भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 फरवरी 2022 की सुबह 5.59 बजे अपने सबसे भरोसेमंद रॉकेट PSLV-C52 से इस साल की पहली लॉन्चिंग सफलतापूर्वक कर दी. बतौर इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ (Dr. S. Somanath) का भी यह पहला मिशन था. रॉकेट ने को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड संख्या एक से अंतरिक्ष की ओर रवाना किया गया. लॉन्च की प्रक्रिया सुबह 4.29 बजे शुरु हो गई थी. (फोटोः गेटी)
ये भारत द्वारा छोड़ा गया 41वां अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट था. पहला ऐसा सैटेलाइट 7 जून 1979 को छोड़ा गया भास्कर-1 (Bhaskara-1) था. EOS-4 यानी RISAT-1A को जमीन से 529 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया है. अब आपको बताते हैं कि इस बार का लॉन्च इतना महत्वपूर्ण क्यों था. यह सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया 80वां लॉन्च व्हीकल था. यह PSLV रॉकेट की 54वीं उड़ान और PSLV-XL (6 Strap on के साथ) 23वीं सफल उड़ान थी. (फोटोः ISRO)
ISRO ने पिछले साल अपने प्लान में यह बताया था कि वह जुलाई 2021 में EOS-4/RISAT-1A सैटेलाइट को PSLV-C52 रॉकेट से लॉन्च करेगा. यह एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है. लेकिन कोरोना काल की वजह से यह लॉन्चिंग टलती चली गई. अब जाकर इसकी लॉन्चिंग हुई. इस सैटेलाइट के साथ दो और सैटेलाइट भी भेगे गए हैं- पहला- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंट एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स द्वारा बनाया गया INSPIREsat-1 और दूसरा इंडिया-भूटान ज्वाइंट सैटेलाइट INS-2B. (फोटोः ISRO)
India’s Polar Satellite Launch Vehicle PSLV-C52 injected Earth Observation Satellite EOS-04, into an intended sun synchronous polar orbit of 529 km altitude at 06:17 hours IST on February 14, 2022 from Satish Dhawan Space Centre, SHAR, Sriharikota. https://t.co/BisacQP8Qf
— ISRO (@isro) February 14, 2022
इसरो (ISRO) ने 43 साल में अब तक 41 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं. जिनमें से कुल मिलाकर तीन फेल हुए हैं. यानी 40 सफल. हमारे वैज्ञानिकों की सफलता और सटीकता देखिए कि 1988 में पहली असफलता मिली. दूसरी 1993 में. इसके बाद 28 सालों तक कोई विफलता नहीं मिली थी. फेल हुए लॉन्च में शामिल हैं- SROSS-2 - 13 जुलाई 1988 ASLV-D2 रॉकेट, IRS-1E - 20 सितंबर 1993 PSLV-D1 रॉकेट और EOS-3 - 12 अगस्त 2021 GSLV-F10 रॉकेट. (फोटोः ISRO)
इसरो ने बताया कि धरती की निचली कक्षा (Lower Earth Orbit) में अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-4/RISAT-1A को तैनात किया गया है. इससे पहले INS-2B की लॉन्चिंग मार्च 2022 में तय की गई थी. लेकिन इस बार इसे EOS-4 के साथ लॉन्च किया गया. EOS-04 सैटेलाइट 1710 किलोग्राम का है. इस सैटेलाइट का मुख्य काम मैपिंग यानी नक्शा बनाना है. यह मौसम संबंधी एप्स के लिए नक्शे देगा. खेती-बाड़ी के लिए तस्वीरें खींचेगा. जंगल और पौधारोपण के लिए मदद करेगा. धरती की नमी और हाइड्रोलॉजी और बाढ़ के समय मदद करेगा. (फोटोः ISRO)
EOS-04 सैटेलाइट को निगरानी सैटेलाइट भी कहा जा सकता है. क्योंकि यह किसी भी तरह के भौगोलिक स्थितियों पर नजर रख सकता है. यह एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है. यह रडार इमेजिंग और निगरानी के लिए उपयोग में लाई जाती है. इन सैटेलाइट्स को धरती से 529 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात किया जाता है. इस सीरीज की पहली सैटेलाइट साल 2009 में लॉन्च की गई थी. इस सैटेलाइट का उपयोग निगरानी और विकास कार्यों के लिए किया जाता है. जैसे कृषि और आपदा प्रबंधन. (फोटोः ISRO)
Launch of PSLV-C52/EOS-04 https://t.co/naTQFgbm7b
— ISRO (@isro) February 13, 2022
इसरो इस साल के शुरुआती तीन महीनों के अंदर कुछ और लॉन्चिंग की तैयारी में है. पहली तो EOS-4 होगी. इसके बाद PSLV-C53 पर OCEANSAT-3 मार्च में लॉन्च किया जाएगा. अप्रैल में SSLV-D1 माइक्रोसैट की लॉन्चिंग होगी. हालांकि किसी भी लॉन्चिंग की तय तारीख आखिरी वक्त तक बदली जा सकती है. क्योंकि किसी भी लॉन्च से पहले कई तरह के मानकों को देखना होता है. (फोटोः ISRO)
यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं और मौसम संबंधी रियल टाइम जानकारी देता. यह तस्वीरें रियल टाइम में इसरो के केंद्रों को प्राप्त होंगी. जिनका उपयोग जलीय स्रोतों, फसलों, जंगलों, सड़कों-बांधों-रेलवे के निर्माण में भी किया जा सकता था. इतना ही नहीं इस सैटेलाइट की ताकतवर आंखें हमारे जमीनी और जलीय सीमाओं की निगरानी भी करतीं. इसकी मदद से दुश्मन की हलचल का पता भी किया जा सकता था. (फोटोः ISRO)
RISAT-1A का मिशन 5 साल का रहेगा. इस सैटेलाइट में सी बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार है. जो किसी भी मौसम में भारत के हिस्सों की इमेजिंग कर सकता है. यह अपने सीरीज का छठा सैटेलाइट है. ISRO द्वारा पहले भेजे गए Cartosat और RISAT सीरीज के सैटेलाइट्स ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट अटैक और चीन के साथ पिछले साल हुए विवाद के समय सीमा पर भरपूर नजर रखी थी. जिससे दुश्मन देशों की हालत खराब हो रही थी. हमारे दुश्मन इस बात से घबराते हैं कि उनकी हरकतों पर भारत अंतरिक्ष से नजर रख रहा है. (फोटोः ISRO)