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साइंस न्यूज़

बराक-ब्रह्मोस से लैस भारतीय नौसेना के इन दो युद्धपोतों से कांपेगा दुश्मन, जल्द होगी तैनाती

INS Vikrant Missile Destroyer
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इस साल के अंत तक भारतीय नौसेना को विमानवाहक पोत INS विक्रांत और मिसाइल डेस्ट्रॉयर मिल जाएगी. इसके साथ ही इंडियन नेवी की ताकत काफी बढ़ जाएगी. INS विक्रांत 45 हजार टन का एयरक्राफ्ट करियर है. जबकि विशाखापट्टनम क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर 7500 टन का होगा. इन दोनों विशालकाय युद्धपोतों के शामिल होने से भारत की इंडो-पैसिफिक इलाके में ताकत बढ़ जाएगी. (फोटोः गेटी)

INS Vikrant Missile Destroyer
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वेस्टर्न नेवी के पूर्व कमांडर ने कहा कि INS विक्रांत और INS विशाखापट्टनम आधिकारिक तौर पर अगले साल नौसेना को सौंपे जाएंगे, लेकिन ये इस साल नेवी को अलग-अलग तरह के परीक्षण करने के लिए मिल जाएंगे. ताकि नौसेना इनको समुद्र में उतार कर देख सके कि ये कितने ताकतवर, टिकाऊ, मजबूत और भरोसेमंद हैं. (फोटोः पीटीआई)

INS Vikrant Missile Destroyer
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पिछले शनिवार को चीन ने दक्षिणी चीन सागर में स्थित हैनान नेवल फैसिलिटी के सान्या में तीन मुख्य युद्धपोत शामिल किए हैं. वहीं, कोचीन शिपयार्ड INS विक्रांत का परीक्षण करेगा ताकि नौसेना से पहले वह संतुष्ट हो जाए. इसके बाद इंडियन नेवी इन युद्धपोतों का ट्रायल लेगी. INS विशाखापट्टनम को मझगांव डॉकयार्ड में ट्रायल पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना दिवस के दिन सौंपने की उम्मीद है. (फोटोः पीटीआई)

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INS Vikrant Missile Destroyer
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INS विक्रांत (INS Vikrant) में जनरल इलेक्ट्रिक के ताकतवर टरबाइन लगे हैं. इस पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन होंगे. इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक फोर्स की रेंज 1500 किलोमीटर है. इसपर बराक मिसाइलें लगी हैं. जो जमीन से हवा पर मार कर सकती हैं. ताकि दुश्मन के जहाज युद्धपोत पर हमला न कर सकें. (फोटोः गेटी)

INS Vikrant Missile Destroyer
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INS विशाखापट्टनम (INS Vishkhapatnam) मुख्य युद्धपोत है. जिसमें एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें लगी हैं. इसके अलावा कई घातक टॉरपीडो भी रहेंगी जो दुश्मन की पनडुब्बियों से युद्धपोत को बचाएंगी. भारतीय नौसेना इस समय परमाणु ईंधन से चलने वाली पनडुब्बियों पर भी काम कर रहा है. (फोटोः पीटीआई)

INS Vikrant Missile Destroyer
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इसके अलावा INS विक्रमादित्य की जगह INS विशाल नाम के विमानवाहक पोत को बनाने की तैयारी की जा रही है. इसका मतलब ये है कि जब विक्रमादित्य को नौसेना से डिकमीशन किया जाएगा, उससे ठीक पहले विशाल को नेवी में आधिकारिक तौर पर शामिल कर दिया जाएगा. (फोटोः गेटी)

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इतना ही नहीं, भारतीय नौसेना अगले साल अपने बेड़े में INS अरिघट को शामिल करने जा रही है. यह भारतीय नौसेना का दूसरी बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस परमाणु पनडुब्बी होगी. इसे स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड को सौंपा जाएगा. ये पनडुब्बी 3500 किलोमीटर रेंज की होगी. साथ ही इसमें K-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें होंगी. (फोटोः इंडियन डिफेंस न्यूज)

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