रोवर की जांच नहीं करते, कुछ पुख्ता नहीं कह सकते. (फोटो:NASA)
While the helicopter is getting ready, I can’t help checking out nearby rocks. This odd one has my science team trading lots of hypotheses.
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) March 31, 2021
It’s about 6 inches (15 cm) long. If you look closely, you might spot the row of laser marks where I zapped it to learn more. pic.twitter.com/sq4ecvqsOu
नासा के साइंटिस्ट्स हैरान है कि ये पत्थर अगर मंगल ग्रह के लोकल बेडरॉक का हिस्सा है तो इसका रंग ऐसा कैसे है? या तो यह किसी अंतरिक्षीय गतिविधि से यहां पर आया है. या फिर ये कोई उल्कापिंड का टुकड़ा है. या कुछ और? जब तक इस पत्थर की जांच नहीं हो जाती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है. (फोटो:NASA)
The team has formulated many different hypotheses about this one -- is it something weathered out of the local bedrock? Is it a piece of Mars plopped into the area from a far-flung impact event? Is it a meteorite? Or something else?
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) March 31, 2021
यह पत्थर करीब 6 इंच यानी 15 सेंटीमीटर लंबा है. नजदीक से देखने पर इसके ऊपर लेजर मार्क दिखाई देते हैं. इसे एक बार सुपरकैम लेजर से जांचने का प्रयास किया जा चुका है. लेजर जांच के दौरान इतना पता चला कि इस पत्थर के अंदर चमकदार हरे क्रिस्टल जैसा वस्तु है, जो रोशनी पड़ने पर चमक रहा है. (फोटो:NASA)
एक बार इसका अध्ययन करने के बाद NASA के साइंटिस्ट ये बता पाएंगे कि ये पत्थर मंगल ग्रह का ही है. या फिर किसी और ग्रह से आया है. ऐसा भी हो सकता है कि अगर यह अपने स्थान विशेष से ही बाहर नहीं आया है तो यह जेजेरो क्रेटर में आए बाढ़ के समय बहकर बाहर आया होगा. या फिर ये कोई उल्कापिंड होगा जिसे नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने साल 2014 में देखा था. (फोटो:NASA)
NASA के मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Mars Perseverance Rover) ने मंगल ग्रह पर 18 फरवरी को उतरा था. इसका मकसद है खतरनाक जेजेरो क्रेटर (Jezero Crater) में प्राचीन जीवन की खोज करना. माना जाता है कि क्रेटर में पहले झील और नदियां थीं. यह एक बड़े डेल्टा का हिस्सा था. (फोटो:NASA)
जेजेरो क्रेटर में मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Mars Perseverance Rover) को स्टडी करने के लिए बहुत ज्यादा सैंपल्स और उदाहरण मिलने वाले हैं. जिनमें से एक है ये हरे रंग का पत्थर. सारे सैंपल्स की जांच करने के बाद NASA का रोवर सैंपल धरती पर वापस भेजने की तैयारी करेगा. इसके लिए इस दशक के अंत तक नया मिशन पर्सिवरेंस रोवर के पास तक भेजा जाएगा. (फोटो:NASA)
What's up with this weird green rock on Mars? Perseverance rover is trying to find out. https://t.co/1aUXMACWhb pic.twitter.com/oo4D4BOM6g
— Live Science (@LiveScience) April 6, 2021
मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Mars Perseverance Rover) पर सात साइंस इंस्ट्रूमेंट्स हैं इनमें से सुपरकैम (SuperCam) सबसे ऊपर है. यह 23 फीट की दूरी तक मौजूद किसी भी पत्थर पर लेजर मार सकता है. इससे वह उस पत्थर के केमिकल कंपोजिशन की जांच करता है. (फोटो:NASA)
2 मार्च को सुपरकैम ने मंगल ग्रह पर माज (Maaz) नाम के पत्थर पर लेजर शॉट मारा था. नासा ने जेजेरो क्रेटर के उस इलाके का नाम NAVAJO रख दिया है, जहां पर रोवर उतरा है. उत्तरीपूर्व एरिजोना में स्थित नावाजो नेशनल म्यूजियम के नाम पर जेजेरो क्रेटर के उस इलाके का नाम रखा गया है. साथ ही मंगल ग्रह के सैंपल्स के नामकरण की जिम्मेदारी भी नावाजो नेशन नाम के कंसल्टेशन ग्रुप को दी गई है. (फोटो:NASA)