पीसा की झुकी मीनार (Leaning Tower of Pisa) पर हर साल लाखों पर्यटक जाते हैं. इसकी वजह इस ऐतिहासिक स्थल के नाम में ही है. सदियों से यह मीनार इसी तरह से झुकी हुई है. लेकिन इटली का यह खूबसूरत पर्यटन स्थल कब तक इसी तरह झुका रहेगा. पीसा की झुकी मीनार का भविष्य क्या है? अगर ये गिरेगी तो कब? क्या वैज्ञानिक इसकी मजबूती और स्थिति की गणना सही कर पा रहे हैं. क्या उन्हें इसका भविष्य जानने के लिए इतिहास को खंगालना होगा. (फोटोः पिक्साबे)
पियाजा डेल डुओमो यानी कैथेड्रल स्क्वायर पर बेल टॉवर का निर्माण 1173 में शुरु हुआ. दो सदियों तक निर्माण चलता रहा. क्योंकि इस दौरान कई युद्ध हुए. जब मामला थोड़ा शांत हुआ तो इसे बनाने वालों ने देखा कि शुरुआती कुछ मंजिल दक्षिणी दिशा की तरफ झुकी हुई है. इसमें बनाने वालों का दोष नहीं था. सारी गलती थी मीनार के नीचे मौजूद लचीली मिट्टी की. (फोटोः पिक्साबे)
इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल में सिविल इंजीनियरिंग विभाग की मैरी क्यूरी रिसर्च फेलो गैब्रिएल फियोरेनटिनो ने कहा कि मीनार के कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को रोकने के बजाय वो लोग थोड़ा क्रिएटिव हो गए. ऊपर की हर मंजिल को थोड़ा-थोड़ा एंगल देकर सही करने का प्रयास करते चले गए. लेकिन इससे फायदा नहीं हुआ. मीनार झुकी ही रह गई. केले के आकार में दिखने लगी. (फोटोः पिक्साबे)
पीसा की झुकी मीनार (Leaning Tower of Pisa) 1370 के आसपास बनकर तैयार हुई. 1.6 डिग्री झुकाव के साथ. अंदर से खाली सिलेंडर की तरह. आठ मंजिल बन चुके थे. कुल मिलाकर 196 फीट ऊंची इमारत तैयार थी. पत्थरों और कॉन्क्रीट के ऊपर मार्बल के खंभे और वॉल्टस के साथ. साल 1990 तक यह 5.5 डिग्री एंगल पर झुक गई थी. तब इटली की सरकार ने इसे बचाने के लिए मिशन शुरु किया. (फोटोः पिक्साबे)
सरकार का प्लान था कि बिना पर्यटकों को रोके, बिना कोई तोड़फोड़ किए इसे बचाया जाएगा. गैब्रिएल ने कहा कि पहले इंजीनियरों ने 1993 में मीनार के उत्तरी तरफ 600 टन लीड (Lead) उसके नींव में डाली. उम्मीद थी कि दक्षिणी तरफ मिट्टी धंसने का फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. 300 टन और लीड डाला गया और साथ में ग्राउंड एंकर्स लगाए गए. (फोटोः पिक्साबे)
Is the Leaning Tower of Pisa really falling over? https://t.co/NveIW36VN1
— Live Science (@LiveScience) April 18, 2022
इसके बाद प्लान बनाया गया कि नींव के अंदर से खुदाई करेंगे. अलग तरीके से खुदाई की गई. ढांचे को बिना नुकसान पहुंचाए मिट्टी निकाली गई. टावर 10 डिग्री उत्तर की ओर झुका दिया गया. ताकि अगर ये फिर से दक्षिण की ओर झुके तो भी पांच डिग्री तक आने में इसे काफी समय लगे. ग्रैबिएल ने बताया कि ऐसा करने से टावर की उम्र 200 साल और बढ़ गई. लेकिन यह एक अस्थाई जुगाड़ था. (फोटोः पिक्साबे)
गैब्रिएल ने कहा कि हम फिलहाल नहीं जानते कि अगले 300 वर्षों तक यह मीनार बचेगी या नहीं. यह वापस 5.5 डिग्री झुक सकती है, जैसे 1990 में थी. लेकिन तब तक यह टावर सुरक्षित है. लंबे समय से यहां पर किसी तरह का युद्ध या निर्माण नहीं हुआ है, इसलिए मिट्टी भी धीरे-धीरे टिक गई है. लचीली मिट्टी अब हिल नहीं रही है. इसलिए मीनार की नींव भी संतुलित है. (फोटोः पिक्साबे)
मीनार की नींव टावर से ज्यादा मोटी है. इसलिए इसके वजन का सेंटर जमीन से नीचे जाता है. अभी इसके आसपास भूकंपों से होने वाली हलचलों का भी प्रभाव कम पड़ता है. भूकंपों से यही लचीली मिट्टी इस मीनार को बचाती है. फिलहाल इसे बचाने को लेकर किसी तरह का फिजिकल कदम नहीं उठाया जा रहा है. (फोटोः पिक्साबे)
गैब्रिएल ने कहा कि रोमन चाहते थे कि ऐसी इमारत हो जिससे उनके देश की पहचान बने. वह बनी भी. आज भी लोग पीसा की झुकी मीनार (Leaning Tower of Pisa) को हैरान करने वाले निर्माण कार्यों में करते हैं. (फोटोः पिक्साबे)