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साइंस न्यूज़

Nagastra-1: सर्जिकल स्ट्राइक नहीं... अब दुश्मन के घर में घुसकर हमला करेगा भारतीय आत्मघाती ड्रोन

Nagastra-1 Suicide Drone
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इंडियन आर्मी (Indian Army) नागपुर स्थित निजी डिफेंस कंपनी सोलार इंडस्ट्रीज से 450 नागास्त्र-1 (Nagastra-1) लॉयटरिंग म्यूनिशंस खरीद रही है. स्वदेशी हथियार बनाने वाली इस कंपनी ने इजरायल और पोलैंड की कंपनियों को हराकर यह डील हासिल की है. नागास्त्र-1 एक तरह का सुसाइड ड्रोन है. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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सोलार इंडस्ट्रीज को एक साल के अंदर ये सारे हथियार भारतीय सेना को सौंपने हैं. पिछली साल इस हथियार का चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में सफल परीक्षण हुआ था. यानी भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. सीमा इस पार से ड्रोन उड़ेगा, वह दुश्मन के घर में घुसकर आत्मघाती हमला कर सकेगा. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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आम भाषा में आप इन्हें सुसाइड ड्रोन कह सकते हैं. सेना की भाषा में इसे लॉयटरिंग म्यूनिशंस कहते हैं. इस हथियार को नागपुर की सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स और बेंगलुरु के जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने मिलकर बनाया है. 

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Nagastra-1 Suicide Drone
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सोलार इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सत्य नारायण नुवाल ने aajtak.in को बताया कि इस हथियार को बनाने के पीछे मकसद ये हैं कि हथियारों के बाजार में भारत आत्मनिर्भर हो. दोनों कंपनियों ने मिलकर जो लॉयटरिंग म्यूनिशन बनाया है, उसके दो प्रकार हैं. पहला LM0 और LM1. ये पुराना नाम है. अब इनका नाम है नागास्त्र. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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पिछले साल 21 से 23 मार्च को नुब्रा घाटी में तीनों ही हथियारों का सफल परीक्षण हुआ है. नागास्त्र के दोनों वैरिएंट 60 से 90 मिनट तक उड़ सकते हैं. इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 KM है. दुनिया में यह पहली बार हुआ है कि जब 1 से लेकर 4 KG वॉरहेड के साथ किसी मैन-पोर्टेबल लॉयटर म्यूनिशन का सफल परीक्षण हुआ है. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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यह ड्रोन 4500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है. इस हथियार का परीक्षण आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने किया था. नागास्त्र फिक्स्ड विंग्स ड्रोन हैं. जिसके पेट में विस्फोटक रख कर दुश्मन के अड्डे पर हमला बोला जा सकता है. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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नागास्त्र के दो अलग-अलग वैरिएंट हैं. पहला हाथों से या फिर ट्राईपॉड से उड़ा सकते हैं. इसका वजन 6 KG है. यह एक बार में 60 मिनट उड़ सकता है. ऑपरेशनल रेंज दो हिस्सों में बंटी है. 15 किलोमीटर वीडियो लिंक रेंज है. 45 KM जीपीएस टारगेट रेंज है. इसमें एक किलोग्राम वजन का वॉरहेड लोड किया जा सकता है. इसके विस्फोट से 20 मीटर का इलाका खत्म हो सकता है. इसमें रीयल टाइम वीडियो बनता है. सर्विलांस और हमला करने में सक्षम. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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दूसरा वैरिएंट मैन-पोर्टेबल है. इसे दो सैनिक मिलकर ढो सकते हैं. इसमें 4 KG विस्फोटक लगा सकते हैं. यह टैंक, बख्तरबंद और एंटी-पर्सनल हमले के काम आ सकता है. यह पोर्टेबल न्यूमैटिक लॉन्चर के जरिए उड़ता है. लैंडिंग पैराशूट के जरिए होती है. 

Nagastra-1 Suicide Drone
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इसके तीन मोड्स आते हैं. इसमें ड्यूल सेंसर लगे हैं, जो दिन-रात में काम करते हैं. इसका वजन 11 KG है. यह 90 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है. वीडियो लिंक रेंज 25 KM है. जीपीएस टारगेट रेंज 60 KM है. यह हथियार इजरायल और पोलैंड से आयात किए गए हवाई हथियारों से करीब 40 फीसदी सस्ता पड़ेगा.

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दो साल पहले ही सोलार इंडस्ट्रीज ने जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स में 45% का इक्विटी स्टेक लिया है. इससे सोलार कंपनी को मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) बनाने का मौका मिला. साथ ही कंपनी काउंटर ड्रोन सिस्टम्स (Counter Drone Systems) भी बना रही है. ताकि दुश्मन के ड्रोन हमलों से बचाव मिल सके. 

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