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साइंस न्यूज़

EOS-4 Launching: साल 2022 की ISRO की पहली लॉन्चिंग जल्द, जानें 'निगरानी सैटेलाइट' की खासियत

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले साल अपने प्लान में यह बताया था कि वह जुलाई 2021 में EOS-4/RISAT-1A सैटेलाइट को PSLV-C52 रॉकेट से लॉन्च करेगा. यह एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है. लेकिन कोरोना काल की वजह से यह लॉन्चिंग टलती चली गई. अब इसकी लॉन्चिंग की संभावित तारीख 14 से 17 फरवरी के बीच हो सकती है. (फोटोः ISRO)

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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इसरो के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्पेस एजेंसी धरती की निचली कक्षा (Lower Earth Orbit) में अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-4/RISAT-1A को तैनात कर सकता है. हालांकि इसरो ने अभी इस लॉन्च की आधिकारिक घोषणा नहीं की है. लेकिन पिछले दो सालों में इसरो के कई मिशन कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से अटके हैं. (फोटोः गेटी)

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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इसरो इस साल के शुरुआती तीन महीनों के अंदर पांच लॉन्चिंग की तैयारी में है. पहली तो EOS-4 होगी. इसके बाद PSLV-C53 पर OCEANSAT-3 और INS-2B मार्च में लॉन्च किया जाएगा. अप्रैल में SSLV-D1 माइक्रोसैट की लॉन्चिंग होगी. हालांकि किसी भी लॉन्चिंग की तय तारीख आखिरी वक्त तक बदली जा सकती है. क्योंकि किसी भी लॉन्च से पहले कई तरह के मानकों को देखना होता है. (फोटोः ISRO)

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ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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RISAT-1A एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है. यह रडार इमेजिंग और निगरानी के लिए उपयोग में लाई जाती है. इन सैटेलाइट्स को धरती से 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात किया जाता है. इस सीरीज की पहली सैटेलाइट साल 2009 में लॉन्च की गई थी. इस सैटेलाइट का उपयोग निगरानी और विकास कार्यों के लिए किया जाता है. जैसे कृषि और आपदा प्रबंधन. (फोटोः गेटी)

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं और मौसम संबंधी रियल टाइम जानकारी देता. यह तस्वीरें रियल टाइम में इसरो के केंद्रों को प्राप्त होंगी. जिनका उपयोग जलीय स्रोतों, फसलों, जंगलों, सड़कों-बांधों-रेलवे के निर्माण में भी किया जा सकता था. इतना ही नहीं इस सैटेलाइट की ताकतवर आंखें हमारे जमीनी और जलीय सीमाओं की निगरानी भी करतीं. इसकी मदद से दुश्मन की हलचल का पता भी किया जा सकता था. (फोटोः गेटी)

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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RISAT-1A का मिशन 5 साल का रहेगा. इस सैटेलाइट का वजन 1858 किलोग्राम है. इस सैटेलाइट में सी बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार है. जो किसी भी मौसम में भारत के हिस्सों की इमेजिंग कर सकता है. यह अपने सीरीज का छठा सैटेलाइट है. साल 1979 से लेकर अब तक 37 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट्स छोड़े गए. इनमें से दो लॉन्च के समय ही फेल हो गए थे. (फोटोः गेटी)

ISRO First launch EOS 4 RISAT-1A
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ISRO द्वारा पहले भेजे गए Cartosat और RISAT सीरीज के सैटेलाइट्स ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट अटैक और चीन के साथ पिछले साल हुए विवाद के समय सीमा पर भरपूर नजर रखी थी. जिससे दुश्मन देशों की हालत खराब हो रही थी. हमारे दुश्मन इस बात से घबराते हैं कि उनकी हरकतों पर भारत अंतरिक्ष से नजर रख रहा है. (फोटोः ISRO)

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