8 साल पहले जनवरी के महीने में पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) के आसमान में एक तेज विस्फोट हुआ. तेजी से आता हुआ पदार्थ वायुमंडल में आते ही फट गया. वैज्ञानिक जांच-पड़ताल में जुट गए. अमेरिकी सरकार ने इसकी जानकारी गोपनीय कर दी. जिसका खुलासा अब किया गया है. गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के बाद पता चला कि यह दूसरी दुनिया से आया हुआ उल्कापिंड था. यानी तारों के अलग समूह से आया मेटियोराइट (Meteorite). (फोटोः राफेल मॉउरा एसबी/पिक्साबे)
इस मिटियोराइट की चौड़ाई मात्र 1.5 फीट थी. यह 8 जनवरी 2014 को पापुआ न्यू गिनी के ऊपर वायुमंडल में 2.10 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आया. इसकी गति सामान्य उल्कापिंडों की गति से कहीं ज्यादा थी. इसकी गति और आने को लेकर एक स्टडी साल 2019 में की गई थी. यह स्टडी प्रीप्रिंट डेटाबेस arXiv पर मौजूद है. (फोटोः लॉजिकल थ्रेड्स/पिक्साबे)
इस स्टडी में बताया गया था कि उल्कापिंड की गति और ऑर्बिट की ट्रैजेक्टरी बताती है कि यह 99 फीसदी किसी अन्य तारों के समूह से आया है. इसका हमारे सौर मंडल से कोई लेना देना नहीं है. संभावित है कि आकाशगंगा के किसी दूसरे छोर पर स्थित तारों के किसी अन्य समूह से यह उल्कापिंड आया हो. (फोटोः चिल वेरा/पिक्साबे)
हैरानी की बात ये है कि जिन्होंने इस उल्कापिंड की स्टडी की, वो कभी पीयर रिव्यू नहीं हुए. न ही किसी साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित हुई. अब जाकर यूएस स्पेस कमांड (USSC) के वैज्ञानिकों ने आधिकारिक तौर पर स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों के नतीजों को सही माना. यूएस स्पेस कमांड ने 1 मार्च को मेमो निकाला, जिसे ट्वीट के जरिए 6 अप्रैल 2022 को शेयर किया गया. (फोटोः इमेनकॉस/पिक्साबे)
इस ट्वीट में USSC के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जॉन ई शॉ ने कहा कि साल 2019 में की गई फायरबॉल का एनालिसिस सटीक था. यह इस बात की पुष्टि करता है कि यह दूसरे तारों के समूह से आया उल्कापिंड था. यानी हमारे सौर मंडल में दूसरे किसी तारों के समूह से आने वाला यह पहला एलियन मेहमान था. जो धरती के वायुमंडल में आकर धमाके के साथ खत्म हो गया. (फोटोः पिक्साबे)
6/ “I had the pleasure of signing a memo with @ussfspoc’s Chief Scientist, Dr. Mozer, to confirm that a previously-detected interstellar object was indeed an interstellar object, a confirmation that assisted the broader astronomical community.” pic.twitter.com/PGlIOnCSrW
— U.S. Space Command (@US_SpaceCom) April 7, 2022
यह उल्कापिंड ओउमुआमुआ (Oumuamua) की खोज से पहले धरती के वायुमंडल में नया मेहमान आ चुका था. ओउमुआमुआ तो धरती से बहुत दूर ही दिख गया था. जबकि 2014 में पापुआ न्यू गिनी के ऊपर फटने वाला उल्कापिंड कब आया किसी को पता ही नहीं चला था. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट अमीर सिराज और उनके साथी ने इसकी खोज की थी. (फोटोः ल्यूमिनस आर्ट/पिक्साबे)
अमीर सिराज ने कहा कि 2014 में आया उल्कापिंड दक्षिणी प्रशांत महासागर के ऊपर फटा था. संभावना थी कि विस्फोट के बाद इसके टुकड़े समुद्री तलहटी और आसपास के जमीनों पर गिरे हों. दूसरे तारों के समूह से आए इस उल्कापिंड के टुकड़ों को खोजना आसान नहीं था. बड़ी मुश्किल से हमें इसके कुछ जले हुए टुकड़े मिले थे. हमनें इनके टुकड़े खोजने के लिए एक्सपर्ट की मदद ली थी. (फोटोः पिक्साबे)
सिराज ने बताया कि उल्कापिंड के पहले टुकड़े के मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गई थी. हमारे पास उसकी जांच करने के लिए पर्याप्त पदार्थ था. हमने इसके टुकड़ों को खोजने के लिए समुद्री और मिट्टी एक्सपर्ट की मदद ली थी. ताकि हमें जल्द से जल्द इसके टुकड़े मिले. (फोटोः पिक्साबे)
Declassified Government Data Reveal an Interstellar Object Exploded in The Sky in 2014 https://t.co/CJLAPbW0tK
— ScienceAlert (@ScienceAlert) April 12, 2022