रूस ने यूक्रेन के खिलाफ पिछले साल जंग छेड़ी. उस समय भारतीय नौसेना की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न (INS Sindhuratna) रूस में मेंटेनेंस के लिए गई थी. इसे पूरी तरह से अपग्रेड किया जा रहा था. लेकिन युद्ध की वजह से इसमें देरी हुई. फिर उसे आने की अनुमति नहीं मिल रही थी.
अंततः आईएनएस सिंधुरत्न 97 दिनों की समुद्री यात्रा करके 16 मई 2023 को वापस मुंबई पहुंची. इस दौरान उसने नॉरवेनियन सागर, इंग्लिश चैनल और भूमध्यसागर की यात्रा की. पिछले एक साल से युद्ध, परिवहन की दिक्कत और लॉजिस्टिकल चुनौतियों की वजह से पनडुब्बी आ नहीं पा रही थी.
अब यह सबमरीन वापस आ चुकी है. इसमें काफी चीजें बदली गई हैं. यह ज्यादा आधुनिक हो चुकी है. हालांकि साल 2014 के फरवरी महीने में इस पनडुब्बी में एक हादसा हो गया था. जिसकी वजह से दो नौसैनिक शहीद हो गए थे. जानिए इस पनडुब्बी की ताकत को...
सिंधुरत्न जब सतह पर रहती है तब 2325 टन डिस्प्लेसमेंट होता है. पानी के अंदर यह बढ़कर 3076 टन हो जाता है. इसकी लंबाई 238 फीट है. बीम 32 फीट. ड्रॉट 22 फीट की है. सतह पर इसकी गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है.
पानी के अंदर इसकी गति 17 से 35 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है. इसकी रेंज 640 किलोमीटर से 9700 किलोमीटर तक है. लेकिन यह रेंज उसकी गति के घटने-बढ़ने पर निर्भर करती है. यह आमतौर पर 45 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है.
इसमें 52 नौसैनिक रह सकते हैं. इनमें 13 अधिकारी और 39 नौसैनिक शामिल होते हैं. पनडुब्बी ऑपरेशनली 790 फीट की गहराई तक जाती है. अधिकतम यह 980 फीट तक जा सकती है.