हवाई (Hawaii) के माउई द्वीप (Maui Island) का लहानिया शहर जंगल की आग से जलकर खाक हो चुका है. पेड़, पौधे, सड़क, मकान, बिजली के खंभे या तार सब जलकर राख हो चुके हैं. 270 से ज्यादा इमारतें जलकर खत्म हो चुकी हैं. आग के तेजी से फैलने की वजह है समुद्र में उठे हरिकेन से आने वाली तेज हवाएं. (सभी फोटोः रॉयटर्स/एपी)
माउई द्वीप पर 40 से 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल रही है. अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है आग को नियंत्रित करने में. माउई द्वीप पर कई बार हवा की गति 107 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच जाती है.
माउई द्वीप का पश्चिमी इलाका पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है. सिर्फ एक ही हाइवे खुला है. वहां मौजूद लहानिया शहर के हजारों लोगों को सुरक्षित इलाकों में भेजा गया है. कई लोग धुएं, तेज आंच और आग से बचने के लिए समुद्र में भाग गए.
लहानिया से भागे मेसन जारवी ने बताया कि इससे पहले उन्होंने ऐसी आपदा नहीं देखी थी. पूरा का पूरा लहानिया जलकर खाक हो चुका है. यह किसी प्रलय से कम नहीं है. मेसन अपने पालतू कुत्ते को बचाने के चक्कर में थोड़ा सा जल भी गए हैं.
असल में हरिकेन डोरा माउई द्वीप से दक्षिण-पश्चिम में कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर है. वहां से आने वाली हवा की वजह से पूरे राज्य पर असर पड़ रहा है. इस हवा से जंगल की आग को बढ़ावा मिल रहा है. वह तेजी से फैल रही है.
हवाई इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने कहा कि नेशनल वेदर सर्विस ने सभी हवाई द्वीपों के लिए रेड फ्लैग वॉर्निंग या हाई विंड एडवाइजरी जारी नहीं कर रही है. लेकिन माउई द्वीप के लिए है. हवाई की लेफ्टिनेंट गवर्नर सिल्विया ल्यूक इस समय लहानिया और आसपास के इलाकों की जांच कर रही है. नुकसान का आकलन कर रही हैं.
सिल्विया ने कहा कि जिस दर्जे का नुकसान हुआ है. उसे ठीक होने में काफी ज्यादा समय लगेगा. ये पूरा शहर ऐसे लग रहा है कि यहां पर दो देशों का युद्ध हुआ हो. तीन बड़े स्थानों पर आग लगी है. 16 सड़कें पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं.
माउई द्वीप पर मौजूद 11 हजार पर्यटकों को सबसे पहले बाहर निकाला गया है. उन्हें द्वीप से बाहर भेज दिया गया है. वहां के एयरलाइंस ने अपना किराया घटा दिया है. ताकि लोग द्वीप को छोड़ कर बाहर निकल सकें. सिर्फ दो सड़कें खुली हुई हैं, जहां से लोगों को निकाला जा रहा है.
इस साल हवाई में गर्मियों के कई बार जंगलों में आग लगी. इसके अलावा ग्रीस, स्पेन, पुर्तगाल और यूरोपीय देशों के हिस्से में भी जले. यह सब इंसानों की वजह से हो रहे क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग का नतीजा है. माउई लगातार कई हफ्तों से सूखा मौसम देख रहा था.