भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने मीडियम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल MRSAM यानी मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल को विशाखापट्टनम गाइडेड मिसाइल विध्वंसक (INS Visakhapatnam) से दागा गया, जिसने दुश्मन के एंटी शिप मिसाइल को मार गिराया.
INS विशाखापट्टनम डेस्ट्रॉयर में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 किलोमीटर है. या बराक 8ER मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं, जिसकी रेंज 150 किलोमीटर है. इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. यानी इन दोनों मिसाइलों से लैस होने के बाद ये युद्धपोत समुद्री शैतान की तरह दुश्मन के जहाजों और विमानों पर मौत बनकर टूट पड़ेगा.
MRSAM को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी MRSAM ही है. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है.
MRSAM का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड लगा सकते हैं. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है.
#IndianNavy successfully undertook MRSAM firing from #INSVisakhapatnam validating capability to engage Anti Ship Missiles.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) March 7, 2023
MRSAM jointly developed by @DRDO_India & #IAI, & produced at #BDL reflects #IndianNavy's commitment to #AatmaNirbharBharat.@DefenceMinIndia @PMOIndia pic.twitter.com/I8LwCV2WWH
एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM आसमान में सीधे 16 KM तक टारगेट को गिरा सकती है. वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है. इस बात को आज पुख्ता कर लिया गया है.
MRSAM मिसाइल में नई बात है रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर यानी यह दुश्मन का यान अगर चकमा देने के लिए सिर्फ रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी. इसकी गति है 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसकी गति भी इसे बेहद घातक बनाती है.
भारत ने इजरायल से MRSAM मिसाइल के पांच रेजीमेंट खरीदने की बात की है. इसमें 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइल आएंगे. इस डील की कीमत करीब 17 हजार करोड़ रुपए है. इन मिसाइलों की तैनाती से भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि साल 2023 तक इनकी तैनाती कर दी जाएगी.