ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट भारत में तेजी से फैल रहा है. अब तक देश में 73 मामले सामने आ चुके हैं. बताया जा रहा है कि यह वायरस ज्यादा तेजी से हवा में फैलता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस जगह पर वायरस किस तरह से फैलता है. आइए इन इंटरेक्टिव तस्वीरों के जरिए समझिए कि वायरस कैसे हवा में फैलता है? जब हम किसी से बात करते हैं तो हमारे मुंह से निकले तरल पदार्थ और हवा के साथ वायरस एक मीटर तक हवा में उड़ता है. (फोटोः रिकेन)
अगर आप किसी मूवी थियेटर या ऑडिटोरियम में बैठे हैं तो ध्यान रखिएगा कि आपके नीचे की सीट के तीन लेयर तक आपके मुंह से निकली हवा जाती है. इस काम में थियेटर का सेंट्रल कूलिंग सिस्टम भी मदद करता है. ऐसे में अगर हर रो में एक आदमी वायरस से संक्रमित हुआ तो पूरे थियेटर में वायरस मात्र 5 से 7 मिनट में फैल जाएगा. (फोटोः रिकेन)
अगर आप मेट्रो या सबवे में यात्रा कर रहे हैं, तो उसकी सेंट्रल कूलिंग सिस्टम का आनंद जरूर लिया होगा. अगर किसी एक संक्रमित इंसान से वायरस कूलिंग सिस्टम में गया तो वह पूरी मेट्रो के लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है. मेट्रो या ट्रेन के एसी कोच में हवा के सहारे वायरस 49 सेकेंड में फैल सकता है. (फोटोः रिकेन)
आप किसी छोटे मीटिंग हॉल में चर्चा कर रहे हैं, जहां पर करीब 8 से 10 लोग हैं तो एक इंसान के सांस और मुंह से निकली हवा बाकी लोगों तक 10 सेकेंड में पहुंच जाती है. ऐसे में आप सोच सकते हैं कि वायरस कितनी तेजी से आपके पास पहुंचेगा. (फोटोः रिकेन)
अगर चार लोग किसी टेबल पर बैठकर बात कर रहे हैं, जिसमें किसी तरह का कवर या सेपरेशन लेयर नहीं लगाया गया है तो सामने वाले के मुंह से निकली हवा या वायरस आपके पास 5.4 सेकेंड में पहुंच सकता है. यही बात इस टेबल पर बैठे इंसान पर लागू होती हैं, इसलिए जरूरी है कि टेबल के बीच में एक ऊंची सेपरेशन लेयर लगाई जाए. (फोटोः रिकेन)
जब आप गाना गाते हैं, उस समय आपके मुंह से निकली हवा एक से दो मीटर तक बेहद तेजी से जाती है. अगर हवा आपके नजरों की दिशा में बह रही है, तो वायरस का संक्रमण आपके सामने मौजूद ऑडियंस पर ज्यादा तेजी से होगा. जबकि, हवा अगर उल्टी दिशा में है तो संक्रमण की आंशका थोड़ी कम हो जाती है. (फोटोः रिकेन)
जब आप खांसते हैं तो आपके मुंह से हवा के साथ वायरस तीन मीटर की दूरी तक फैलता है, सबसे ज्यादा सामने की तरफ और उसके अलावा आसपास के इलाके में करीब डेढ़ मीटर तक. सिवाय आपके पीछे. पीछे की तरह वह हवा के बहाव के साथ जा सकता है. (फोटोः रिकेन)
बोलते समय मुंह से 10 हजार महीन बूंदें प्रति मिनट की दर से निकलती हैं, अगर बूंद में वायरस का एक कण हो तो सोचिए आपने एक मिनट में हवा में 10 हजार वायरस छोड़ दिए हैं. गाना गाते समय 25 हजार बूंदें प्रति मिनट और खांसते समय 15 हजार बूंदें प्रति मिनट की दर से बाहर निकलती है. गाते समय आप फेफड़ों, गलों और पेट का ज्यादा उपयोग करते हैं. खांसते समय इनका उपयोग कुछ सेकेंड्स के लिए ही होता है. (फोटोः रिकेन)
इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह के मास्क से कितना वायरस निकल सकता है. बाएं से दाएं- पहला गैर-बुना हुआ मास्क से वायरस फैलने का खतरा है. लेकिन थोड़ा कम. जबकि, कपड़े से बने मास्क से कोई फायदा नहीं दिखाई दे रहा है. इससे ज्यादा वायरस निकलता दिख रहा है. वहीं, एन95 मास्क लगाने से वायरस मास्क के अंदर ही रह जा रहा है. इसलिए लोगों का एन95 मास्क पहनना जरूरी है. (फोटोः रिकेन)
आजकल लोगों ने दफ्तर शुरु कर दिया है. कई ऑफिसों में काम करने वाली डेस्क को सेपरेट करने के लिए प्लास्टिक या ग्लास की शीट से बांट दिया गया है. ये कोरोना संक्रमण को रोकने का प्रभावी तरीका है लेकिन पूरी तरह से नहीं. यह सिर्फ कुछ समय तक ही बचा सकता है, ज्यादा समय नहीं. यह वीडियो रिकेन इंटरनेशनल अफेयर्स डिविजन ने बनाया है. जिसे टेक्नोलॉजी इन्फ्लुएंसर, स्पीकर और लेखक हैरोल्ड सिनॉट ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. (फोटोः रिकेन)
🟥How is the virus transmitted in the air?
— Harold Sinnott #CES2022 📲 (@HaroldSinnott) December 15, 2021
Source: Riken #CleanAirHolidays@la_resistensia_ https://t.co/4QPMMir0hV#CES2022 #Healthcare #Video @IrmaRaste @EvanKirstel @_atanas_ @adamsconsulting @Paula_Piccard @LEAD_Coalition @Khulood_Almani @mvollmer1
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