आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक से 40 किलोमीटर दूर तट के पास बसा है ग्रिंडाविक. सोमवार को ज्वालामुखी विस्फोट के बाद से लावा ग्रिंडाविक के मुख्य कस्बे की तरफ जा रहा है. ज्वालामुखी विस्फोट से 24 घंटे पहले 800 से ज्यादा भूकंप आए हैं. यह विस्फोट ग्रिंडाविक शहर के हेगाफेल के उत्तर में हुआ है. (फोटोः एपी)
दो महीने पहले Iceland के शहर ग्रिंडाविक की जमीन धंसने लगी थी. सड़कें दो-तीन हिस्सों में बंट गई थीं. सीधी रेखा में बनी सड़कों का हिस्से ऊपर-नीचे हो गए थे. दरारें पड़ गईं थीं. वहां से गंदी और गर्म गैसें निकल रही थीं. इस शहर के चार हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था. (फोटोः रॉयटर्स)
लगातार भूकंप के झटकों के बाद ग्रिंडाविक में जमीन फट पड़ी. 4 किलोमीटर लंबी दरार हो चुकी है. वहां से गर्म लावा निकलने लगा. पहली बार ऐसा हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला है. फिलहाल किसी तरह के यातायात को रोका नहीं गया है. दरार लगातार बढ़ रही है. साथ ही लगातार भूकंप के झटके भी महसूस हो रहे हैं. (फोटोः एपी)
आइसलैंड यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ साइंसेस के एसोसिएट प्रोफेसर हैल्डोर गैरिसन ने कहा कि रेकजाविक प्रायद्वीप में छह अलग-अलग तरह के ज्वालामुखी सिस्टम हैं. सोमवार को जो विस्फोट हुआ, वो स्वार्तसेंगी ज्वालामुखी सिस्टम (Svartsengi Volcanic System) का हिस्सा है. यह नजदीकी ज्वालामुखी फैगराडाल्सजाल से अलग है. (फोटोः एपी)
इस जगह पर ज्वालामुखी करीब 2000 साल बाद फटा है. 4 किलोमीटर लंबी दरार के अंदर से लावा हर सेकेंड 200 से 250 क्यूबिक मीटर प्रतिसेकेंड की दर से निकल रहा था. लेकिन मंगलवार को यह कम होकर एक चौथाई हो गया. ज्वालामुखी दरारों के विस्फोट पहले काफी तेज होते हैं. जबकि बाद में वो धीरे-धीरे शांत होने लगते हैं. (फोटोः एपी)
4 km लंबी यह लावा की दरार ग्रिंडाविक कस्बे से 3 किलोमीटर दूर है. विस्फोट अब भी लगातार हो रहा है. इसकी वजह से काफी मात्रा में वायु प्रदूषण हो रहा है. हवा का बहाव रिहायशी इलाकों से विपरीत दिशा में है. अगले कुछ दिनों तक हवा ऐसी ही रहने की संभावना है. फिलहाल विमानों के उड़ान पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. (फोटोः IMO)
सोमवार को इस दरार से लगातार 3530 से 7060 क्यूबिक फीट लावा प्रति सेकेंड की दर से निकल रहा था. प्रशासन ने लोगों को इस इलाके के आसपास भी जाने से मना कर दिया है. नवंबर महीने के शुरूआत में ही ग्रिंडाविक की सड़कें धंसने लगी थी. लोगों ने इलाका तो छोड़ दिया लेकिन उन्हें अपनी संपत्ति की चिंता हो रही है. (फोटोः IMO)
वैज्ञानिकों ने तभी अंदेशा जताया था कि यहां बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट होने वाला है. ग्रिंडाविक में ज्यादातर मछुआरे रहते हैं. ज्यादातर लोगों का व्यवसाय मछली से जुड़ा है. क्योंकि पूरे कस्बे की जमीन के नीचे गर्म मैग्मा बह रहा था. ग्रिंडाविक की जमीन के नीचे 10 km की लंबाई में लावा बह रहा था. यह सतह से करीब 800 मीटर नीचे था. (फोटोः एपी)
इस लावा बहाव से पैदा हुए भूकंपों की वजह से आइसलैंड के प्रमुख पर्यटन स्थल ब्लू लगून जियोथर्मल स्पा को बंद कर दिया गया था. रेकजेन्स इलाका राजधानी रेकजाविक से दक्षिण-पश्चिम में है. यह इलाका भूकंप और ज्वालामुखी के लिए ही जाना जाता है. दो साल पहले मार्च में यहां पर बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. (फोटोः एपी)
2021 हुआ ज्वालामुखी विस्फोट छह महीने तक लावा उगलता रहा. इसके बाद अगस्त 2022 में फिर एक विस्फोट हुआ, जिसका लावा तीन हफ्ते तक बहता रहा. ये सारे विस्फोट फैगराडाल्सजाल ज्वालामुखी से निकली लावा की नहरों की जाल की वजह से हो रहे हैं. ज्वालामुखी की जमीनी सुरंगें 6 किलोमीटर चौड़ी और 19 किलोमीटर लंबी है. (फोटोः एपी)
ये लावा की सुरंगें करीब 6 हजार साल से शांत पड़ी थीं. लेकिन पिछले दो साल से इनमें लगातार विस्फोट हो रहा है. ये एक्टिव हो गई हैं. असल में आइसलैंड यूरेशियन और नॉर्थ अमेरिकन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच में मौजूद है. ये दोनों प्लेट्स धरती की सबसे बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. इसलिए यहां पर ज्वालामुखी विस्फोट होता रहता है. भूकंप आते रहते हैं. (फोटोः एपी)
वैज्ञानिक लगातार स्टडी कर रहे हैं. वो अभी ये नहीं बता सकते कि ये विस्फोट कितने दिन तक होता रहेगा. कितने दिनों तक जमीन के नीचे से लावा निकलता रहेगा. यह दरार ग्रिंडाविक के मुख्य कस्बे से मात्र 3 किलोमीटर दूर है. यह जिस गति से बढ़ रही है, उस हिसाब से अगले कुछ दिनों में यह शहर तक भी पहुंच सकती है. इससे शहर जल सकता है. (फोटोः एपी)